हिन्द-युग्म यूनिकवि एवम् यूनिपाठक प्रतियोगिता के प्रायोजको की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इसलिए हम हर बार पहले से ज्यादा उपहार अपने प्रतिभागियों के लिए लेकर आते हैं। इस बार १-१ विजेता को तीन-तीन पुरस्कार दिये जायेंगे। यहाँ तक कि यूनिकवि एवम् यूनिपाठक को पाँच-पाँच तरह के उपहार दिये जायेंगे। तो देरी किस बात की है, टिपटिपाइए कीबोर्ड और लिखिए कविता या कविता पर कमेंट और ले जाइए ढेरों ईनाम।
यूनिकवि बनने के लिए-
१) अपनी कोई मौलिक तथा अप्रकाशित कविता १५ जुलाई २००८ की मध्यरात्रि तक hindyugm@gmail.com पर भेजें।
(महत्वपूर्ण- मुद्रित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित रचनाओं के अतिरिक्त गूगल, याहू समूहों में प्रकाशित रचनाएँ, ऑरकुट की विभिन्न कम्न्यूटियों में प्रकाशित रचनाएँ, निजी या सामूहिक ब्लॉगों पर प्रकाशित रचनाएँ भी प्रकाशित रचनाओं की श्रेणी में आती हैं।)
२) कोशिश कीजिए कि आपकी रचना यूनिकोड में टंकित हो।
यदि आप यूनिकोड-टाइपिंग में नये हैं तो आप हमारे निःशुल्क यूनिप्रशिक्षण का लाभ ले सकते हैं।
३) परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, इतना होने पर भी आप यूनिकोड-टंकण नहीं समझ पा रहे हैं तो अपनी रचना को रोमन-हिन्दी ( अंग्रेजी या इंग्लिश की लिपि या स्क्रिप्ट 'रोमन' है, और जब हिन्दी के अक्षर रोमन में लिखे जाते हैं तो उन्हें रोमन-हिन्दी की संज्ञा दी जाती है) में लिखकर या अपनी डायरी के रचना-पृष्ठों को स्कैन करके हमें भेज दें। यूनिकवि बनने पर हिन्दी-टंकण सिखाने की जिम्मेदारी हमारे टीम की।
४) एक माह में एक कवि केवल एक ही प्रविष्टि भेजे।
यूनिपाठक बनने के लिए
चूँकि हमारा सारा प्रयास इंटरनेट पर हिन्दी लिखने-पढ़ने को बढ़ावा देना है, इसलिए पाठकों से हम यूनिकोड ( हिन्दी टायपिंग) में टंकित टिप्पणियों की अपेक्षा रखते हैं। टायपिंग संबंधी सभी मदद यहाँ हैं।
१) १ जुलाई २००८ से ३१ जुलाई २००८ के बीच की हिन्द-युग्म पर प्रकाशित अधिकाधिक प्रविष्टियों पर हिन्दी में टिप्पणी (कमेंट) करें।
२) टिप्पणियों से पठनीयता परिलक्षित हो।
३) हमेशा कमेंट (टिप्पणी) करते वक़्त समान नाम या यूज़रनेम का प्रयोग करें।
४) हिन्द-युग्म पर टिप्पणी कैसे की जाय, इस पर सम्पूर्ण ट्यूटोरियल यहाँ उपलब्ध है।
कवियों और पाठकों को निम्न प्रकार से पुरस्कृत और सम्मानित किया जायेगा-
१) यूनिकवि को रु ६०० का नकद ईनाम, रु १०० की पुस्तकें और एक प्रशस्ति-पत्र।
२) यूनिपाठक को रु ३०० का नकद ईनाम, रु २०० की पुस्तकें और एक प्रशस्ति-पत्र।
३) एक से चौथे स्थान के पाठकों को मसि-कागद और संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमी की ओर से पु्सतकें।
४) पहले से दसवें स्थान के कवियों को कवि संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमी का काव्य-संग्रह 'बता देंगे जमाने को' की एक-एक प्रति, एवम् त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका 'मसि-कागद' की ओर से पुस्तकें।
