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मझधार से प्यार करने वाला ही तो पार पहुंच सकता है. बहुत अच्छी रचना
जीवन हो आसान तभी जब तूफानों से प्यार।पार करें वो दुख का सागर जो उपजा संसार।। सादर श्यामल सुमन 09955373288 www.manoramsuman.blogspot.comshyamalsuman@gmail.com
कठिन हैजाना इसके पार...vaah.
भावपूर्ण!!!सुंदर कविता..बधाई!!!
समाधान गुना तो छोड़ कश्ती को मझधार अपना लहरों को कर तूफानों से प्यारश्याम जी सुन्दर समाधान है.
गागर में सागर भर दिया . भावपूर्ण रचना के लिए बधाई
समाधान बिलकुल सही है....
सुन्दर रचनाजो दु:ख न हो जिन्दगी में तो मजा क्या हैतभी लोग जानेगे सुख की अहमियत क्या है
सवाल में समाधान है.....
सुंदर चित्र के साथ सुंदर रचना..
तो छोड़ कश्ती को मझधार अपना लहरों को कर तूफानों से प्यारबहुत ही अच्छा लिखा है आपने आभार.
kya ab kavita shabdon aur bhaavon ke sthan par chitron aur rangon se sashakt banaai jaae gi!rachna bhi m'amuli prakaar ki. wahi purane sagar aur kashti waale prateek, wahi puraane bahut baar ke dohraae bhaav.ahsan
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13 कविताप्रेमियों का कहना है :
मझधार से प्यार करने वाला ही तो पार पहुंच सकता है.
बहुत अच्छी रचना
जीवन हो आसान तभी जब तूफानों से प्यार।
पार करें वो दुख का सागर जो उपजा संसार।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
कठिन है
जाना इसके पार...
vaah.
भावपूर्ण!!!
सुंदर कविता..बधाई!!!
समाधान गुना
तो छोड़
कश्ती को मझधार
अपना लहरों को
कर तूफानों से प्यार
श्याम जी सुन्दर समाधान है.
गागर में सागर भर दिया . भावपूर्ण रचना के लिए बधाई
समाधान बिलकुल सही है....
सुन्दर रचना
जो दु:ख न हो जिन्दगी में तो मजा क्या है
तभी लोग जानेगे सुख की अहमियत क्या है
सवाल में समाधान है.....
सुंदर चित्र के साथ सुंदर रचना..
तो छोड़
कश्ती को मझधार
अपना लहरों को
कर तूफानों से प्यार
बहुत ही अच्छा लिखा है आपने आभार.
kya ab kavita shabdon aur bhaavon ke sthan par chitron aur rangon se sashakt banaai jaae gi!
rachna bhi m'amuli prakaar ki. wahi purane sagar aur kashti waale prateek, wahi puraane bahut baar ke dohraae bhaav.
ahsan
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