हिन्द-युग्म शुरू से ही हर तरह की कला को हिन्दी-भाषा के माध्यम से प्रोत्साहित करने की वक़ालत करता रहा है। पिछले ३-४ महीनों में इस दिशा में प्रयास करते हुए हमने कविता से अलग कहानी, बाल-साहित्य आदि विधाओं पर काम करना शुरू किया। समीक्षा के लिए ज़गह बनाई, पेंटिंग का स्कोप सुनिश्चित किया, नये-नये चित्रकारों को जोड़ा। पॉडकास्ट को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सुबोध साठे जैसे उभरते, प्रतिभाशाली आवाज़ से अलंकृत किया। सुबोध द्वारा गायी गई तुषार जोशी की कविता 'भूल गये हो' को आज तक ३०६७ श्रोताओं ने व इन्हीं कविता 'दिल अभी पास था' को २९२७ श्रोताओं ने डाऊनलोड करके सुना। इससे पूरे टीम का मनोबल बढ़ा। इसी क्रम में आज हम हिन्द-युग्म पर पूरी तरह से साज़ व आवाज़ द्वारा रिकार्ड किया हुआ गीत लेकर आये हैं। पिछले दोनों प्रयोग कविता पर किये गये थे, मगर इस बार गीत के बोल आवाज़ को ध्यान में रखकर लिखे गये। यह प्रयोग किसी व्यवसायिक स्टूडियो की देन नहीं है, वरन पूरी तरह सूचना की नई विधा इंटरनेट का प्रयोग करके इस गाने को अमली-ज़ामा पहनाया गया है। इस गीत के संगीतकार ऋषि एस॰ बालाजी हैदराबाद में बैठकर स्वरबद्ध कर रहे थे, वहीं गायक सुबोध साठे अपनी कमान नागपुर शहर से सम्हाले हुए थे। इस संकल्पना के जनक व गीतकार सजीव सारथी दिल्ली नगरी से शब्दों के साथ खेल रहे थे। संसाधन सीमित थे, फ़िर भी तीनों ने अपनी पूरी ऊर्जा लगाकर इसे सुमधुर बनाने का पूरा प्रयास किया है। शेष मूल्यांकन तो आप श्रोता करेंगे। यह तो इस गीत की मेकिंग थी।
टीम-परिचय
संगीतकार- ऋषि एस॰ बालाजी
गायक- सुबोध साठे
गीतकार- सजीव सारथी
गीत सुनने के लिए नीचे के प्लेयर पर क्लिक करें (गीत को पूरा बफ़र हो जाने दें
यदि आप इस गीत को उपर्युक्त प्लेयर से ठीक से नहीं सुन पा रहे हैं तो इस गीत को यहाँ से डाऊनलोड करें।
गीत के बोल
सुबह की ताज़गी हो,
शबनम की बूँद कोई,
फूलों की पंखुड़ी पर,
किरणों का प्यार लेकर,
जैसे बिखर रही हो,
तुम ही बिखर रही हो, ओ सनम.....
सुबह की ताज़गी हो....
१.
चंदा की चांदनी हो,
चांदी की नाव कोई,
बेखुद-सी इस हवा में,
जैसे लहर-लहर पे,
इतरा के चल रही हो.
तुम ही तो चल रही हो.... ओ सनम....
चंदा की चाँदनी हो....
२.
सरगम की बांसुरी हो,
मौसम की बात कोई,
महकी हुई फ़िज़ा में,
गीतों की मस्त धुन पर,
जैसे मचल रही हो,
तुम ही मचल रही हो..... ओ सनम..
सरगम की बांसुरी हो...
सुबहा की ताज़गी हो.....
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44 कविताप्रेमियों का कहना है :
बहुत सुंदर बेहद खूबसूरत गाना:) किस चीज की तारीफ करूँ ...आवाज़ की ..सुबोध जी आपने बहुत बहुत प्यारी आवाज़ दी है ..सजीव जी आपका लिखा हमेशा बहुत ही दिल को सुंदर लगता है ...और बाला जी संगीत बेहद सुंदर है ..बहुत बहुत बधाई
आगे भी हमे यूं सुनने को मिले, हिंद युग्म यूं ही ऊँचाई को छुए इसी शुभकामना के साथ
बन्धु सजीव जी
देर रात्रि कहूं या फिर प्रातः कहूं मित्र कानों में हेडसेट लगाये हुये 'सुबह की ताजगी हो, शबनम की बूंद कोई' .. स्वर लहरियों पर सवार कुछ पल के लिये सारी दुनियां भूलकर अपने अस्तित्व से बेखबर अलौकिक अनुभूति में डूबा हुआ हूं
मन करता है बस सुनता जाऊं ... सुनता जाऊं.
