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Tuesday, January 01, 2008

स्वागत हे नव वर्ष !












सभी के लिए वर्ष में शान्ति
आर्थिक क्रांति बने संदेश
इस तरह हो अभिनव नववर्ष
न हो अंतस में कोई क्लेश

पादपों में तरुणाई हो
पक्षियों में फिर से कलरव
रिक्त आतंकों से युग हो
आज फिर से फैले नीरव

मुक्त हो हर भोला बचपन
सुने माँ आँचल में संगीत
गाँव में कम्प्यूटर आये
युग्म का गूँजे हर नव गीत

सभ्यता नयी नये संदेश
रहेंगे हर पल हम जागे
भिन्न बोली भाषा या वेश
बढ़ेंगे हम हर पल आगे

ईर्ष्या वैर भाव अब छोड़
एक कौटुम्ब बने हर देश
‘कान्त’ है स्वागत हे नव वर्ष!
विश्वगुरु का फैले संदेश

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10 कविताप्रेमियों का कहना है :

Pankaj Oudhia का कहना है कि -

आपको नव-वर्ष की हार्दिक शुभकामनाए।

आपका जीवन खुशियो से भर जाए।

Anonymous का कहना है कि -

वह क्या बात है ,बड़े शानदार तरीके से नए वर्ष का स्वागत किया है कान्त जी

seema gupta का कहना है कि -

ZINDGI YU HI GATI RAHE,
MUSKARATI RAHE AUR GUNGUNATI RAHE.
HAR KHUSHI,GHAM ME KHILKHILATI RAHE.
LAKH TUFAN UTE,ZINDGI KI NAAV YUHI,
SAL DAR SAL LAHERO PE CHALTI RAHE.


VERY HAPPY,PROSPEROUS,BLISSFUL,ENERGTIC,THOUGHTFUL,FULL OF HUMAN SERVICE NOT 2008 BUT YEARS TOETHER AHEAD IN LIFE

Sajeev का कहना है कि -

मुक्त हो हर भोला बचपन
सुने माँ आँचल में संगीत
गाँव में कम्प्यूटर आये
युग्म का गूँजे हर नव गीत
वाह श्रीकांत जी, इश्वर आपकी हर कामना पूरी करे इस नव वर्ष में

राजीव रंजन प्रसाद का कहना है कि -

श्रीकांत जी,

आपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें। आपका यह संदेश चहुँदिश फैले।

मुक्त हो हर भोला बचपन
सुने माँ आँचल में संगीत
गाँव में कम्प्यूटर आये
युग्म का गूँजे हर नव गीत

*** राजीव रंजन प्रसाद

शोभा का कहना है कि -

श्रीकान्त जी
नव वर्ष पर नई कविता के लिए बधाई । नव वर्ष सभी के जीवन में आनन्द लाए यही कामना है । शुभकामनाओं सहित

विश्व दीपक का कहना है कि -

मुक्त हो हर भोला बचपन
सुने माँ आँचल में संगीत
गाँव में कम्प्यूटर आये
युग्म का गूँजे हर नव गीत

सभ्यता नयी नये संदेश
रहेंगे हर पल हम जागे
भिन्न बोली भाषा या वेश
बढ़ेंगे हम हर पल आगे

बहुत खूब कांत जी। अच्छी कामना की है आपने। भगवान करे कि सफल हो।
नववर्ष पर आपको ढेरों शुभकामनाएँ एवं कविता के लिए बधाईयाँ।

-विश्व दीपक 'तन्हा'

Anonymous का कहना है कि -

नव वर्ष पर इतनी संदेश परक कविता.बहुत बहुत बधाई
आलोक सिंह "साहिल"

Alpana Verma का कहना है कि -

श्रीकान्त जी
नव वर्ष पर कविता के लिए बधाई
'ईर्ष्या वैर भाव अब छोड़
एक कौटुम्ब बने हर देश'
ईश्वर करे कि यह कामना सफल हो.नया साल सब के लिए खुशियाँ लाये.

रंजू भाटिया का कहना है कि -

सभ्यता नयी नये संदेश
रहेंगे हर पल हम जागे
भिन्न बोली भाषा या वेश
बढ़ेंगे हम हर पल आगे

नव वर्ष आप के लिए मंगलमय हो .इस सुंदर कविता के लिए बधाई आपको

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