फटाफट (25 नई पोस्ट):

Saturday, March 01, 2008

बुधिया-भाग 7


बेटा बहू रज़ाई में दुबके हैं
बुधिया कंबल ओढ़े खांस रही है
बाहर बरामदे से,
नीले आसमान को ताक रही है!

रधुआ..
दवाई करवाता है
तो एहसान जताता है
बुडढी जल्दी मरे ये दुआ मनाता है!
उसे जल्दी से जल्दी
कुछ पैसे बचाने हैं
अबकी सावन पर..
राधा को दो कंगन बनवाने हैं!

बुडढी को बस खुद की चिंता है
ना जाने क्या चाहती है?
हमेशा खाँसती रहती है..
राधा को दिन भर सताती है!

आँखें कमज़ोर हैं..
नाटक करती है!
अरे!राधा की साड़ी में
एक फाल तो लगा सकती है!
कामचोर है..
बस पड़ी रहती है
बर्तन धोने की कहो
तो कितना कलपती है!

बुधिया को याद है
जब रधुआ छोटा था
पल्लू पकड़ कर,
हर बात मनवाता था
रोज़ खाने के बाद
गुड की ढेली माँगता था!
अब वो लाचार है..
रोटी को तरसती है
खाना मिले ना मिले
गुड की ढेली की जगह,
तिरस्कार और गाली ज़रूर मिलती है!

वो छोटा था..
अंगुली पकड़ कर
चलना सिखाती थी
देखो..
अब दौड़ लगाता है!
माँ को मढिया तक ले जाने में
कितना झल्लाता है!
नवरात्री में उपास रखता है
कन्या भोज कराता है
एक माँ को दुखी करके
दूजी को खुश करना चाहता है!

बहू पेट से है
मनौती मानी कि लड़का हो
कुल आगे बढ़े
बुढ़ापे का सहारा हो..

भगवान सब देखता है
उन्हे लड़का हुआ है
राधा सोचती है
बुढ़ापा सुधार गया है
भोली है..नादान
देखो!कह रही है..
लड़का बिल्कुल बाप पर गया है!

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)

19 कविताप्रेमियों का कहना है :

विश्व दीपक का कहना है कि -

विपुल भाई!
बुधिया बच्ची हो, जवान हो या फिर बुढी, आप हमेशा हीं चौंकाते रहते हैं। यह रचना भी मुझे बहुत अच्छी लगी।

भोली है..नादान
देखो!कह रही है..
लड़का बिल्कुल बाप पर गया है!

इन पंक्तियों में सारा का सारा व्यंग्य और दर्द छुपा हुआ है।

बधाई स्वीकारो!

Unknown का कहना है कि -

विपुल जी बहुत-बढ़िया, जबाब नहीं आपका
'बुधिया' भाग-७ भी अपनी कसौटी पर खरी उतरती है,
आपकी श्रेठ कृति 'बुधिया' को मैं जब भी पड़ता हूँ, तो
महान उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद जी कि स्मृति में घिर जाता हूँ,
क्योंकि 'बुधिया' में मुझे उनकी कहानियों का दर्शन मिलता है,
जो कि ज़मीन से तथा एक सामान्य भारतीय जुडी होती थी.
आपको बहुत-बहुत बधाइयां, इस बार भी आपने इसके हर पात्र के
साथ परम्परा गत न्याय किया..................
- नितिन शर्मा

शोभा का कहना है कि -

विपुल जी
बहुत ही मार्मिक लिखा है. इसमें सत्यता के साथ साथ सुंदर चित्र हैं -
भगवान सब देखता है
उन्हे लड़का हुआ है
राधा सोचती है
बुढ़ापा सुधार गया है
भोली है..नादान
देखो!कह रही है..
लड़का बिल्कुल बाप पर गया है
इतना सुंदर लिखने के लिए बधाई तथा आशीर्वाद

Anonymous का कहना है कि -

हमेशा की तरह इसबार भी कमाल.विपुल भाई बहुत अच्छे मर्म उकेरे हैं आपने,बधाई
आलोक सिंह "साहिल"

भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav का कहना है कि -

वाह, सचमुच काबिले तारीफ,

बुधिया की जितनी तारीफ की जाये कम है भाई..
सच में न. 1 से न. 7 तक हर बुधिया भाई..

