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आज फिर वही बात है .....
आज फिर कुछ बातें याद आई हैं
बेटी के स्कूल का कुछ सामान ...
किसी की शादी का तोहफा खरीदना ....
आफिस की मीटिंग में कहनी एक ज़रूरी बात ....
और ....
ज़हन में काफ़ी देर से घूमता
मुकम्मल होने को तरसता
एक खूबसूरत मिस्रा .....
सोचती हूँ एक कागज़ पर लिख लूँ
के भूल न जाऊं बातें जो याद आयीं हैं
मगर फिर वही गुज़ीदा* मजबूरी, वही बात है
आज फिर वही हालात है
.
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आज फिर आटे से सने हाथ हैं .............
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RC
Dec ०९, 2008
(*गुज़ीदा = ख़ुद चुनी हुई /chosen)
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19 कविताप्रेमियों का कहना है :
खूबसूरत ......खूबसूरत ..........खूबसूरत........
वाह बहुत सुंदर बात लिखी आपने
behad sundar
ALOK SINGH "SAHIL"
वाह...! दिल छू गई आपकी रचना। अंतिम पंक्ति में कविता की जान है... बहुत -बहुत बधाई।
सुंदर... कुछ और क्या कहें...
अच्छी नज़्म...
ना लिख सके कागज पर तब ये बात हुई
लिख सकोगे तो जाने क्या बात होगी
उगेंगे हाजार तारें दिन मैं भी उस दिन
मरमरी सुबह से भी रोशन वो रात होगी
Bhupendra ji ..
Bahut khoob! Bahut khoob!
RC
अद्त्भुत नज़्म !!!
भावपूर्ण,अर्थपूर्ण
आटे से सने हाथो से .....
सम्पूर्ण !
आज फिर वही गु़जीदा मजबुरी, वही बात है
आज फिर वही हालात है
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इनपंक्तियों को पढ़ कर भी कैसे न कहूँ--
वाह! क्या बात है।
-देवेन्द्र पाण्डेय।
कविता पढने के बाद बस इतना कहा गया क्या बात है .
एसी मजबूरियां आएँगी जीवन में बार बार
क्यों न दिल पे यादो से लिखना सीखा जाए
सुंदर रचना के लिए बधाई
रचना
तारीफ दिल खोल कर ...
बहुत बहुत मुबारक बाद है आपको इस नज़्म पे.....
खूबसूरती से कही रोज़मर्रा की बात .......
कही गहरे तक असर किया आपके शब्दों ने | स्तब्ध से विचार में खो गए |
.
मौत तो पसीज जायेगी मेरी मजबूरिया देख कर,
पर ये जर्जरित जिस्म दगा देगा |
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विनय
itna behtareen likh to nahi sakte ,
magar ittefak to rakh hi sakte hain ,raaghav ji ki hausla aafjaai ,jin sabdon me aap ke liye aayi hai ,wallah .sirf itna hi kahenge ,misra to jaroor poora hona chaahiye ,chaahe kaise bhi haalat ho ,parvardigar ne jo hunar aapko baksha hai,uski ibaadat hi samajh kar kariye kisi bhi haalat me ,aaaaffffffffrrrrreeeeeeennnnnnn
vinay ji ,
murdadil kya khaak jiya karte hain ,humne to suna hai ,
jindagi jindadili ka naam hai .
बहुत बढिया
ऐसी मजबूरी हर कवि या शायर के साथ होती ही रहती है, आपने इसे बहुत सुन्दर शब्दो मे पिरोया
सुमित भारद्वाज
Thanks everybody! Thank you so much!!
रोज़मर्रा की जिंदगी बयान करती, बहुत ही खूब सूरत नज्म.........
वाह ! बहुत सुंदर।
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