tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post7370984467356286248..comments2024-03-23T18:32:18.216+05:30Comments on हिन्द-युग्म Hindi Kavita: कुछ कहा अनकहा साशैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comBlogger24125tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-44525490313903081102007-07-19T18:41:00.000+05:302007-07-19T18:41:00.000+05:30देर से टिप्पणी करने के लिए क्षमा चाहता हूँ। मुझे आ...देर से टिप्पणी करने के लिए क्षमा चाहता हूँ। मुझे आपकी यह रचना आपकी बाकी रचनाओं से हटकर लगी। इस बार आपको पढना एक नयापन दे गया। प्रेम में विरह एवं त्याग को आपने बहुत हीं उम्दा तरीके से पेश किया है। बधाई स्वीकारें।विश्व दीपकhttps://www.blogger.com/profile/10276082553907088514noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-56585003086385638122007-07-14T12:51:00.000+05:302007-07-14T12:51:00.000+05:30एक दिन यूँ ही आधी रात को मेरी हथेली पर लिखा था तुम...एक दिन यूँ ही आधी रात को <BR/>मेरी हथेली पर लिखा था तुमने <BR/>कि गया हुआ वक़्त कभी लौट के नहीं आता <BR/>तब से तेरे साथ बीते उन्हीं पलों <BR/>को अपने तस्सवुर में जी लेती हूँ मैं <BR/>रन्जु जी<BR/> हर सम्भव प्रयास के बाद भी<BR/> आपकी रचना की तारीफ़ को<BR/> <BR/> मजबूर हूंमनीष वंदेमातरम्https://www.blogger.com/profile/10208638360946900025noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-30595706709465455652007-07-13T20:32:00.000+05:302007-07-13T20:32:00.000+05:30प्रेम की गंगा बहती है आपकी लेख़नी से, प्रत्येक कवित...प्रेम की गंगा बहती है आपकी लेख़नी से, प्रत्येक कविता प्रेम का एक गहरा सागर लिये होती है, अनुपम!!!<BR/><BR/>अथाह प्रेम भरा हुआ है इन पंक्तियों में -<BR/><BR/><B>थाम के अपने हाथों में हाथ मेरा <BR/>मुस्करा के एक बोल कहा था <BR/>कि वादा है ता-उम्र साथ निभाने का तुमसे <BR/>तब से उन्हीं वादों को अपने आँचल में बाँधे <BR/>संवरती सजती ख़ुद में सिमटती रहती हूँ मैं</B><BR/><BR/>बधाई!!!Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-91073423163043768442007-07-13T15:15:00.000+05:302007-07-13T15:15:00.000+05:30यह रचना दिल को छूती है। कविता में आवश्यक विन्यास ह...यह रचना दिल को छूती है। कविता में आवश्यक विन्यास है। सबसे ज़रूरी चीज़ की शुरूआत भी है और अंत भी। मैं पढ़कर कल्पनाओं के संसार में पहुँच गया।शैलेश भारतवासीhttps://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-91880933734538041822007-07-13T09:41:00.000+05:302007-07-13T09:41:00.000+05:30बहुत संवेदनशील कविता है रंजना जीआप की कविताओं में ...बहुत संवेदनशील कविता है रंजना जी<BR/>आप की कविताओं में कोमल मानवीय भावनओं का जो समावेश होता है वह बहुत ही सुन्दर है<BR/> आलोकAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-9307018186296670182007-07-12T22:06:00.000+05:302007-07-12T22:06:00.000+05:30सबकुछ अनकहा होकर भी हर पल खिल रहा है आपका शब्दों म...सबकुछ अनकहा होकर भी हर पल खिल रहा है आपका शब्दों में भावों के सहारे… जो बह रहा है आपके मन में वह सत्य बनकर उभरा है…बहुत सुंदर रचना…।Divine Indiahttps://www.blogger.com/profile/14469712797997282405noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-67246931000758469392007-07-12T18:45:00.000+05:302007-07-12T18:45:00.000+05:30आपकी कविता की पहली दो पँक्तियाँ पढ़ते ही अनायास बच्...आपकी कविता की पहली दो पँक्तियाँ पढ़ते ही अनायास बच्चन जी की कविता याद आयी:<BR/>रात आधी खींच कर मेरी हथेली<BR/>एक उँगली से लिखा था प्यार तुमने<BR/><BR/>प्यार और विश्वास के साथ-साथ एक टीस का अहसास, कविता को बेहद दिलकश बना देता है.SahityaShilpihttps://www.blogger.com/profile/12784365227441414723noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-51199668577386745262007-07-12T17:16:00.000+05:302007-07-12T17:16:00.000+05:30"यह भी कहा था तुमने की कुछ सवालो के जवाब ख़ुद वक़्..."