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(प्रवीण सक्सेना, मनीष वंदेमातरम्, पूर्णिमा वर्मन और मोहिन्दर कुमार)
पिछले १ सप्ताह से ऑनलाइन साप्ताहिक पत्रिकाओं 'अनुभूति' और 'अभिव्यक्ति' की सम्पादकीय प्रमुख पूर्णिमा वर्मन भारत में थी। १३ फरवरी २००८ को हिन्द-युग्म के सदस्यों से उन्होंने मिलने की इच्छा जताई। सादिगनगर, नई दिल्ली में वो अपने पति के साथ सुबह लगभग १०:३० बजे के आसपास हिन्द-युग्म के मोहिन्दर कुमार, मनीष वंदेमातरम् और शैलेश भारतवासी से मिलीं।
इंटरनेट पर हिन्दी का बढ़ता प्रचलन, विकिपिडिया पर हिन्दी की बढ़ती पृष्ठ संख्या चर्चा के मध्य में रहे।
पूर्णिमा वर्मन जी ने कहा कि इंटरनेट पर देवनागरी लिपि के मानकीकरण पर सभी को ध्यान देने की आवशयकता है। क्योंकि गूगल सर्च (या किसी भी तरह की सर्चइंजनी पद्धति) इन्हीं लिपियों के हिसाब से परिणाम देता है। उन्होंने कहा कि चूँकि हिन्द-युग्म, अनुभूति और अभिव्यक्ति मंच इंटरनेट पर हिन्दी का प्रतिनिधित्व करते हैं, इसलिए पहले हमें ही इस मानकीकरण को लागू करना चाहिए। जहाँ हिन्द-युग्म अनुस्वार (ं) लगाये वहाँ हम अनुस्वार लगायें, जहाँ हिन्द-युग्म अर्द्धानुस्वार (चंद्रविन्दु, ँ) लगाये, वहाँ हमारी दोनों पत्रिकाओं में ऐसा हो। जाय में कब 'य' लगे कब 'ए', 'ए' के ऊपर 'ँ' लगे या न लगे इत्यादि मानकीकरण तय कर लिए जायँ और २-३ महीनों के अंदर अपने-अपने संग्रहालय का मानकीकरणों कर लिया जाय।
हिन्द-युग्म ने इस प्रस्ताव को सहर्ष स्वीकार किया। और यह विश्वास दिलाया कि हिन्दी के लिए किये जाने वाले किसी भी सकारात्मक कदम का स्वागत करता है।
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(प्रवीण सक्सेना, मनीष वंदेमातरम्, पूर्णिमा वर्मन और शैलेश भारतवासी)
भविष्य में अनुभूति-अभिव्यक्ति और हिन्द-युग्म संयुक्त रूप से हिन्दी के लिए काम करने पर एकमत हुए। बैठक मात्र २ घंटों की रही, लेकिन दोनों ओर से इसका आनंद लिया गया।
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(मनीष वंदेमातरम्, पूर्णिमा वर्मन और शैलेश भारतवासी)
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7 कविताप्रेमियों का कहना है :
एक सकारात्मक कदम। मानकीकरण की रूपरेखा बनायी जानी चाहिये। हिन्दी भाषा और व्याकरण से जुडे मनीषियों को हिन्द युग्म के मंच से जोड कर यह दायित्व सौंपा जाये फिर प्रयोग की दृश्टि से एक मानक बनाया जाना चाहिये।
*** राजीव रंजन प्रसाद
बेहतरीन पहल,ऐसे ही सधे प्रयास हमारे युग्म को अंजाम तक ले जायेंगे,आमीन
आलोक सिंह "साहिल"
शुभ संकेत है। ऐसे कदम का स्वागत होना चाहिए।
मैं भी यही कहूँगी कि शुभ संकेत हैं.
शुभकामनाएं
मानकीकरण का विचार युक्तियुक्त है।
— महेंद्रभटनागर
मैं भी यही कहूँगी कि
शुभ संकेत हैं.....
शुभकामनाएं |
पूर्णिमा जी,
हिन्द-युग्म आपके साथ है।
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