कल वो मुझको याद करेगा
व्यर्थ आँसू बरबाद करेगा
कल सब-कुछ स्वीकारेगा वो
लेकिन आज फ़साद करेगा
लगता था उसका मैं भी कुछ
याद मौत के बाद करेगा
कुट्टी कर लेगा यदि मुझसे
फिर किससे संवाद करेगा
अब भी गर नाकाम रहा तो
नव साजि़श ईजाद करेगा
बस्ती में जो कर गुजरा वो
क्या कोई जल्लाद करेगा
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8 कविताप्रेमियों का कहना है :
खूब कहा , जाने के बाद ही दूसरे कद्र जानते हैं |
बहुत खूब रचना की है
कुट्टी कर लेगा यदि मुझसे
फिर किससे संवाद करेगा
संवाद जरूरी है कुट्टी मत करने दीजियेगा
सुन्दर गज़ल
बहुत खूब लिखा है जाने के बाद ही तो याद किया जाता है.
अब भी गर नाकाम रहा तो
नव साजि़श ईजाद करेगा
बहुत ही प्यारी रचना है..शाम जी को ढेरों बधाईयां!
बेहद सुंदर गज़ल..कई सारे भावों को समेटे हुए..खासकर
कल सब-कुछ स्वीकारेगा वो
लेकिन आज फ़साद करेगा
और
अब भी गर नाकाम रहा तो
नव साजि़श ईजाद करेगा
दोनो शे’र बहुत दूर तक जाते हैं..हकीकत का आइना दिखाते हुए..श्याम जी को बधाई!
hmmm shabd sanyojan badhiya hai
कल सब-कुछ स्वीकारेगा वो
लेकिन आज फ़साद करेगा
halki fulki gazal. acchi kahi hai
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