यह भी कहा था तुमने की <BR/>कुछ सवालो के जवाब ख़ुद वक़्त देता है "<BR/><BR/>अच्छा लिखा है आपने<BR/>बधाई<BR/><BR/>सस्नेह<BR/>गौरव शुक्लGaurav Shuklahttps://www.blogger.com/profile/12422162471969001645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-58427502810896102352007-07-12T17:07:00.000+05:302007-07-12T17:07:00.000+05:30aapki kavitaoo main jo itna pyar hai sahi main man...aapki kavitaoo main jo itna pyar hai sahi main man karta hai ki is dunia main aapki poeam ka bakhan karta firu,<BR/>agar aapki aagya ho to main in kavitaoo ko apne sabhi frnd's ko bhejna chaata hu, taki aapki kirti dhere dhere hi sahi par puri dunia main felle.Mukesh Garghttps://www.blogger.com/profile/12785030120693046928noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-75553791766241281232007-07-12T16:54:00.000+05:302007-07-12T16:54:00.000+05:30नज़रों में मेरी झाँक के कहा था की एक प्यार का संसा...नज़रों में मेरी झाँक के कहा था <BR/>की एक प्यार का संसार है जहाँ तुम हो ,मैं हूँ <BR/>किरणों की रोशनी थामे जहाँ चाँद उतर आता है <BR/>तब से यूँ ही अपने ख़्यालो में रात की रानी-सी <BR/>ख़ुद ब ख़ुद महकती सी रहती हूँ मैं <BR/><BR/>और यह भी कहा था तुमने की <BR/>कुछ सवालो के जवाब ख़ुद वक़्त देता है <BR/>तब से अपने हर जवाब को <BR/>तेरी कही बातों में तलाशती रहती हूँ मैं ... <BR/><BR/>उम्मीदों और नाउम्मीदी की और साथ ही मिलन और विरह की एक साथ अनूठी अभिव्यक्ति.<BR/>बहुत मधुर लिखा है आपने, रंजू जी...गौरव सोलंकीhttps://www.blogger.com/profile/12475237221265153293noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-1591144152778881752007-07-12T15:08:00.000+05:302007-07-12T15:08:00.000+05:30बहुत सुंदरबहुत सुंदरDr. Seema Kumarhttps://www.blogger.com/profile/16605133497857832550noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-88388624161356509132007-07-12T15:00:00.000+05:302007-07-12T15:00:00.000+05:30अच्छे भाव एवं लय..कवि कुलवंतअच्छे भाव एवं लय..<BR/>कवि कुलवंतKavi Kulwanthttps://www.blogger.com/profile/03020723394840747195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-85913697828993371862007-07-12T14:02:00.000+05:302007-07-12T14:02:00.000+05:30रंजू जी,आपकी बातों में प्रेम-वेदना की एक ऐसी परछाई...रंजू जी,आपकी बातों में प्रेम-वेदना की एक ऐसी परछाई है जो घुप्प अंधियारे में भी अपनी अलग अलख जलाए रहती है.<BR/> ' तब से उन्हीं उजालों की इंतज़ार में <BR/> एक-एक पल को गिनती रहती हूँ मैं '<BR/> मार्मिक अभिव्यक्ति........Dr.RGडाॅ रामजी गिरिhttps://www.blogger.com/profile/08761553153026906318noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-44498619907998137662007-07-12T13:07:00.000+05:302007-07-12T13:07:00.000+05:30बहुत खूब रंजना जी!!बहुत खूब रंजना जी!!Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-25107658188999675612007-07-12T12:58:00.000+05:302007-07-12T12:58:00.000+05:30एक दिन यूँ ही आधी रात को मेरी हथेली पर लिखा था तुम...एक दिन यूँ ही आधी रात को <BR/>मेरी हथेली पर लिखा था तुमने <BR/>कि गया हुआ वक़्त कभी लौट के नहीं आता <BR/>तब से तेरे साथ बीते उन्हीं पलों <BR/>को अपने तस्सवुर में जी लेती हूँ मैं <BR/><BR/>कानो में धीरे से कही थी एक बात <BR/>कि यह जो अंधेरा है ज़िंदगी में <BR/>यह सिर्फ़ कुछ पल का ही तो है <BR/>तब से उन्हीं उजालों की इंतज़ार में <BR/>एक-एक पल को गिनती रहती हूँ मैं <BR/>आरंभ से अंत तक कविता बहुत ही सुंदर।कंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-16280959254887364252007-07-12T11:59:00.000+05:302007-07-12T11:59:00.000+05:30apki iss kavita mai sagar se gehrai hai...apki iss kavita mai sagar se gehrai hai...Bk Naresh Sharmahttps://www.blogger.com/profile/09092554685553156465noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-34493870740577821522007-07-12T11:58:00.000+05:302007-07-12T11:58:00.000+05:30गया हुआ वक़्त कभी लौट के नहीं आता तब से तेरे साथ ब...