नयी और मुखर कविता के लिए जानी जाने वाली वरिष्ठ कवयित्री श्रीमती कीर्ति चौधरी (१९३४- २००८) का शुक्रवार १३ जून २००८ को लंदन में भारतीय समयानुसार सुबह तीन बजकर पैंतालीस मिनट पर निधन हो गया है . पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रही कीर्ति जी का लंदन में उपचार चल रहा था . इनके निधन से हिन्दी साहित्य जगत ने एक रत्न खो दिया है . आज इनके स्वर्गवास पर युग्म परिवार इन्हें अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित करता है .
संक्षिप्त जीवन परिचय -

महादेवी वर्मा के बाद नई कविता में हुई रिक्तता को इन्होंने ही पाटा था (वरिष्ठ आलोचक केदारनाथ सिंह)। इनकी कवितायें इंसान और उसके जीवन से जुड़े अनुभवों के इर्द गिर्द घूमती हैं, नई कविताओं के अन्य रचनाकारों की तरह इन्होंने भी प्रतीकों और बिम्बों का प्रयोग करते हुए सम्पूर्ण जीवन की कविताएँ लिखी। इनकी कुछ प्रसिद्ध कृतियाँ हैं--दायित्व भार , लता १,२ और३ ,एकलव्य , बदली का दिन सीमा रेखा (सभी तीसरा सप्तक से ), कम्पनी बाग़, आगत का स्वागत, बरसते हैं मेघ झर झर , मुझे फ़िर से लुभाया , वक्त, केवल एक बात थी, इत्यादि।
वक़्त
(कीर्ति चौधरी की एक चर्चित कविता)
यह कैसा वक़्त है
कि किसी को कड़ी बात कहो
तो वह बुरा नहीं मानता |
जैसे घृणा और प्यार के जो नियम हैं
उन्हें कोई नहीं जानता |
ख़ूब खिले हुए फूल को देख कर
अचानक ख़ुश हो जाना,
बड़े स्नेही सुह्रदय की हार पर
मन भर लाना,
झुँझलाना,
अभिव्यक्ति के इन सीधे सादे रूपों को भी
सब भूल गए,
कोई नहीं पहचानता
यह कैसी लाचारी है
कि हमने अपनी सहजता ही
एकदम बिसारी है!
इसके बिना जीवन कुछ इतना कठिन है
कि फ़र्क़ जल्दी समझ में नहीं आता
यह दुर्दिन है या सुदिन है |
जो भी हो संघर्षों की बात तो ठीक है
बढ़ने वालों के लिए
यही तो एक लीक है|
फिर भी दुख-सुख से यह कैसी निस्संगिता
कि किसी को कड़ी बात कहो
तो भी वह बुरा नहीं मानता |
प्रस्तुति- यूनिपाठिका पूजा अनिल
स्रोत- बीबीसी हिन्दी
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)
7 कविताप्रेमियों का कहना है :
कीर्ति जी को भावभीनी श्रद्धांजलि....
kirti ji ko hamare bhi shraddha suman naman sahit arpit.
कीर्ति जी को भावभीनी श्रद्धांजलि
पूजा जी ने उनकी श्रेष्ठ रचना प्रस्तुत करके उनके रचना सन्सार से अवगत कराया अतः बहुत-बहुत धन्यवाद
कीर्ति जी को श्रद्धांजलि, पूजा जी को इस प्रस्तुति के लिये आभार..
***राजीव रंजन प्रसाद
कवयित्री कीर्ति चौधरी जी को हमारी भावभीनी श्र्धांजलि और पूजा जी क आभार |
दिवंगत श्रेष्ठात्मा को भावमय श्रद्धांजलि
पूजा जी धन्यवाद जो श्रेष्ठ कवित्री की कविता से रूबरू कराया..
Keerti ji ki aatma ko shanti mile.. aur unki kavitaon ke roop mai.. hum logo mai unki yaadei jinda rahengi
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)