पिछली बार चुनावी सरगर्मियों के बीच काव्य-पल्लवन प्रकाशित करने के बाद हम लौट रहे हैं फिर से चित्र आधारित अंक की ओर। चुनावों में केवल वादे किये जाते हैं, हर दल अपने लिये एक वर्ग चुन लेता है और हर बार की तरह ठगे जाते हैं वोटर। देश की ओर न तो नेता ध्यान देते हैं और न ही हम। यदि लोग ही देश में सुधार का जिम्मा उठाये तो किसी पर उंगली उठाने की जरूरत ही न पड़े। आज हम नीचे दिये गये चित्र पर काव्य-पल्लवन करवाने की घोषणा कर रहे हैं। यह चित्र भेजा है अनुज अवस्थी ने। शायद इसमें तत्कालीन भारत की तस्वीर दिखे।
अपनी रचनायें आप kavyapallavan@gmail.com पर 24 मई 2009 तक भेजें। हमारा यह अंक 28 मई 2009 को प्रकाशित किया जायेगा। यदि आप भी अपने किसी फोटोग्राफ अथवा चित्र पर काव्य-पल्लवन का आयोजन करवाना चाहते हैं तो हमें वह चित्र अवश्य ईमेल करें। चित्र भेजने की अंतिम तिथि 31 मई 2009 है।
हम काव्य-पल्लवन को बेहतर कैसे कर सकते हैं? यह मंच आप लोगों का है, इसके लिये आपके सुझाव अथवा शिकायतें अपेक्षित हैं।
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7 कविताप्रेमियों का कहना है :
इस चित्र को देखकर रची गईं कविताओं का इंतजार रहेगा।
एक तरफ I.P.L का आयोजन ,
दूसरी तरफ इस देश का ऐसा दोहन ,
देखो भारत का नंगा नौनिहाल ,
और फिर बिना शर्म के कहो ,
मेरा भारत महान
इससे ज्यादा हमे और कुछ नहीं कहना है |
चित्र विषय बहुत अच्छा है। कविता भी जानदार मिलेगी।
yah desh hai tumhara, neta tumhee ho kal ke...
इस चित्र पर तो कितना कुछ लिखा जा सकता है...
Meaningful
अनुज अवास्थी जी को बहुत बधाई !!!
Tan nanga
Man changa
Mahan hai jajba.
Is chitra ki kavita ka intzar hai.
Manju Gupta.
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