सुबोध जी एवं बाला जी यह सारा श्रेय आप तीनों के टीम वर्क को
भविष्य के लिये शुभकामनायें
I apreciate teh effort behind the team work , its not simple work to do things that you have done , poetry , word voice are all in full command
keep the good work going
regds
rachna
सजीव जी, सुबोध जी एवं बाला जी आप तीनों को कोटिश: बधाईयाँ। बस खो गया हूँ।
*** राजीव रंजन प्रसाद
हिन्द-युग्म के भविष्यगत उद्देश्यों में लिखा है कि 'कविताओं को संगीतबद्ध किया जायेगा' । आज कर भी लिया गया। इसके लिए सजीव जी बधाई के पात्र है। ऋषि जी धुन तात्कालीन सावरिया की धुन से कम नहीं है। सुबोध जी की आवाज़ के तो हम सभी दीवाने हो ही चुके हैं। सभी को बहुत-बहुत बधाइयाँ।
आशा करते हैं यह क्रम ज़ारी रहेगा। ऋषि जी हिन्द-युग्म पर इसी तरह अपनी श्रद्धा बनाये रखेंगे।
डाउनलोड कर सुना!!
बहुत ही प्यारा बना है यह गाना, एक तो लिखा ही बहुत सुंदर है उपर से संगीत और गायन दोनो ही बहुत बढ़िया है। शुक्रिया
सजीव जी बहुत कठीन परिश्रम करते है आप यह तो हम जान ही गये...आपका शब्द सयोंजन बहुत ही खूबसूरत है और गायकार की आवाज़ बला की मनमोहक...मगर सगीत के बिना गीत अधूरा है...संगीतकार ने उसमे जान डाल दी है...
हिन्द-युग्म के लिये यह एक गौरव की बात है...
सुनीता(शानू)
सजीव जी गीत बहुत ही मधुर लगा। बिना टीम वर्क के ये सम्भव नहीं था। गीत, संगीत और आवाज़ कुल मिलाकर अद्भुत ..........यकीन मानिये हिन्दयुग्म के लिये ये एक अनुपम सौगात है। आप बधाई के पात्र हैं।
शैलेषजी, गिरीजी और हिन्द युग्म टीम
आज पहली बार हिन्द युग्म ने मेरा मन खुशकर दिया। गीत संगीत और गायकी; किस किस की तारीफ करूं। सबने अपना अपना काम इतनी खूबसूरती से किया है कि वाह तबीयत खुश हो गई... ज्यादा नहीं कहूंगा। पाँचवी बार गाना सुन लेने दीजिये। :)
जितना अच्छा लिखा । उतना अच्छा गाया और उतना ही अच्छा कंपोज़ किया । सबको हृदय से बधाई हो ।
पर आप लोगों को यहां रूकना नहीं है ।
बेहतर यही होगा कि अब ऐसे आयोजन नियमित हों ।
हो सकता है आगे चलकर आप इनका एलबम छाप सकें ।
मुक्त हृदय से बधाई ।
मैंने गीत सुना सचमुच ही काफी मधुर गीत बन पड़ा है । शब्द बहुत अच्छे हैं संगीत भी अच्छा बना है हां बस एक बात है वो ये है कि गायक का उच्चारण कुछ स्पष्ट नहीं है और कई सारे शब्दों को अंग्रेजों की तरह से उच्चारित किया गया है जैसा कि आज के कई फिलमी गीतों में भी हो रहा है । ये केवल इसलिये लिख हरा हूं क्योंकि आप आगे और भी प्रयोग करें तो ये दोष नहीं रहे । वैसे गीत के लिये मैं 100 में से 100 अंक देता हूं गीत किसी भी फिल्मी गीत से कम नहीं है । मैं अपने कुछ फिल्मी साथियों को ये मेल कर रहा हूं अगर उनको लगा तो आपको संपर्क करेंगे
बहुत हीं सुंदर गीत है।ॠषि जी, सुबोध जी और सजीव जी तीनों इसके लिए बधाई के पात्र हैं।
सजीव जी
आपकी पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई । जितनी प्यारी रचना है उतनी ही प्यारी आवाज़ और उतना ही
बढ़िया संगीत । मज़ा आ गया सुनकर । यह प्रयास जारी रहना चाहिए । आप इतना ही मधुर लिखें और
उसको संगीत बद्ध करें । हम सबके कानों में शहद घोलते रहें । शुभकामनाओं सहित
SAJEEV JI,
NAMASKAAR..MAINE BHI GEET SUNAA..KHOOBSOORAT BAN PADA HAI....