गया हुआ वक़्त कभी लौट के नहीं आता <BR/>तब से तेरे साथ बीते उन्हीं पलों <BR/>को अपने तस्सवुर में जी लेती हूँ मैं <BR/><BR/>कि यह जो अंधेरा है ज़िंदगी में <BR/>यह सिर्फ़ कुछ पल का ही तो है <BR/>तब से उन्हीं उजालों की इंतज़ार में<BR/> <BR/>संवरती सजती ख़ुद में सिमटती रहती हूँ मैं <BR/><BR/>की एक प्यार का संसार है जहाँ तुम हो ,मैं हूँ <BR/>किरणों की रोशनी थामे जहाँ चाँद उतर आता है <BR/><BR/>रंजना जी प्रेम और इसके मनोभावों पर आपकी कलम खूब चलती है। उपर उद्धरित पंक्तियाँ विषेश पसंद आयीं।<BR/><BR/>*** राजीव रंजन प्रसादराजीव रंजन प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/17408893442948645899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-39409338375747425162007-07-12T11:45:00.000+05:302007-07-12T11:45:00.000+05:30अत्यन्त मधुर तलाश।अत्यन्त मधुर तलाश।आशीष "अंशुमाली"https://www.blogger.com/profile/07525720814604262467noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-23462929247638158892007-07-12T11:24:00.000+05:302007-07-12T11:24:00.000+05:30Appaki kavita bahut achi he.............. Thank UAppaki kavita bahut achi he.............. Thank USirf Viraniyahttps://www.blogger.com/profile/11917402616136071387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-7782642589930185002007-07-12T11:12:00.000+05:302007-07-12T11:12:00.000+05:30वाह क्या खुबसुरत राचना किय हए आप ने थाम के अप...वाह क्या खुबसुरत राचना किय हए आप ने <BR/> थाम के अपने हाथों में हाथ मेरा <BR/>मुस्करा के एक बोल कहा था <BR/>कि वादा है ता-उम्र साथ निभाने का तुमसे <BR/>तब से उन्हीं वादों को अपने आँचल में बाँधे <BR/>संवरती सजती ख़ुद में सिमटती रहती हूँ मैंAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-43420314910561717892007-07-12T11:00:00.000+05:302007-07-12T11:00:00.000+05:30क्या बात है रन्जू दीदी बड़े दिलकश अन्दाज में है आप ...क्या बात है रन्जू दीदी बड़े दिलकश अन्दाज में है आप आज,बहुत ही प्यारी और सुंदर कविता है...<BR/>मुझे तो पहली पक्तिंया ही दिल पर लग गई है...<BR/><BR/>एक दिन यूँ ही आधी रात को <BR/>मेरी हथेली पर लिखा था तुमने <BR/>कि गया हुआ वक़्त कभी लौट के नहीं आता <BR/>तब से तेरे साथ बीते उन्हीं पलों <BR/>को अपने तस्सवुर में जी लेती हूँ मैं <BR/><BR/>क्या खूब अन्दाज है ...<BR/><BR/>सुनीता(शानू)सुनीता शानूhttps://www.blogger.com/profile/11804088581552763781noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-64911820941809567092007-07-12T10:37:00.000+05:302007-07-12T10:37:00.000+05:30और यह भी कहा था तुमने की कुछ सवालो के जवाब ख़ुद वक...और यह भी कहा था तुमने की <BR/>कुछ सवालो के जवाब ख़ुद वक़्त देता है <BR/>तब से अपने हर जवाब को <BR/>तेरी कही बातों में तलाशती रहती हूँ मैं ... <BR/><BR/>दिल से निकली हुई रचना है. <BR/>सचमुच कभी कभी यादे ही जीने का सहारा बन जाती हैं<BR/>सुहानी हो तो गुदगुदाती हैं<BR/>नहीं तो फ़िर रुलाती हैंMohinder56https://www.blogger.com/profile/02273041828671240448noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-15478638411760133642007-07-12T10:32:00.000+05:302007-07-12T10:32:00.000+05:30wah wah wah..................bahut acha hai ,mai a...wah wah wah..................<BR/>bahut acha hai ,<BR/>mai aur mare tanyahi , kuch yahi baat karate hai, <BR/>jeevan ek nadi ki dahra ki tareh hai, is dhara mai kuch log jod jate hai aur bicadra jatee hai .............Save The Earthhttps://www.blogger.com/profile/12061079061220725674noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-6525235991737709322007-07-12T10:07:00.000+05:302007-07-12T10:07:00.000+05:30कानो में धीरे से कही थी एक बात कि यह जो अंधेरा है ...कानो में धीरे से कही थी एक बात <BR/>कि यह जो अंधेरा है ज़िंदगी में <BR/>यह सिर्फ़ कुछ पल का ही तो है <BR/>तब से उन्हीं उजालों की इंतज़ार में <BR/>एक-एक पल को गिनती रहती हूँ मैं <BR/>ye line apna baot hi achi liki hai.Unknownhttps://www.blogger.com/profile/12784681017715883496noreply@blogger.com