चुप रहूँगा तो अनकही होगी
गर कहूँगा तो दिल्लगी होगी
आया होगा बुझाने को तब कौन
आग पानी में जब लगी होगी
सो रहा दिन है तानकर चादर
रात तो सारी शब जगी होगी
मर गया मैं तो कौन पूछेगा
जिन्दगी मिस्ले-खुदकुशी होगी
बम गिरेंगे कभी जो धरती पर
शोर के बाद खामुशी होगी
मौत पीछा करेगी निश्चय ही
साथ गर तेरे जि़न्दगी होगी
दिल रकीबों के जल गए होंगे
तुझसे जब भी नजर लड़ी होगी
प्यास जब जाएगी गुजर हद से
होगा सागर न फिर नदी होगी
जब भी देखेंगे 'श्याम’ की मैयत
दुश्मनों को बहुत खुशी होगी
फ़ाइलातुन मफ़ाइलुन फ़ेलुन
लाल रंग वाली मात्राएं गिरेंगी[ कुछ मित्रों के अनुरोध पर चिह्नित]
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10 कविताप्रेमियों का कहना है :
श्याम जी,
एक ही ग़जल में इतने सारे भाव. बहुत अच्छी रचना. मुझे इन लाईनों ने आपका मुरीद कर दिया :-
मौत पीछा करेगी निश्चय ही
साथ गर तेरे जि़न्दगी होगी
और इन पंक्तियों ने गुजरे जमाने की याद ताजा करा दी, जब की सारी टोली में होड़ मची रहती थी कि वो देखेंगी तो किसकी ओर? फिर दूसरों के जलने-भुनने के किस्से :-
दिल रकीबों के जल गए होंगे
तुझसे जब भी नजर लड़ी होगी
सच कहूँ एक भले इंसान के लिये यह ठीक नही लगा कि जो शख्स गीत कहता है / गजल कहता है उसका भी कोई दुश्मन होगा :-
जब भी देखेंगे 'श्याम’ की मैयत
दुश्मनों को बहुत खुशी होगी
अच्छे अशआर थे पूरी गजल के, लुत्फ जी भर के लिया.
मुकेश कुमार तिवारी
चुप रहूँगा तो अनकही होगी
गर कहूँगा तो दिल्लगी होगी
लाजवाब। वाह।
बहुत सुंदर भाव हैं ... अच्छी रचना है।
लाजवाब।
आया होगा बुझाने को तब कौन
आग पानी में जब लगी होगी
acchaa lga aapake sher padh kr
yash
maja aa gaya shyam ji...
ये दो शे'र ख़ासतौर पर पसंद आये
आया होगा बुझाने को तब कौन
आग पानी में जब लगी होगी
प्यास जब जाएगी गुजर हद से
होगा सागर न फिर नदी होगी
सुंदर गजल श्याम जी,
बल्कि बहुत सुंदर,,,
बस यही कहूंगा ,,,,,,और कुछ नहीं ,
,,एक जगह पर कलर मिस्टेक है,,,,,
पर बाई दे वे,,,,,,,,,,,,
कौन
प्रिय मनु !
कौन के न का रंग नीला इसलिये है कि यहां मात्रा गिरी नहीं है-किसी भी मिसरे के अन्त में एक लघु मात्रा अगर बहर की मात्राओं से फ़ालतू भी है तो भी गज़ल छंद में यह छूट मान्य है। इसी कारण से इसे नीले रंग मे चिह्नित किया था कि लोग इसका अर्थ पूछें-आपने अपने अंदाज में पूछ लिया शुक्रिया
श्याम सखा‘श्याम
aadarniya shyaam ji,
iski baat nahi kar rahaa,,,,
ye to maaloom hai,,,
COLOUR mein galti aur hi kahi hai,,,,
maine abhi kuchh poochha nahi hai,,,
bataayaa hai,,,,
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