आगे की बुधिया के इंतजार में..
शायद स्वर्ग से बोलेगी...
भगवान सब देखता है
उन्हे लड़का हुआ है
राधा सोचती है
बुढ़ापा सुधार गया है
भोली है..नादान
देखो!कह रही है..
लड़का बिल्कुल बाप पर गया है

वाह..

RAVI KANT का कहना है कि -

राधा सोचती है
बुढ़ापा सुधार गया है
भोली है..नादान
देखो!कह रही है..
लड़का बिल्कुल बाप पर गया है!

विपुल जी, एकबार फ़िर से आपने मर्मस्थल का स्पर्श किया है। बधाई।

mehek का कहना है कि -

बहुत गहरे भाव,मन को सोचने पर मजबूर करते है ,आज जो बुधिया के साथ हो रहा है,कल राधा के साथ होगा,आख़िर बेटा बाप पे ही गया है ,बहुत सुंदर कविता.

अवनीश एस तिवारी का कहना है कि -

भगवान सब देखता है
उन्हे लड़का हुआ है
राधा सोचती है
बुढ़ापा सुधार गया है
भोली है..नादान
देखो!कह रही है..
लड़का बिल्कुल बाप पर गया है!
-- क्या व्यंजना है (यदि मैं सही हूँ ?) |

अवनीश तिवारी

SahityaShilpi का कहना है कि -

बहुत अच्छे, विपुल! बहुत मार्मिक रचना है और अंत में किया गया व्यंग्य इसे और भी प्रभावी बना देता है.

तपन शर्मा Tapan Sharma का कहना है कि -

विपुल भाई, आखिरी की ये पंक्तियाँ करारा व्यंग्य है।

नवरात्री में उपास रखता है
कन्या भोज कराता है
एक माँ को दुखी करके
दूजी को खुश करना चाहता है!

भोली है..नादान
देखो!कह रही है..
लड़का बिल्कुल बाप पर गया है!

Sajeev का कहना है कि -

बहू पेट से है
मनौती मानी कि लड़का हो
कुल आगे बढ़े
बुढ़ापे का सहारा हो..

बुधिया का यह नया रूप बेहद तराशा हुआ है, बधाई हो विपुल

abhi का कहना है कि -

विपुल बहुत ही मर्मस्पर्शी और हमारे समाज का सजीव चित्रण किया है. तुम्हारी कविता बुधिया पढने के बाद हर बार मुझे यही महसूस होता है की तुम ज़मीन से जुड़े हुए हो, तुम्हारी बुधिया7 हर घर की कहनी कहती है. तुम्हारी कविता संवेदनाओं की कसौटी पे खरी उतरती है.इसी तरह संवेदनशील लिखते रहे तो निश्चित रूप से तुम एक दिन उस ऊँचाइयों को छुओगे जब लोग तुम्हारी रचनाओं की तुलना प्रेमचंद जी से करेंगे और मुझे तुमसे पुरी उम्मीद है की तुम इतना ही अच्छा लिखोगे. तुम्हारी इस बुधिया में मुझे गुड के धेले का प्रयोग,राधा के कंगन, और अंत में बेटा बाप पर गया है.बहुत अच्छी लगी ढेरों संवेदनाएं है तुम्हारी इन पंक्तियों में.

anju का कहना है कि -

विपुल जी , आपकी कविता वृधावस्था को दर्शाती है , बहुत अच्छे तरीके से आपने दर्शाया

भगवान सब देखता है
उन्हे लड़का हुआ है
राधा सोचती है
बुढ़ापा सुधार गया है
भोली है..नादान
देखो!कह रही है..
लड़का बिल्कुल बाप पर गया है!

