"क्यों न इंटरनेट पर संगीत रचा जाय?"।
कल AIR FM Rainbow 102.6 FM के कार्यक्रम 'हमसे है ज़माना, ज़माने से हम नहीं' के दरम्यान आकाशवाणी के वरिष्ठ उद्घोषक प्रदीप शर्मा ने जब हिन्द-युग्म के निखिल आनंद गिरि से 'पहला सुर' के बारे में पूछा तो उन्होंने यही जवाब दिया।
हिन्द-युग्म के लिए यह गौरव की बात है कि पहली बार उसने अपना अल्बम 'पहला सुर' को सामुदायिक रेडियो केन्द्र DU-FM (90.4 FM) से बजाया, जिसकी गूँज कुछ अन्य रेडियो स्टेशनों तक पहुँची, इसका ही परिणाम है कि कल यानी 30 मार्च 2008 को AIR FM Rainbow 102.6 FM के कार्यक्रम 'हमसे है ज़माना, ज़माने से हम नहीं' में हिन्द-युग्म के निखिल आनंद गिरि विशेष व्यक्तित्व के रूप में AIR FM Rainbow के स्टूडियो बुलाये गये। कल शाम 7 से 8 पहला सुर की चर्चा होती रही।
चूँकि यह कार्यक्रम गीत-संगीत का था इसलिए बातें तो कम हो पाईं, लेकिन जितनी भी हो पाईं वो भी शुरूआत की मिसाल है। हिन्द-युग्म की शोभा महेन्द्रू ने केवल बातचीत कों रिकार्ड करने की कोशिश की है। रिकार्डिंग बहुत अच्छी नहीं है, लेकिन हिन्द-युग्म ने सोचा कि ओरीजिनल रिकार्डिंग को मिलने में समय है तो क्यों न अपने पाठकों और श्रोताओं को यह सुनवाया जाय।
भाग- 1: परिचय
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भाग-1 |
भाग 2: यूनिप्रशिक्षण पर बातचीत
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भाग-2 |
भाग 3: पहला सुर पर बातचीत और 'इन दिनों'
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भाग-3 | |
<-- इन दिनों सुनें |
भाग 4: 'पहला सुर', काव्य-पाठ और 'ये ज़रूरी नहीं'
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भाग-4 | |
<-- ये ज़रूरी नहीं सुनें |