AAPKI POORI TEAM KO BADHAI....
AAPKI ANYA KAVITAAYEIN JALD HI FALAK PAR PAHUNCHEIN......
NIKHIL
इस अनुपम प्रयास के लिए बहुत बहुत बधाई।
इस गीत की धुन और बोल कमाल के लगे ।
पर गायक ने शब्दों का उच्चारण कई जगह अंग्रेजीनुमा लगता है..
खासकर तब जब वो 'रही हो' को गाते हैं ...
आशा है आप इस पर ध्यान देंगे।
बेहतरीन!!!
सुन्दर बोल, बेहतरीन, कम्पोजिंग, उम्दा संगीत, मधुर आवाज-पूरा मिलाकर एक नायाब सफल प्रयास. सभी को बहुत बहुत बधाई.
बहुत सुंदर ...मन मोह लिया...
कई बार सुन चुकी हूँ...
मन नहीं भरा.....
शुभ-कामनाएं ...आप तीनों को.......
और भी सुनावाइये........
बहुत ही मधुर सगींत, बेहद सुरीली अवाज और अति सुन्दर बोल, सब मिला कर एक ऐसा गीत जो झूमने पर मजबूर कर दे…।बधाई आप तीनों को आप लोग वहां क्या कर रहे हैं जी बम्बई की फ़िल्म इंडस्त्री आप तीनों का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रही है। आइए
बहुत मधुर गीत है...कर्णप्रिय.. भविष्य में भी इसी तरह के प्रयासों की अपेक्षा है..
धन्यवाद
धन्यवाद शैलेश,
इतने खूबसूरत गीत को सुनने के लिये प्रेरित करने के लिये।
आप तीनों को मेरी बधाई।
क्या अगले भारत प्रवास के समय ये गीत सामने सुनने को मिल सकता है?
हिन्द युग्म के लिये ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ
सन्ध्या
is gaane me bahut taazgi hai....in totality an excellent composition gud music n soothing voice.....great effort....keep going
सजीव जी , मैंने कभी कल्पना भी नही की थी कि हिंद युग्म के माध्यम से मुझे इतना मधुर गीत सुनने को मिलेगा ! आपका लिखा गीत बहुत ही खूबसूरत है ! सुबोध जी की आवाज़ की मधुरता ने तो मन मोह लिया है ! बाला जी के संगीत ने भी पूरी कोम्पोसिशन में चार चाँद लगा दिए हैं! आप तीनों इस खूबसूरत गीत को हम सब तक पहुँचाने के लिए हार्दिक बधाई के पात्र हैं!हम खुशकिस्मत हैं जो हमें हिंद युग्म के माध्यम से इतने परिश्रमी मित्र मिले और हमें आशा ही नही पूरा विश्वास है कि आप के परिश्रम से हिन्दी भाषा और हिंद युग्म सफलता की सीधेयाँ चढ़ता जायेगा ! इतने सुंदर गीत के लिए आप तीनो मित्रों को हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिये ! भविष्य में इसी प्रकार के सुरीले गीतों की आशा रखती हूँ !
बढिया! शुभकामनाऐँ
प्रसंशा के लिए शब्द नहीं है. बहुत ही शानदार सफल प्रयोग. सुन्दर संगीत, अच्छी आवाज व शब्द. बधाई स्वीकारें.
एक पोस्ट विस्तार से लिखे कैसे यह सम्भव हुआ.
बहुत ही सुंदर गीत बन पड़ा है.सभी को बहुत बहुत बधाई !आगे भी ऐसे ही मधुर गीत सुन ने को मिलेंगे ऐसी आशा रखते हैं-आवाज़ में ताज़गी है तो गीत सरल और सुंदर ---धुन भी मन मोह गयी---
-अल्पना वर्मा
एक बेहद खूबसूरत गीत !
