कभी-कभी होता है यूं भी,
कि घर से कच्ची उम्र में ही भाग जाती हैं लड़कियां,
और पिता कर देते हैं,
जीते-जी बेटी की अंत्येष्टि...
हो जाता है परिवार का बोझ हल्का..
और कभी यूं भी कि,
बेटियां करती हैं इश्क
और पिता देते हैं मौन सहमति
ताकि बच सके शादी का खर्च,
बेटियां मन ही मन देती हैं
पिता को धन्यवाद...
और पिता भी दब जाता है
बेटी के एहसान तले....
कच्ची उम्र में मर्ज़ी से
ब्याह रचाने वाली लड़कियां,
सदी का सबसे महान इतिहास लिख रही हैं
इतिहास जिसका रंग न लाल है न गेरुआ,
इतिहास जिनमें उनका प्रेमी एक है,
पति भी एक
और भविष्य भी एक ही है....
उनकी आंखों में सबके लिए प्यार है
आमंत्रण रहित..
आप चाहें तो आज़मा लें,
अंजुरी-भर प्यार का आचमन
सिखा देगा जीवन को
अपना शर्तों पर जीने का शऊर...
कच्ची उम्र की लड़कियां
जो पैदा होती हैं
दो-तीन कमरे वाले घरों में,
दूरदर्शन या विविध भारती के शोर में
नीम अंधेरे में,
लैंप की मीठी रौशनी में
पढ़ती हैं,
कुछ रूटीन किताबें
और पवित्र चिट्ठियां..
शादी कर उतारती हैं पिता का बोझ,
बनती हैं माएं...
सच कहूं,
उनकी छाती में दूध होता है अमृत-सा,
अपना बहाव ख़ुद तय कर सकने वाली ये लड़कियां,
मुझे लगती हैं गंगा मईया...
जो कभी दूषित नहीं हो सकती...
इतिहास उन्हें कभी नहीं भूल सकता,
जिन्होंने अपनी मजबूर मांओं के साथ,
एक ही तकिये पर सिर रखकर सोते हुए,
रचा है नयी सदी का नया इतिहास
धानी रंग में...
निखिल आनंद गिरि
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10 कविताप्रेमियों का कहना है :
बहोत ही बढ़िया ब्यंग कसा साहब आपने बहोत खूब ...........
मैं तो पढ़ कर अंदर तक हिल गया ................बहोत ही सच्ची तस्वीर .....लाज़वाब
बहुत ही गहरी बातें कहती एक अच्छी रचना।
भाई अब क्या टिप्पणी करूँ तुम्हरी इस कविता पर?? आप तो कल्पना की दुनिया के बेताज बादशाह हैं... जीते रहो... लिखते रहो....
hahaha...
thats like an experienced bro.
बहुत ही बेहतरीन स्केच खींची है आपने,नया इतिहास रचती कच्ची उम्र की लड़कियों की.
आलोक सिंह "साहिल"
कच्ची उम्र की लडकी तो नादाँ होती है निखिल जी ऐसी उमर में ब्याही लड़की सदी का महान इतिहास कैसे लिख सकती है ...?
निखिल जी,
कविता अच्छी लगी, कविता के टाईटल से लग रहा था कि ये गौरव जी ने लिखी है
सुमित भारद्वाज
बहुत खूब !!
निखिल जी,
माफ़ कीजियेगा, आपकी यह कविता बार बार पढ़ी,किंतु इसका आशय अब तक समझ नहीं आया? क्या कहना चाहते हैं आप? कच्ची उम्र की नादान लड़कियां.........सदी का महान इतिहास....??? किस और इशारा कर रहे हैं? कृपया स्पष्ट करें.
सादर
^^पूजा अनिल
बेहतरीन रचना
बहुत ही संवदनशील, दिल में गहरे जगह बना गयी
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