फटाफट (25 नई पोस्ट):

Sunday, July 20, 2008

मैं पथ का कंकड़, कैसे हो मंदिर की अभिलाषा


बीच भंवर में भी सागर ने मुझको रखा प्यासा,
मैं पथ का कंकड़, कैसे हो मंदिर की अभिलाषा?

तुम देवालय की मूरत, मैं अदना-सा दास तुम्हारा,
मेरी चौखट जितनी भूमि, बहुत बड़ा आकाश तुम्हारा,
जुगनू को तारा कहकर मत मान बढ़ाओ, रहने भी दो,
तुम मन की निश्छल, निश्छल विश्वास तुम्हारा॥
मुरझाती कलियों से चमन को, व्यर्थ मधु की आशा....
मैं पथ का कंकड़, कैसे हो मंदिर कि अभिलाषा?

छवि चन्द्रमा की जैसे तुम, पावन जल में,
मरीचिका तुम मेरे मन के मरुस्थल में,
तुम सात सुरों की वीणा , कैसे बनूँ तुम्हारा?
सदा फिरा हूँ मैं, चीखों में, कोलाहल में,
स्वर में मिल ना सकूंगा, समझो मौन की भाषा...
मैं पथ का कंकड़, कैसे हो मंदिर की अभिलाषा?

भाग्य सदा ही प्रेम भाव का करता है उपहास,
लम्बा जीवन, मिलने के क्षण, कम हैं अपने पास,
लेकिन महातपस्या में, इन विघ्नों से क्या डरना,
पात झड़ें, आये सावन, मन करना नहीं उदास,
प्रेम-सुधा की एक बूँद ने, मन-उपवन को तराशा...
मैं पथ का कंकड़, कैसे हो मंदिर की अभिलाषा?

निखिल आनंद गिरी

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)

21 कविताप्रेमियों का कहना है :

Smart Indian का कहना है कि -

अति सुंदर निखिल जी, क्या उपमाएं हैं - बहुत खूब.

Anonymous का कहना है कि -

ati sunder
badhai
rachana

Shailesh Jamloki का कहना है कि -

निखिल जी,
आपकी कविता मुझे बेहद पसंद आई.. बस कुछ बिंदु कहना चाहूँगा
१) "जुगनू को तारा कहकर मत मान बढ़ाओ, रहने भी दो," इस लाइन मै, जो पहले को पंक्तियों का ताल, लय दिख रहा था.. एक दम से अलग मिला....फिर इस से अगली पंक्ति की लय सही मिली
२) उपमायें बहुत सुन्दर दी है.. और कविता पढ़ कर रवानगी सी लगी.. जो दिल मै घर कर गयी...
३) सुन्दर सरल भाषा का प्रयोग.. चार चाँद लगा रहा है..
४) कविता की लम्बाई.. नपी तुली है.. और बहुत फिट लग रही है..
५) वर्तनी और विराम चिह्नों का पूरा ध्यान रखा गया है..
६) भावात्मक रूप से भी पाठक जैसे जुड़ जाता है कविता से.. अतः आप अपने कथ्य को पाठक तक पहुचाने मै सफल हुए है..

सुन्दर कविता के लिए बधाई
सादर
शैलेश

BRAHMA NATH TRIPATHI का कहना है कि -

बहुत अच्छा निखिल जी
उपमा अलंकार से सुज्जजित बहुत ही सुंदर कविता
पढ़कर मजा आ गया

pallavi trivedi का कहना है कि -

sundar rachna...

Mohinder56 का कहना है कि -

निखिल जी,
मुझे आपकी कविता बहुत भायी. विनम्रता ही महानता का द्योतक है..

Anonymous का कहना है कि -

गजब के अलंकरणों से सजी लाजवाब कविता.
आलोक सिंह "साहिल"

शैलेश भारतवासी का कहना है कि -

इसे आपकी आवाज़ में सुनना अद्‌भुत होगा।

डा.संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमी का कहना है कि -

छवि चन्द्रमा की जैसे तुम, पावन जल में,
मरीचिका तुम मेरे मन के मरुस्थल में,
तुम सात सुरों की वीणा , कैसे बनूँ तुम्हारा?
सदा फिरा हूँ मैं, चीखों में, कोलाहल में,
स्वर में मिल ना सकूंगा, समझो मौन की भाषा...
मैं पथ का कंकड़, कैसे हो मंदिर की अभिलाषा?
निखिल जी कितना सुन्दर चित्रण है!
पुरी कविता ही सुन्दर बन पडी है, शैलेष जी ने तथ्यात्मक टिप्पणी की है किन्तु किसी भी रचना को पूर्ण नहीं कहा जा सकता और शिल्प से अधिक महत्वपूर्ण है भाव आप लिखते रहैं, आगे बढ्ते रहैं.

Anonymous का कहना है कि -

बहुत अच्छा लगी यह कविता |

Nikhil का कहना है कि -

सभी पाठकों का धन्यवाद....कई नए पाठक भी मुझे मिले हैं, इसकी हार्दिक खुशी है.....
भारतवासी जी, कविता को आवाज़ भी दे दूंगा.....थोड़ा इंतज़ार करें....कोई और भी चाहे तो इसे आवाज़ दे सकता है, मुझे ज्यादा खुशी होगी....

सस्नेह,
निखिल आनंद गिरि

rashmi का कहना है कि -

bahut hi achhi kavita bani hain,bilkul dil ko chhu gayee.. harivansh rai bachhan ki yad aa gayee,aapki ye kavita padh kar..unhi ki tarah bhasha pravah hai is kavita me....

rashmi का कहना है कि -

bahut hi achhi kavita bani hain,bilkul dil ko chhu gayee.. harivansh rai bachhan ki yad aa gayee,aapki ye kavita padh kar..unhi ki tarah bhasha pravah hai is kavita me....

rashmi का कहना है कि -

bahut hi achhi kavita bani hain,bilkul dil ko chhu gayee.. harivansh rai bachhan ki yad aa gayee,aapki ye kavita padh kar..unhi ki tarah bhasha pravah hai is kavita me....bachpan me agar aapne ek kaviat" pushp ki abhilasaha" padhi ho,usi tarah ki lagi mujhe aapki ye rachna..

Alok Shankar का कहना है कि -

nikhil bhai,
bade din baad aaye.
lekin durust aaye.

devendra kumar mishra का कहना है कि -

बहुत अच्छा लगी यह कविता |

Aman का कहना है कि -

मेरी चौखट जितनी भूमि, बहुत बड़ा आकाश तुम्हारा,

bahut sundar

करण समस्तीपुरी का कहना है कि -

बिम्ब और उपमान सुंदर परन्तु कहीं कहीं लय-भंग ! अंततः वेदना लिए एक मधुर कविता !!

Unknown का कहना है कि -

ugg outlet
oakley sunglasses
snapbacks wholesale
ugg boots
oklahoma city thunder jerseys
yeezy shoes
oakley sunglasses
fitflops
ray ban sunglasses outlet
ecco outlet

adidas nmd का कहना है कि -

ugg outlet
ray ban sunglasses
ugg boots
nike free run
ugg boots
ray ban sunglasses
coach outlet
nike blazer pas cher
fitflops shoes
coach outlet online

Obat Mujarab untuk Penyakit Epilepsi का कहना है कि -

The article is very interesting. And I also want to share articles about health, I'm sure this will be useful. Read and share it. Thank you very much :)

Cara Mengobati Penyakit Mata Ikan
Pengobatan Kanker Kolon (usus besar)

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)