यूनिकवि प्रतियोगिता के चौथे स्थान की कविता की रचयिता रश्मि प्रभा हिन्द-युग्म पर कवि के तौर पर पहली बार दस्तक दे रही हैं। यद्यपि ये हिन्द-युग्म को बहुत पहले से पढ़ती रही हैं। १३ फरवरी को सीतामढी (बिहार) में जन्मी रश्मि को कलम और भावनाओं के साथ रहना अच्छा लगता है। ये मानती हैं कि यह इनका सौभाग्य है कि ये महाकवि पन्त की मानस पुत्री सरस्वती प्रसाद की बेटी हैं और इनका नामकरण भी सुमित्रा नंदन पन्त ने किया था। तथा इनके नाम के साथ अपनी स्व रचित पंक्तियाँ पंत ने इनके नाम की..."सुन्दर जीवन का क्रम रे, सुन्दर-सुन्दर जग-जीवन"। शब्दों की पांडुलिपि इन्हें विरासत में मिली है। इनका मानना है कि अगर ये शब्दों की धनी न होतीं तो इनका मन, इनके विचार इनके अन्दर दम तोड़ देते...इनका मन जहाँ तक जाता है, इनके शब्द उसकी अभिव्यक्ति बन जाते हैं... शैक्षणिक तौर पर इतिहास ऑनर्स में स्नातक रश्मि प्रभा की रचनाएँ "कादम्बिनी", "वांग्मय" और कुछ महत्त्वपूर्ण अखबारों में प्रकाशित हो चुकी हैं।
पुरस्कृत कविता- नज्मों की सौगात
मैंने नदी में नाव डाल दी है
आओ,
एक पतवार तुम थाम लो,
एक मैं!
चलें बादलों के साए में............
तुम कुहासों की बातें करना,
मैं कल-कल ध्वनि की
नज्में सुनाऊँगी !
मेरी नज्मों को
अपनी आंखों में जब्त कर लेना,
जब कभी आंसू बहेंगे,
इन नज्मों की याद आएगी.....
फिर बरबस तुम्हारे कदम
उस झील की ओर बढ़ेंगे
जहाँ मेरी नाव -
तुम्हारी राह में
पानी के थपेड़ों से जूझती मिलेगी
और रहूंगी मैं -
जलतरंग-सी नज्मों की सौगात लिए !
प्रथम चरण मिला स्थान- पाँवाँ
द्वितीय चरण मिला स्थान- चौथा
पुरस्कार- कवयित्री निर्मला कपिला के कविता-संग्रह 'सुबह से पहले' की एक प्रति
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)
23 कविताप्रेमियों का कहना है :
रश्मि दि,
लीजिये अब हम यहाँ भी आपको (butter) लगा रहे हैं ,कविता बहुत अच्छी है ,
पता नहीं क्योँ सप्प्ती जी की कविता याद आई ,आपकी कविता पढ़ कर ,कविता थी "परायों के घर "
"sappti" ji likha tha transliteration ki gadbadi hai ,humaari koi galti nahi .
पंत जी का प्रभाव स्पष्ट ही दिखता है रश्मि जी की कविताओं पर |
इस कविता की भावात्मकता उल्लेखनीय है |धन्यवाद ।
बहुत सुंदर रचना रश्मि जी ... वैसे आपको आपके ब्लाग पर पढती ही रहती हूं।
बहुत ही सुन्दर सरस कविता.
वास्तव में कविता ऐसी ही honi chaahiye , न ki woh जिस में mastishk kalaabaaziyaan khaae
बहुत सुंदर कविता |
बधाई
भावपूर्ण रचना. आपका स्वागत है.
अच्छी रचना है,,बिना बटर के,,,,,,
नीलम जी से दरख्वास्त ,,,है के,,,,,,
ये जो सप्सी की बात कर रहीं हैं,,,वो फिर कभी,,किजीये ,,,,,
काफी लोग परेशान घूम रहे हैं,,,उन्हें देखिये,,,,,,
प्रशंसा के भूखे यह सिद्ध करते हैं कि उनमे योग्यता का अभाव है |
(प्लूटो )
manu ji jo idhar udhar ghoom rahen hain ,unse kahiye ki ise avashya padhe ,baal udyaan se khaas unke liye hi
Bahut khubsurat kavita. Is manch per aapko milne wale samman, jisper aapka pura haq hai, ke liye hardik badhai.
आपको पढ़ना सदैव सुखद होता है .इस मंच पर आपको पाकर प्रसन्नता द्विगाणित हो गयी ,आप इस सम्मान की अधिकारिणी हैं .बधाई व् प्रणाम स्वीकारें .
Maa apki kavita bhaut hi bhaut hi achi hai................
achhi kavitra rashmi hji..
aapko aur aapke baare mein padhkar achha laga...
मुझे तो कुछ भी समझ में आया ही नहीं ................ अब जब समझ में ही नहीं आया तो क्या कहूं की कविता अच्छी है या .................?????
आप में से ही कोई समझा दे की क्या लिखा है इस कविता में .............कोई मेरा गुरु बनना पसंद करेगा आप सब में से ?
वैसे तो मैं शिष्य बनने लायक भी नहीं हूँ फिर भी...............................
यह जलतरंग-सी नज्मों की सौगात बहोत ही प्यारी लगी ... बस ऐसे ही अपनी सौगातों से हमारी झोली भरती रहिये ...
इस् सम्मान के लिए बहोत बहोत बधाई ... वेसे, यह सम्मान - सिर्फ आपका नहीं हम सब का है .. U r our PROUD ...
प्रणाम स्वीकार करे ... गोलू
बहुत ही प्यारी कविता है,, बिलकुल दिल को छू जाने वाली. आपकी इस उपलब्धि पे मेरी ओर से बधाई स्वीकार करे. प्रीती ( गोलू की दोस्त)
wah bahut hi sundar nazm
रश्मि जी की कवितायेँ..उनके अंतर्मन से प्रस्फुटित होती हैं..हिंदी युग्म पर पुरस्कृत किये जाने पर मेरी भी बधाई ...रश्मि जी का प्यार ...इसी प्रकार से हमें और सभी को कविताओं के माध्यम से सदैव मिलता रहे...
रश्मि जी,
बहुत ही कोमल कविता है। हम आपसे इस मंच पर इसी तरह से योगदान चाहेंगे। आपका स्वागत है।
बहुत ख़ुशी हुई आपसबों का अपनापन देखकर.....
एक बहुत ही अच्छी रचना के लिए बहुत-बहुत बधाई।
achchhi kavita hae
बहुत सुंदर रचना रश्मि जी|
बधाई
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)