आज क़सम खाकर हम कहते,
खुद को इतना सख्त करेंगे
माँ तेरी ममता का आँचल,
बैरियों से रिक्त करेंगे ....
बहुत सहा है अब ना सहेंगे,
जाया अब नही वक्त करेंगे
कठिन मार्ग नही रोक सकेगा
राहें खुद प्रशस्त करेंगे ....
जल में थल में या हो नभ में,
छुपा क्यों ना हो भूमि गर्भ में
उसे ढूँढ कर ही दम लेंगे
नापाक इरादे पस्त करेंगे....
बात जरा भी जान पडी तो,
अगर आन पर आन पडी तो
मृत्यु का नही खौफ़ करेंगे
फिर से मांटी रक्त करेंगे....
तेरी रक्षा फ़र्ज़ हमारा,
जर्रा- जर्रा हमको प्यारा
अनहोनी अब हो ना सकेगी
अब निश-दिन हम गस्त करेंगे....
नही चाल अब चलने देंगे,
नही दाल अब गलने देंगे
देश दलाली के दल- दल को
आओ मिलकर नष्ट करेंगे....
बल-बुद्धि के पैरों पर हम,
अब दिखालाएँगे चलकर हम
फूट डाल कर चलने वाले
फिर कैसे पथ- भ्रष्ट करेंगे ....
आओ वीरो कसम उठायें
वतन की रक्षा फर्ज बनायें
मातृभूमि पर आँच न आये
चाहे अपना सर कट जाये....
कदम न पीछे हटने वाले
हम फौलादी, डंटने वाले
तारों पर लहराये तिरंगा
हम इतना उत्कृष्ट करेंगे....
-जय हिन्द
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13 कविताप्रेमियों का कहना है :
vatan-e-hindustan,banaye aao gulistan,jai hind, bahut khub likha hai.
बात जरा भी जान पडी तो,
अगर आन पर आन पडी तो
मृत्यु का नही खोफ करेंगे
फिर से मांटी रक्त करेंगे....
" देश भक्ती पर लिखी एक प्रभावी कवीता है , बहुत सुंदर अभीव्य्क्ती "
क्या ओज है क्या तेज है |
सुंदर
अवनीश तिवारी
देश भक्ति से भरपूर भाव हैं इस रचना में
२६ जनवरी का इस से अच्छा स्वागत और क्या हो सकता है :)
बहुत अच्छी लगी आपकी रचना यह राघव जी बधाई !!
गणतंत्र दिवस पर आप की जोश भरी यह कविता
सभी पाठकों के लिए एक सुंदर तोहफा है.
राघव जी
बहुत ही सामयिक कविता लिखी है । ३ दिन बाद हम गणतंत्र दिवस मना रहे हैं । इस अवसर पर इस प्रकार की भावनाएँ और संकल्प सराहनीञ है ।
बढ़िया राघव जी
काफी अच्छा प्रवाह है मार्च करती हुयी देश प्रेम और संकल्प से ओतप्रोत रचना के लिए बधाई
राघव जी,
सही समय पर सही कविता। आपकी जागरूकता प्रसंशनीय है।
काश की ऐसा हो पाता,
ख़ुद इतना सख्त करेंगे
वादों को फ़िर तप्त करेंगे
गर आँख उठाई किसी ने \
मांटी को हम रक्त करेंगे "
*मैंने अपनी तेरफ से थोड़े शब्दों को इधर उधर कर दिया है
बहुत अच्छा प्रयास,
भुपेंद्र देश भक्ति पर लिखी कविता बहुत अच्छी है...काश देश का बच्चा-बच्चा इसे पढ सके देश का हर नागरिक इसे मनन कर सके...
jai hind, jai hindi, jai hind yugm
भाव अच्छे हैं पर पदांत-तुकांत में मजा कम आया
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