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Thursday, July 12, 2007

कुछ कहा अनकहा सा




एक दिन यूँ ही आधी रात को
मेरी हथेली पर लिखा था तुमने
कि गया हुआ वक़्त कभी लौट के नहीं आता
तब से तेरे साथ बीते उन्हीं पलों
को अपने तस्सवुर में जी लेती हूँ मैं

कानो में धीरे से कही थी एक बात
कि यह जो अंधेरा है ज़िंदगी में
यह सिर्फ़ कुछ पल का ही तो है
तब से उन्हीं उजालों की इंतज़ार में
एक-एक पल को गिनती रहती हूँ मैं

थाम के अपने हाथों में हाथ मेरा
मुस्करा के एक बोल कहा था
कि वादा है ता-उम्र साथ निभाने का तुमसे
तब से उन्हीं वादों को अपने आँचल में बाँधे
संवरती सजती ख़ुद में सिमटती रहती हूँ मैं

नज़रों में मेरी झाँक के कहा था
की एक प्यार का संसार है जहाँ तुम हो ,मैं हूँ
किरणों की रोशनी थामे जहाँ चाँद उतर आता है
तब से यूँ ही अपने ख़्यालो में रात की रानी-सी
ख़ुद ब ख़ुद महकती सी रहती हूँ मैं

और यह भी कहा था तुमने की
कुछ सवालो के जवाब ख़ुद वक़्त देता है
तब से अपने हर जवाब को
तेरी कही बातों में तलाशती रहती हूँ मैं ...

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24 कविताप्रेमियों का कहना है :

Unknown का कहना है कि -

कानो में धीरे से कही थी एक बात
कि यह जो अंधेरा है ज़िंदगी में
यह सिर्फ़ कुछ पल का ही तो है
तब से उन्हीं उजालों की इंतज़ार में
एक-एक पल को गिनती रहती हूँ मैं
ye line apna baot hi achi liki hai.

Save The Earth का कहना है कि -

wah wah wah..................
bahut acha hai ,
mai aur mare tanyahi , kuch yahi baat karate hai,
jeevan ek nadi ki dahra ki tareh hai, is dhara mai kuch log jod jate hai aur bicadra jatee hai .............

Mohinder56 का कहना है कि -

और यह भी कहा था तुमने की
कुछ सवालो के जवाब ख़ुद वक़्त देता है
तब से अपने हर जवाब को
तेरी कही बातों में तलाशती रहती हूँ मैं ...

दिल से निकली हुई रचना है.
सचमुच कभी कभी यादे ही जीने का सहारा बन जाती हैं
सुहानी हो तो गुदगुदाती हैं
नहीं तो फ़िर रुलाती हैं

सुनीता शानू का कहना है कि -

क्या बात है रन्जू दीदी बड़े दिलकश अन्दाज में है आप आज,बहुत ही प्यारी और सुंदर कविता है...
मुझे तो पहली पक्तिंया ही दिल पर लग गई है...

एक दिन यूँ ही आधी रात को
मेरी हथेली पर लिखा था तुमने
कि गया हुआ वक़्त कभी लौट के नहीं आता
तब से तेरे साथ बीते उन्हीं पलों
को अपने तस्सवुर में जी लेती हूँ मैं

क्या खूब अन्दाज है ...

सुनीता(शानू)

Anonymous का कहना है कि -

वाह क्या खुबसुरत राचना किय हए आप ने
थाम के अपने हाथों में हाथ मेरा
मुस्करा के एक बोल कहा था
कि वादा है ता-उम्र साथ निभाने का तुमसे
तब से उन्हीं वादों को अपने आँचल में बाँधे
संवरती सजती ख़ुद में सिमटती रहती हूँ मैं

Sirf Viraniya का कहना है कि -

Appaki kavita bahut achi he.............. Thank U

आशीष "अंशुमाली" का कहना है कि -

अत्‍यन्‍त मधुर तलाश।

राजीव रंजन प्रसाद का कहना है कि -

गया हुआ वक़्त कभी लौट के नहीं आता
तब से तेरे साथ बीते उन्हीं पलों
को अपने तस्सवुर में जी लेती हूँ मैं

कि यह जो अंधेरा है ज़िंदगी में
यह सिर्फ़ कुछ पल का ही तो है
तब से उन्हीं उजालों की इंतज़ार में

संवरती सजती ख़ुद में सिमटती रहती हूँ मैं

की एक प्यार का संसार है जहाँ तुम हो ,मैं हूँ
किरणों की रोशनी थामे जहाँ चाँद उतर आता है

रंजना जी प्रेम और इसके मनोभावों पर आपकी कलम खूब चलती है। उपर उद्धरित पंक्तियाँ विषेश पसंद आयीं।

*** राजीव रंजन प्रसाद

Bk Naresh Sharma का कहना है कि -

apki iss kavita mai sagar se gehrai hai...

