हिन्द-युग्म यूनिकवि एवम् यूनिपाठक प्रतियोगिता की उद्घोषणा का यह १०वाँ अवसर है। हर बार हमारा उत्साह पहले से दुगुना होता है। प्रतियोगिता में बढ़ रही भागिदारों की संख्या इस बात का प्रमाण है कि ईमानदार प्रयास देर-सवेर फलीभूत अवश्य होते हैं।
इस बार पुनः हम इस उम्मीद के साथ यह उद्घोषणा कर रहे हैं कि परिणामों को सकारात्मक रूप से लेते हुए पुराने प्रतिभागी भाग लेंगे और नये प्रतिभागी अपनी झिझक तोड़ते हुए हिस्सेदार बनेंगे।
पाठकों से भी हम यह अनुरोध करेंगे कि पढ़ने को लिखने से बड़ा काम मानकर सृजनात्मकता को बढ़ावा दें। देवनागरी (हिन्दी की लिपि) में कमेंट (टिप्पणी) देने का प्रयास करें। पूरी सहायता यहाँ है। कुछ न समझ में आये तो हर पोस्ट के नीचे जुड़े हुए गूगल के इंडिक ट्रांसलिटरेशन टूल का इस्तेमाल करके रोमन-हिन्दी को देवनागरी-हिन्दी में बदलकर कमेंट करें।
यूनिकवि बनने के लिए-
१) अपनी कोई अप्रकाशित कविता १५ अक्टूबर २००७ की मध्यरात्रि तक hindyugm@gmail.com पर भेजें।
(महत्वपूर्ण- मुद्रित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित रचनाओं के अतिरिक्त गूगल, याहू समूहों में प्रकाशित रचनाएँ, ऑरकुट की विभिन्न कम्न्यूटियों में प्रकाशित रचनाएँ, निजी या सामूहिक ब्लॉगों पर प्रकाशित रचनाएँ भी प्रकाशित रचनाओं की श्रेणी में आती हैं।)
२) कोशिश कीजिए कि आपकी रचना यूनिकोड में टंकित हो।
यदि आप यूनिकोड-टाइपिंग में नये हैं तो आप हमारे निःशुल्क यूनिप्रशिक्षण का लाभ ले सकते हैं।
३) परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, इतना होने पर भी आप यूनिकोड-टंकण नहीं समझ पा रहे हैं तो अपनी रचना को रोमन-हिन्दी ( अंग्रेजी या इंग्लिश की लिपि या स्क्रिप्ट 'रोमन' है, और जब हिन्दी के अक्षर रोमन में लिखे जाते हैं तो उन्हें रोमन-हिन्दी की संज्ञा दी जाती है) में लिखकर या अपनी डायरी के रचना-पृष्ठों को स्कैन करके हमें भेज दें। यूनिकवि बनने पर हिन्दी-टंकण सीखाने की जिम्मेदारी हमारे टीम की।
४) एक माह में एक कवि केवल एक ही प्रविष्टि भेजे।
यूनिपाठक बनने के लिए
१) १ अक्टूबर २००७ से ३१ अक्टूबर २००७ के बीच की हिन्द-युग्म पर प्रकाशित अधिकाधिक प्रविष्टियों पर हिन्दी में टिप्पणी (कमेंट) करे।
२) टिप्पणियों से पठनियता परिलक्षित हो।
३) हमेशा कमेंट (टिप्पणी) करते वक़्त समान नाम या यूज़रनेम का प्रयोग करें।
४) हिन्द-युग्म पर टिप्पणी कैसे की जाय, इस पर सम्पूर्ण ट्यूटोरियल यहाँ उपलब्ध है।
कवियों और पाठकों को निम्न प्रकार से पुरस्कृत और सम्मानित किया जायेगा-
१) यूनिकवि को रु ६०० का नकद ईनाम, रु १०० की पुस्तकें और एक प्रशस्ति-पत्र।
२) यूनिपाठक को रु ३०० का नकद ईनाम, रु २०० की पुस्तकें और एक प्रशस्ति-पत्र।
३) क्रमशः दूसरे, तीसरे और चोथे स्थान के पाठकों को कवि कुलवंत सिंह की ओर से उनकी काव्य-पुस्तक 'निकुंज' की स्वहस्ताक्षरित प्रति।
४) दूसरे से सातवें स्थान के कवियों को डॉ॰ कविता वाचक्नवी की काव्य-पुस्तक 'मैं चल तो दूँ' की एक-एक स्वहस्ताक्षरित प्रति।
४) आठवें, नौवें और दसवें स्थान के कवियों को वेबज़ीन सृजनगाथा की ओर से पुस्तकें।
६) टॉप २ कवियों और टॉप २ पाठकों को डॉ॰ कुमार विश्वास की ओर से उनकी पुस्तक 'कोई दीवाना कहता है' की एक-एक स्वहस्ताक्षरित प्रति।
७) यूनिकवि और यूनिपाठक को तत्वमीमांसक (मेटाफ़िजिस्ट) डॉ॰ गरिमा तिवारी से ध्यान (मेडिटेशन) पर किसी भी एक पैकेज़ की सम्पूर्ण ऑनलाइन शिक्षा पाने का अधिकार होगा। (लक पैकेज़ को छोड़कर)
८) हिन्द-युग्म इस बार एक और नया प्रयास करने जा रहा है। इस बार हमारी कोशिश रहेगी कि हम अक्टूबर माह की प्रतियोगिता से चुनी गईं टॉप १० कविताओं में से प्रत्यके पर पेंटिंग प्रकाशित करें। तो बस कला को कला से जोड़ने के लिए तैयार हो जाइए।
प्रतिभागियों से भी निवेदन है कि वो समय निकालकर यदा-कदा या सदैव हिन्द-युग्म पर आयें और सक्रिय कवियों की रचनाओं को पढ़कर उन्हें सलाह दें, रास्ता दिखायें और प्रोत्साहित करें।
प्रतियोगिता में भाग लेने से पहले सभी 'नियमों और शर्तों' को पढ़ लें।
आप भाग लेंगे तो हमारे प्रयास को बल मिलेगा, तो आइए और हमारा प्रोत्साहन कीजिए।
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2 कविताप्रेमियों का कहना है :
गूगल इंडिक ने इंटरनेट पे हिन्दी लिखने के कार्य को काफ़ी सरल बना दिया है |
फॉण्ट और यूनिकोड का परवाह न करते हुए सब हिन्दी में लिख सकते है | ओरकुट ने भी हिन्दी में स्क्रेप्पिंग चालू किया है |
गोस्ताट्स नमक कंपनी ने भी एक ट्राफिक परिसंख्यान टूल हिन्दी मे लॉन्च किया है |
http://gostats.in
इससे जाना जा सकता है की हिन्दी का भविष्य इन्टरनेट पे बहुत अच्छा है | अब हम सब को मिलकर हिन्दी को बढ़ाना चाहिए |
वंदे मातरम
शैलेश जी,
मैं आपसे आग्रह करता हूँ कि आप merekavimitra.bogspot.com को update करते रहे . इससे पाठकों को समय पर जानकारियाँ प्राप्त करने में सुविधा होगी.
सधन्यवाद.
शिव
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