आने वाले पीड़ी को भी सबक के तौर पर सन्देशा दिया है
बहुत खूब

Mohinder56 का कहना है कि -

विपुल जी,

सुन्दर भाव भरी, मन को झंझोडती हुई, नग्न सत्य को उजागर करती हुई इस रचना के लिये बधाई

राजीव रंजन प्रसाद का कहना है कि -

इस चित्रण को अंतिम कुछ पंक्तियाँ कविता में बदल देती हैं। विपुल आपकी बहुत अच्छी प्रस्तुति तो नहीं कहूँगा....

*** राजीव रंजन प्रसाद

Dr. sunita yadav का कहना है कि -

भोली है..नादान
देखो!कह रही है..
लड़का बिल्कुल बाप पर गया है!
मार्मिकता ,यथार्थता , संवेदनशीलता ,को व्यंग का रूप देकर लेखनी को साकार किया
बधाई

शैलेश भारतवासी का कहना है कि -

आपकी बुधिया सीरिज की सभी कविताएँ वास्तविक हैं। यह भी यथार्थ है और करारा व्यंग्य है। लेकिन मैं कई बार से कहता रहा हूँ कि आप तुक का मोह त्याग दें, इससे आपकी कविता का असर कम होता है।

Alpana Verma का कहना है कि -

पहले की कविताओं की तरह यह कविता भी मन को छू गयी है.
बुधिया के माध्यम से एक वर्ग विशेष की मनः स्थिति का चित्रण खूब किया है.
_लिखते रहिये
_शुभकामनाएं

دريم هاوس का कहना है कि -

شركة مكافحة حشرات شرق الرياض مما لا شك فيه أن الحشرات من الأمور المزعجة التي تزعج العديد من الأشخاص وتعكر صفو حياتهم وتجعل حياتهم مليئة بالمخاطر

المصدر: شركة مكافحة حشرات شرق الرياض

ارقام شركات مكافحة الحشرات بالرياض يوجد اليوم الكثير من الشركات التي تعمل في مجال مكافحة الحشرات والتي تسعى إلى تقديم أفضل التقنيات في التخلص من الحشرات

المصدر: ارقام شركات مكافحة الحشرات بالرياض

شركة مكافحة الطيور بالرياض لا يمكن أن تمعنا الألفة المتواجدة بين الإنسان والطيور أن كل ما يحلق بالسماء من طيور لا تشكل خطراً عليك، بالتالي لا يجب عليك

المصدر: شركة مكافحة الطيور بالرياض

شركة تنظيف حمامات سباحة بالرياض يرغب الكثير من الأشخاص ممن يمتلكوا بعض الفلل أو القصور ويتواجد بها حمام سباحة في تنظيف تلك الحمامات باستمرار سواء لتطهيرها أو إزالة بعص الرواسب المتواجدة بها، بل وبعض المنازل التي يستغل بها السطح بإنشاء حمام سباحة تحتاج دوماً إلى التعقيم والتطهير.

المصدر: شركة تنظيف حمامات سباحة بالرياض

أما عن الخدمات التي تقدمها شركة تنظيف واجهات كلادينج بالرياض فهي كثيرة ومتعددة حيث تمتلك عدد من الأوناش كبيرة الحجم والتي تعمل على الوصول لأعلى نقطة ممكنة في المبنى لكي يتم تغطية الواجهات بالكامل وتنظيفها على أكمل وجه، وبالطبع تمتلك فريق كبير مدرب ومؤهل ويمتلك خبرة واسعة يمكنه التسلق بدون خوف والقيام بتلك المهمة على أكمل وجه لكي يوفر العملاء افضل الخدمات.

المصدر: شركة تنظيف واجهات كلادينج بالرياض

شركة تنظيف للبيت بالرياض تبذل الكثير من جهدها لتحقيق النظافة المثالية التي ترغب كل ربة منزل في الحصول عليها؛ فمن الأحلام البعيدة المحافظة على

المصدر: شركة تنظيف للبيت بالرياض

شركة تنظيف ثريات بالرياض يعد تنظيف الثريات أو النجف أمر شاق للغاية على الكثير من ربات البيوت بل ويحتاج إلى طرق خاصة في التعامل معه وذلك بسبب تعرضه للكسر

المصدر: شركة تنظيف ثريات بالرياض

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)