कंचन सिंह चौहान का कहना है कि -

एक दिन यूँ ही आधी रात को
मेरी हथेली पर लिखा था तुमने
कि गया हुआ वक़्त कभी लौट के नहीं आता
तब से तेरे साथ बीते उन्हीं पलों
को अपने तस्सवुर में जी लेती हूँ मैं

कानो में धीरे से कही थी एक बात
कि यह जो अंधेरा है ज़िंदगी में
यह सिर्फ़ कुछ पल का ही तो है
तब से उन्हीं उजालों की इंतज़ार में
एक-एक पल को गिनती रहती हूँ मैं
आरंभ से अंत तक कविता बहुत ही सुंदर।

Sanjeet Tripathi का कहना है कि -

बहुत खूब रंजना जी!!

डाॅ रामजी गिरि का कहना है कि -

रंजू जी,आपकी बातों में प्रेम-वेदना की एक ऐसी परछाई है जो घुप्प अंधियारे में भी अपनी अलग अलख जलाए रहती है.
' तब से उन्हीं उजालों की इंतज़ार में
एक-एक पल को गिनती रहती हूँ मैं '
मार्मिक अभिव्यक्ति........Dr.RG

Kavi Kulwant का कहना है कि -

अच्छे भाव एवं लय..
कवि कुलवंत

Dr. Seema Kumar का कहना है कि -

बहुत सुंदर

गौरव सोलंकी का कहना है कि -

नज़रों में मेरी झाँक के कहा था
की एक प्यार का संसार है जहाँ तुम हो ,मैं हूँ
किरणों की रोशनी थामे जहाँ चाँद उतर आता है
तब से यूँ ही अपने ख़्यालो में रात की रानी-सी
ख़ुद ब ख़ुद महकती सी रहती हूँ मैं

और यह भी कहा था तुमने की
कुछ सवालो के जवाब ख़ुद वक़्त देता है
तब से अपने हर जवाब को
तेरी कही बातों में तलाशती रहती हूँ मैं ...

उम्मीदों और नाउम्मीदी की और साथ ही मिलन और विरह की एक साथ अनूठी अभिव्यक्ति.
बहुत मधुर लिखा है आपने, रंजू जी...

Mukesh Garg का कहना है कि -

aapki kavitaoo main jo itna pyar hai sahi main man karta hai ki is dunia main aapki poeam ka bakhan karta firu,
agar aapki aagya ho to main in kavitaoo ko apne sabhi frnd's ko bhejna chaata hu, taki aapki kirti dhere dhere hi sahi par puri dunia main felle.

Gaurav Shukla का कहना है कि -

"यह भी कहा था तुमने की
कुछ सवालो के जवाब ख़ुद वक़्त देता है "

अच्छा लिखा है आपने
बधाई

सस्नेह
गौरव शुक्ल

SahityaShilpi का कहना है कि -

आपकी कविता की पहली दो पँक्तियाँ पढ़ते ही अनायास बच्चन जी की कविता याद आयी:
रात आधी खींच कर मेरी हथेली
एक उँगली से लिखा था प्यार तुमने

प्यार और विश्वास के साथ-साथ एक टीस का अहसास, कविता को बेहद दिलकश बना देता है.

Divine India का कहना है कि -

सबकुछ अनकहा होकर भी हर पल खिल रहा है आपका शब्दों में भावों के सहारे… जो बह रहा है आपके मन में वह सत्य बनकर उभरा है…बहुत सुंदर रचना…।

Anonymous का कहना है कि -

बहुत संवेदनशील कविता है रंजना जी
आप की कविताओं में कोमल मानवीय भावनओं का जो समावेश होता है वह बहुत ही सुन्दर है
आलोक

शैलेश भारतवासी का कहना है कि -

यह रचना दिल को छूती है। कविता में आवश्यक विन्यास है। सबसे ज़रूरी चीज़ की शुरूआत भी है और अंत भी। मैं पढ़कर कल्पनाओं के संसार में पहुँच गया।

Anonymous का कहना है कि -

प्रेम की गंगा बहती है आपकी लेख़नी से, प्रत्येक कविता प्रेम का एक गहरा सागर लिये होती है, अनुपम!!!

अथाह प्रेम भरा हुआ है इन पंक्तियों में -

थाम के अपने हाथों में हाथ मेरा
मुस्करा के एक बोल कहा था
कि वादा है ता-उम्र साथ निभाने का तुमसे
तब से उन्हीं वादों को अपने आँचल में बाँधे
संवरती सजती ख़ुद में सिमटती रहती हूँ मैं


बधाई!!!

मनीष वंदेमातरम् का कहना है कि -

एक दिन यूँ ही आधी रात को
मेरी हथेली पर लिखा था तुमने
कि गया हुआ वक़्त कभी लौट के नहीं आता
तब से तेरे साथ बीते उन्हीं पलों
को अपने तस्सवुर में जी लेती हूँ मैं
रन्जु जी
हर सम्भव प्रयास के बाद भी
आपकी रचना की तारीफ़ को

मजबूर हूं

विश्व दीपक का कहना है कि -

देर से टिप्पणी करने के लिए क्षमा चाहता हूँ। मुझे आपकी यह रचना आपकी बाकी रचनाओं से हटकर लगी। इस बार आपको पढना एक नयापन दे गया। प्रेम में विरह एवं त्याग को आपने बहुत हीं उम्दा तरीके से पेश किया है। बधाई स्वीकारें।

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