सुन्दर , सरल बोल , मधुर आवाज़ और सहज, सुरीला संगीत ।
बस एक शिकायत (जो पहले भी की जा चुकी है) , हिन्दी गीत को हिन्दी गीत की तरह ही गाया जाये ।
बहुत बहुत बधाई और साधुवाद
वाह क्या बात है, चकित तो मै इसलिये भी हूं कि ऐसे भी प्रयोग हो सकता है? कमाल है !!!आप तीनो का प्रयास सफ़ल है बधाई हो !!!और आवाज़ भी अच्छी है सुबोधजी जब गा रहे हैं तो शब्द मोती जैसे साफ़ सुनाई देते हैं गीत दिव्य लिखा गया गै और ऐसे प्रयोग में बाला जी का मधुर संगीत और सुबोध की आवाज़ के क्या कहने है मस्त कर दिया आप की तिकड़ी ने आपको ठुमरी का सलाम !!!!
मुझे आज सुनने का अवसर मिला. कोमल स्वर में कोमल शब्दों की रचना को संगीत भी शबनम की बूँदों जैसा कर्णप्रिय दिया गया है.
हैदराबाद , नागपुर और दिल्ली की आभासी दुनिया का यह अनूठा प्रयास लोकप्रिय हो , मेरी शुभकामनाएँ स्वीकार कीजिए.
bahut sundar... shuruaat ho chuki hai.. yu hi kamaal karte rahna hai
नेट और टेक्नालजी का अनुपम प्रयोग। सजीव जी ने बहुत सुंदर शब्दों से सजाया है....आवाज़ और संगीत भी काबिले तारीफ है....मेरी शुभकामनायें।
वाह ...वाह ...वाकई आप तीनोँ का प्रयास एक सुमधुर गीत बन कर सामने है -
बहुत बहुत बधाई --
-- लावण्या
आप तीनों को बहुत बहुत बधाई । जितना सुंदर गीत उतनी ही सुंदर धुन ओर सादरी करण । पर र का उच्चारण अंग्रेजीनुमा तो है ।
गीतकार सजीव सारथी जी के लिखे ''गीत सुबह की ताजगी'' को गायक सुबोध साठे ने बहुत ही सुंदर आवाज दी है ...उससे भी सुंदर है बोल पर दिया गया ..ऋषि बालाजी का मधुर संगीत ..तीनो के प्रयासों से सचमुच गीत काफी कर्णप्रिय बन पड़ा है ...मैं तीनो लोगों के कार्यों की सराहना करना चाहूँगा...
गीतकार सजीव सारथी जी के लिखे ''गीत सुबह की ताजगी'' को गायक सुबोध साठे ने बहुत ही सुंदर आवाज दी है ...उससे भी सुंदर है बोल पर दिया गया ..ऋषि बालाजी का मधुर संगीत ..तीनो के प्रयासों से सचमुच गीत काफी कर्णप्रिय बन पड़ा है ...मैं तीनो लोगों के कार्यों की सराहना करना चाहूँगा...
हिन्दी युग्म पहली बार देखा-सुना। गीत-संगीत-गायन बहुत सशक्त लगा। सारथी-बालाजी-साठे को अत्यंत सुन्दर प्रस्तुति हेतु बधाई!
A beautiful melody.... soothing voice...... and calm words......
Well...... I have known Sajeev for long.... and know his capabilities..... but the other two look equally good.
keep the good work up(loaded...) ;-)
atul
hi folks cool effort. Keep up the flag hoisting high. be an inspiration for one and all.
Adios
Marin Soren
behatarin.Sanjiv ji kya khoob likha apne.par subodh ji agar apki tarif na karu to bat bemani hogi sath hi sath Balaji apbhi badhai ke haqdar hain kyonki koi bhi geet bagair sangeet vaise hi hai jaise bagair pair ka dhawak.aap sabhi ko bahut bahut badhai
वाह भाई बहुत अच्छा गीत है दोनों ही, तमाम लोगों को बधाई
सुबोध साठे जी, बहुत सुन्दर रचना और बहुत सुन्दर स्वर। इक सुझाव है, गौर किजियेगा। जब भी आप को सुनता हूँ कोई कमी लगती है। क्या कमी है समझ नही पा रहा हूँ। यदि आप अपने मनोरजण के लिये गा रहे हो तो ठीक है। परन्तू यदि आप गायक बनना चाहते हो तो समय बरबाद न किजिये, किसी उच कोटी के गुरू से शिक्षा पराप्त करें। मेरा विचार है कि आप जलदी ही आसमान छू सकते हैं। यदि आप गायक बनना चाहते हैं तो आप को यह रिण चुकाना ही होगा। चुकि हमारा भी आप पर कुछ अधिकार है ।
जै बांवरा
wonderful effort by u guyss... the wordings r really touching..n the music reaches directly to our heart..
simply amazing..
all my good wishes to this album..it's certainly gonna rock....
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)