राज़ दिल के रहीं खोलती चिठ्ठियाँ
मौन में भी रहीं बोलती चिठ्ठियाँ
तल्खियाँ जिन्दगी में बढ़ीं जब कभी
शह्द उसमें रहीं घोलती चिठ्ठियाँ
दौरे-तन्हाई जब भी हुआ कुछ घना
गिर्द मेरे रहीं डोलती चिठ्ठियाँ
वक्त के उस महाजन की मुठ्ठी में तो
ये वफा और जफा तोलती चिठ्ठियाँ
'श्याम’ लगते हो जब भी हमें भूलने
बक्स यादों के हैं खोलती चिठ्ठियाँ
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13 कविताप्रेमियों का कहना है :
तल्खियाँ जिन्दगी में बढ़ीं जब कभी
शह्द उसमें रहीं घोलती चिठ्ठियाँ
ख़ूबसूरत भाव !
दौरे-तन्हाई जब भी हुआ कुछ घना
गिर्द मेरे रहीं डोलती चिठ्ठियाँ
Bahut sundar kavita...dhanywaad shaym ji
वक्त के उस महाजन की मुठ्ठी में तो
ये वफा और जफा तोलती चिठ्ठियाँ
बढ़िया कहा आपने अच्छी लगी यह पंक्तियाँ
श्याम जी पूरी ग़ज़ल का सबसे खुबसूरत शे'र यह लगा मुझे
वक्त के उस महाजन की मुठ्ठी में तो
ये वफा और जफा तोलती चिठ्ठियाँ
गज़ल आपकी पढ़कर दिल यूँ कहे
लिक्खूं तारीफ में में ढेर सी चिट्ठियां
अब तो लोग चिट्ठयां लिखते ही नहीं, एसएमएस से काम चला रहें हैं, पर वे चिट्ठयों की अहमियत को क्या जाने, खास कर
दौरे-तन्हाई जब भी हुआ कुछ घना
गिर्द मेरे रहीं डोलती चिठ्ठियां
बहुत-बहुत धन्यवाद श्याम जी, मुझे भी कुछ खास चिट्ठयों वले दिनों, और लोगों के साथ छोड़ जाने के लिए।
तल्खियाँ जिन्दगी में बढ़ीं जब कभी
शह्द उसमें रहीं घोलती चिठ्ठियाँ
बेहद खूबसूरत
श्याम’ लगते हो जब भी हमें भूलने
बक्स यादों के हैं खोलती चिठ्ठियाँ
अब तो बस यादों में बसी है चिठियाँ ..!!
श्याम जी बहुत सुन्दर भाव से आपने लिखा है, बहुत अच्छा लग रहा है! अब तो बस यादों में ही रह गई हैं चिट्ठियाँ, शार्ट मैसेजेज और ईमेल के जाल में दब गई हैं चिट्ठियाँ! पर जैसे रेडियो, फौन्तेंन पेन आदि का ज़माना एकबार गुज़रने के बाद दोबारा आया है उसी प्रकार उम्मीद है की एकबार फिर लौट कर वापस ज़रूर आयेंगी चिट्ठियाँ!
देवेन्द्र सिंह चौहान
'श्याम’ लगते हो जब भी हमें भूलने
बक्स यादों के हैं खोलती चिठ्ठियाँ
Yeh she'r sabse adhik pasand aaya !
Pranaam
RC
चिट्ठियां क्या सचमुच खत्म हो जाएंगी ?
अच्छी गज़ल पर बधाई
एक शे‘र यूं रहे तो
श्याम’ लगते हो जब भी हमें भूलने
बक्स यादों के हैं खोलती चिठ्ठियाँ
यादे-संदूक तब खोलती चिट्ठियां
गज़ब लिखा बधाई
रिया
shyam ji.. mere hamnam mere dost.. kshma! der se panhucha aapki gazal pr
khoobsurat gazal
ek purana sher yad aa raha hai
illahi kaisi kaisi soortein tooney banai hain
har soorat kaleze se laga lene ke kabil hai
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