हमारे सभी पाठकों को रंगो के त्योहार होली के अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए हम कामना करते हैं कि मस्ती और खुशी के रंग आप सबके जीवन मे भी घुलते रहें। रंगों के अनुपम पर्व पर प्रस्तुत है कवियत्री रचना श्रीवास्तव की कविता।
पंछी करें टीका
अम्बर भाल
धरा का हो गया तन-मन लाल
फागुन की
अँगुलियों में
सजा गीतों का छल्ला
नीले पीले
रंग चले
मचाते हुए हो हल्ला
ईद मिल होली से पूछे हाल
धरा का हो गया तन-मन लाल
रंगों भरी
चादर हटा
गुनगुनी धूप झांके
गुलाबी ठण्ड
थाम के चुनर
गलियों गलियों भागे
टेसू खिले हर बाग हर डाल
धरा का हो गया तन-मन लाल
गोरी की
हँसुली टूटी
नील पड़ा था हाथ
सजना की
ठिठोली हुई
पांव फिसला था हाट
लज्जावश हुए सुर्ख उसके गाल
धरा का हो गया तन-मन लाल
पापड़ चिप्स
छज्जे फैले
ताके बैठा कौवा
घर में
गुझिया चहक रही
बाग भटक रहा महुआ
ठंढाई पीके बदली चाल
धरा का हो गया तन-मन लाल
पंछी करें टीका
अम्बर भाल
धरा का हो गया तन-मन लाल
फागुन की
अँगुलियों में
सजा गीतों का छल्ला
नीले पीले
रंग चले
मचाते हुए हो हल्ला
ईद मिल होली से पूछे हाल
धरा का हो गया तन-मन लाल
रंगों भरी
चादर हटा
गुनगुनी धूप झांके
गुलाबी ठण्ड
थाम के चुनर
गलियों गलियों भागे
टेसू खिले हर बाग हर डाल
धरा का हो गया तन-मन लाल
गोरी की
हँसुली टूटी
नील पड़ा था हाथ
सजना की
ठिठोली हुई
पांव फिसला था हाट
लज्जावश हुए सुर्ख उसके गाल
धरा का हो गया तन-मन लाल
पापड़ चिप्स
छज्जे फैले
ताके बैठा कौवा
घर में
गुझिया चहक रही
बाग भटक रहा महुआ
ठंढाई पीके बदली चाल
धरा का हो गया तन-मन लाल
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12 कविताप्रेमियों का कहना है :
फागुन की
अँगुलियों में
सजा गीतों का छल्ला
मानवीकरण का यह अन्दाज अच्छा लगा
सुन्दर फागुनी रचना
धरा का हो गया तन-मन लाल
पापड़ चिप्स
छज्जे फैले
ताके बैठा कौवा
घर में
गुझिया चहक रही...
बहुत प्यारी पंक्तियाँ लगीं...
रचना जी,
आपको, और हिन्दयुग्म के सभी कवियों पाठकों को होली कि ढेरों शुभकामनायें..
धरा का हो गया तन-मन लाल
पापड़ चिप्स
छज्जे फैले
ताके बैठा कौवा
घर में
गुझिया चहक रही...
बहुत प्यारी पंक्तियाँ लगीं...
रचना जी,
आपको, और हिन्दयुग्म के सभी कवियों पाठकों को होली कि ढेरों शुभकामनायें..
प्रशंसनीय.........लेखन के लिए बधाई।
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निखरती रहे वह सतत काव्य-धारा।
जिसे आपने कागजों पर उतारा॥
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होली मुबारक़ हो। सद्भावी -डॉ० डंडा लखनवी
रचना जी, होली पर आपकी ये कविता बहुत अच्छी लगी...बधाई !
सामयिक रचना के लिए बधाई।
faguni rang men rachi badhiya lagi kavita..
ईद मिल होली से पूछे हाल
iskaa kya matlab hai ????????
aap sabhi ka bahut bahut dhnyavad.
aapke shabd mere liye amuly hain.
asha karti hoon aap ka sneh aese hi milta rahega .
sabhi ka punh dhnyavad.aap sabhi ke jeevan me sada ranhon ki khushbu rahe aye khushiyan ghr aangan vichren
rachana
acchi rachana ke liye badhai, padhakar prasannata mili.
This really answered my problem, thank you!
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