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Thursday, July 24, 2008

मेरी सबसे प्यारी कविता


आज सुबह
कुछ यूँ हुआ कि
बारिश के पानी के तालाब में
तैरती दिखी एक कागज़ की नाव
और वही खड़ी ताली बजाती
हंस रही थी छोटी बहन

वो नाव
दरअसल
एक कविता थी
जो उतारी थी मैंने कागज़ पर
कल रात ही
कविता में कई नए शब्द थे
और नए भाव भी
प्रमथ्यु के दर्द की बात थी
और अंधेरे -उजालों की बातें भी
सफेदपोशों की धज्जियां भी थीं
और जिंदा जलाये जाते मुर्दों का ज़िक्र भी था
बातें बहुत सारी थीं जहान भर की

कुछ ऐसी ही थी
वो कविता
जो फिलहाल
तैर रही थी बारिश के जमे पानी में
गंदले शब्द घुल रहे थे उथले पानी में
और मैं,

मैं देख रहा था दम साधे
कि कैसे
एक कविता को तैरते देख
हंस रही थी
मेरी सबसे प्यारी कविता

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19 कविताप्रेमियों का कहना है :

देवेन्द्र पाण्डेय का कहना है कि -

जुलाई के प्रथम सप्ताह की तरह अंतिम सप्ताह की यह कविता भी जोरदार है। वैसे मेरे विचार से अंतिम पंक्ति --मेरी सबसे प्यारी कविता-के स्थान पर -हंस रही थी छोटी बहन- ही ज्यादा अच्छा होता।--देवेन्द्र पाण्डेय।

विश्व दीपक का कहना है कि -

वाह!
अंतिम पंक्ति आते-आते दर्द और प्रेम चरम पर आ गए थे।
अपनी छोटी बहन को सबसे प्यारी कविता कहना मुझे बेहद भाया।
बधाई स्वीकारें\

-विश्व दीपक ’तन्हा’

अवनीश एस तिवारी का कहना है कि -

शुरू में मन लगा लेकिन अंत नही भाया |
एक मिश्रण सा बन गया - कविता में किसे सबसे ऊपर रखा है - बहन को या अपनी कही बातों को ?
कुछ और होता जैसे - गंदले शब्द घुल रहे थे उथले पानी में
इसे ही आगे ले जाते |

और रचना की प्रतीक्षा में

-- अवनीश तिवारी

Smart Indian का कहना है कि -

बहुत अच्छी लगी आपकी यह प्यार भरी कविता.

Avanish Gautam का कहना है कि -

"कविता में कई नए शब्द थे
और नए भाव भी
प्रमथ्यु के दर्द की बात थी
और अंधेरे -उजालों की बातें भी
सफेदपोशों की धज्जियां भी थीं
और जिंदा जलाये जाते मुर्दों का ज़िक्र भी था
बातें बहुत सारी थीं जहान भर की"


और
"गंदले"

और
"कि कैसे
एक कविता को तैरते देख
हंस रही थी
मेरी सबसे प्यारी कविता"

यह न भी होते तो
भी कविता बढिया और मु्कम्मल होती.

आपकी कविता पढ कर मुझे अपनी एक पुरानी कविता याद आ गई कोशिश करूगाँ कि वह कविता ज़ल्द ही आपके सामने हो.

बधाइयाँ

BRAHMA NATH TRIPATHI का कहना है कि -

शुरुआत अच्छा लगा बीच में काफ़ी दर्द भरा भाव आया
किंतु अंत उतना प्रभावशाली नही रहा

मैं देख रहा था दम साधे
कि कैसे
एक कविता को तैरते देख
हंस रही थी
मेरी सबसे प्यारी कविता

यहाँ आपने अपनी कविता को हँसते हुये बताया है या अपनी छोटी बहन को ये स्पष्ट नही हो पाया

Anonymous का कहना है कि -

sach me poori kavita badi masoom hai mujhe bahut hi achchhi lagi
saader
rachana

Sajeev का कहना है कि -

waah....aur kya kahun....shabd nahi hain :)

सीमा सचदेव का कहना है कि -

मैं देख रहा था दम साधे
कि कैसे
एक कविता को तैरते देख
हंस रही थी
मेरी सबसे प्यारी कविता
यह जान कर बहुत अच्छा लगा कि एक कवि के लिए उसकी सबसे प्यारी कविता उसकी बहन है | वास्तव में आप एक सच्चे कवि है |

शैलेश भारतवासी का कहना है कि -

बहुत ही कोमल कविता है भाई। वेरी गुड

शैलेश भारतवासी का कहना है कि -

अवनीश जी,

इसे सुंदर और कोमल कविता कह सकते हैं।

Mohinder56 का कहना है कि -

Pawas ji,

Achha hua na bahut si unchahi vastu barasaat ke paani mein bah gayee.

Sunder bhav bhari rachana ke liye badhai

Shailesh Jamloki का कहना है कि -

पावस जी,

मुझे आपकी कविता अच्छी लगी क्यों की
१) अच्चे भाव लिए हुए है..
२) सरल शब्दों से दिल मै घर करने वाली है..
३) लम्बाई नपी तुली है ..

कुछ बातें कहना चाहूँगा
१) आपकी कविता कहीं कहीं पर बिखर सी जाती है.. नाव और बच्ची के बीच मै.. मुझे ऐसा लगा अतः ऐसा लगा लय आपने कही खो सी दी है..

*ये मेरी व्यक्तिगत राय है..अतः दिल पर न लें

सादर
शैलेश

Anonymous का कहना है कि -

आप सबको धन्यवाद
जिनको कविता अच्छी लगी उन्हें भी और जिन्हें नही लगी उन्हें भी.
आखिरी पंक्ति दरअसल इस कविता का आधार रही, लय टूटने की बात से सहमत हूँ पर दरअसल ये कविता यादों से चुरायी हुई है इसलिए थोडी अपूर्णता है,
अवनीश गौतम जी
आप हमेशा की तरह सही हैं पर मैं इस बार आपसे सहमत नहीं हूँ .........पंक्तियाँ जैसी भी हैं सच्ची हैं और इसलिए प्रिय भी हैं .....आशा हैं आप अन्यथा ना लेंगे आपकी कविता का इन्तेज़ार रहेगा .
कविता में बहिन ही सबसे ऊपर है और वही सबसे प्यारी कविता भी
और धन्यवाद कैथी का भी जिसकी नावों ने मेरी कितनी कवितायें पार लगायीं........

शोभा का कहना है कि -

मैं देख रहा था दम साधे
कि कैसे
एक कविता को तैरते देख
हंस रही थी
मेरी सबसे प्यारी कविता
बहुत सुंदर लिखा है.

Anonymous का कहना है कि -

kaphi achha laga

Suneel R. Karmele का कहना है कि -

बहुत सुन्‍दर और मन को छू लेने वाली कवि‍ता, बधाई......

पवन कुमार मिश्र का कहना है कि -

वास्तव में कविता दिल को छू गई । साहित्य में कविता को बहन बनाना बहुत बड़ी बात है । बधाई

Unknown का कहना है कि -

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