मृत्यु की दहलीज़ तक होती है माँ ,
जब नई ज़िन्दगी
जन्म लेने को आतुर होती है !
एक मासूम रुदन,
माँ s s s s s से स्वर में,
संजीवनी बन
कानों से दिल तक उतरती है ........
माँ के आंसुओं से मंत्रोच्चार होता है,
आशीष बन बरसता है,
खून की एक-एक बूंद ,
दूध बन जाती है,
आँचल में सुरक्षा की शक्ति
और मन में जीने की दृढ़ता होती है...........
एक मासूम ज़िन्दगी के साथ
माँ भी जन्म लेती है,
नई ज़िन्दगी,
नए रूप में,
दोनों साथ-साथ जीते हैं !
आहट,करवट,खामोशी,उद्विग्नता
माँ पहचान लेती है,
सारथी बन
जीवन के अर्थ देती है....
इस रिश्ते को कह सकते हो ' त्रिवेणी ',
बच्चे और माँ के मध्य
एहसासों की धारा
सरस्वती-सी बहती है...
गर्भनाल की भाषा
बड़ी अनोखी होती है !!!
--रश्मि प्रभा
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13 कविताप्रेमियों का कहना है :
subdar rachnaa
Avaneesh
rashmi ji,
bachche ko janm dete huye maa bhi nayi zindagi paati hai usake ehsaason ko bahut sundar shabdon men chitarit kiya hai..
sundar abhivyakti ke liye badhai
दीदी प्रणाम!
ये सभी के लिए बोलती हुई कविता है ............
शायद कहीं मैं भी हूँ ,यहाँ .
क्योंकि मैं भी माँ हूँ ,और बेटी भी ..............
sach maa aur bachche ke beech anokha ahsaas hi hota hai.......jo sirf ek maa hi samajhti hai aur bachcha maa ke ahsaas ko.
bahut badhiya.
रश्मि जी,
बहुत अच्छे और सच्चे भाव हैं यह. धन्यबाद.
सच्चे और स्वाभाविक भावों की उत्कृष्ट अभिव्यक्ति
बच्चे और माँ के मध्य एहसासों की धारा ...
यह एहसास एक् "माँ" ही समझ सकती है . Ilu
रश्मि जी,
मत पूछियेगा के पढ़ते पढ़ते कैसा लगा ,,,,,,
गर्भ नाल की भाषा बड़ी अनोखी होती है,,,,,
कमाल रश्मि जी,,,,,कमाल,,,,
पहले आपको बधाई दी थी वाहक बन्ने की,,,
आज युग्म को बधाई देता हूँ,,,,,,
जो उन्हें आप जैसी कवियित्री मिली,,,
रश्मि जी
अनोखी भाषा अनोखी ही है | गर्भ नाल की भाषा वाकई अनोखी होती है |
संगीता सेठी
रश्मिप्रभा जी,
माँ और बच्चे के रिश्ते को एक नई पहचान देती कविता दिल को भा गई और शब्द-संयोजना ने प्रस्तुति को एक नया आयाम दिया।
दिल से बधाईयाँ।
सादर,
मुकेश कुमार तिवारी
आदरणीय रशिम जी,
मॉं और नवजीवन के मध्य का अविस्मणीय बोधन, बधाई
रश्मि जी,
बस इतना कहूँगा...मन मोह लिया आपने मेरा..
शुकिया.. इतनी सुन्दर रचना पढने का मौका देने के लिए,..
सादर
शैलेश
बच्चे और माँ के मध्य
एहसासों की धारा
सरस्वती-सी बहती है...
गर्भनाल की भाषा
बड़ी अनोखी होती है !!!
vah sundar
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