५) यूनिकवि, दूसरे स्थान के कवि तथा यूनिपाठक को तत्वमीमांसक (मेटाफ़िजिस्ट) डॉ॰ गरिमा तिवारी की ओर से 'यलो पिरामिड' (जो कि दीमागी स्थिरता, मनोबल बढ़ाता है और साहित्य सृजन व पढ़ाई में ध्यान लगाने में मददगार है) भेंट की जायेगी।
६)यूनिकवि और यूनिपाठक को तत्वमीमांसक (मेटाफ़िजिस्ट) डॉ॰ गरिमा तिवारी से ध्यान (मेडिटेशन) पर किसी भी एक पैकेज़ की सम्पूर्ण ऑनलाइन शिक्षा पाने का अधिकार होगा। (लक पैकेज़ को छोड़कर)
प्रतिभागियों से भी निवेदन है कि वो समय निकालकर यदा-कदा या सदैव हिन्द-युग्म पर आयें और सक्रिय कवियों की रचनाओं को पढ़कर उन्हें सलाह दें, रास्ता दिखायें और प्रोत्साहित करें।
प्रतियोगिता में भाग लेने से पहले सभी 'नियमों और शर्तों' को पढ़ लें।
आप भाग लेंगे तो हमारे प्रयास को बल मिलेगा, तो आइए और हमारा प्रोत्साहन कीजिए।
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)
10 कविताप्रेमियों का कहना है :
अच्छा लगा इस प्रतियोगिता के बारे में जान कर. इस से लोगों का उत्साह बढ़ेगा हिन्दी में लिखने के लिए. धन्यबाद.
निश्चित रूप से यह बधाई योग्य प्रयास है।
हिन्द-युग्म देगा कवियों को तिगुना ईनाम-----पर----- कवियों को सबसे अच्छा इनाम तो पाठक ही दे सकते हैं---प्रकाशित कविता पर अपने विचार लिखकर--------। हिन्द-युग्म में कविता प्रकाशित होने का सबसे बड़ा लाभ यही मिलता है कि कविता पर साथी कवियों और पाठकों की तत्काल प्रतिक्रिया पढ़ने को मिलती है। इससे कवियों का न केवल उत्साह बढ़ता है बल्कि अपनी त्रुटियों का ग्यान भी होता है।
अतः वास्तविक इनाम तो पाठक ही दे सकते हैं।----यदि पाठक चाह लें तो यह प्रतियोगिता उस बुलंदी पर पंहुच जाय ---जहाँ बड़े से बड़े कवि को भी अपनी कविता भेजने और उसे प्रकाशित देखने में गर्व का अनुभव हो।
-----देवेन्द्र पाण्डेय।
नव कवियों और उनकी रचनाओ तथा हिंदी के पति लोगो में रूचि जगाने के लिए निश्चित रूप से ये अच्छा प्रयास है
हिन्दयुग्म दिनोंदिन तरक्की की राह पर बधाई - इसके साथ हिन्दी का प्रचार, नए कवियों को उत्साहित करना, हिन्दयुग्म परिवार अब बढ़ता जा रहा है नए विचार पढ़ने को मिल रहे है, इससे ये साबित हो गया की भारत में कवियों और विद्वानों की कमी नही है, बस एक ज़रूरत है अच्छे प्लेटफोर्म की, इस बार तिगुना इनाम वाह ..... बढ़िया - सुरिन्दर रत्ती - मुंबई
अच्छा प्रयास है।
इस से हिन्दी मे लिखने वालो और हिन्दी पढने वालो की संख्या बढेगी
सुमित भारद्वाजsumit306210
अच्छा प्रयास है।
इस से हिन्दी मे लिखने वालो और हिन्दी पढने वालो की संख्या बढेगी
सुमित भारद्वाज
हिन्दी लेखन और पठन को बढ़ावा देने का बेहद सराहनीय प्रयास है .
पूजा अनिल
हिंद युग्म अपने इस महान कार्य के लिए बधाई का पात्र है |
Badhai !
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)