फटाफट (25 नई पोस्ट):

Monday, April 21, 2008

पत्नी के लिए एक नेपाली कविता


कुमुद अधिकारी हिन्द-युग्म को बहुत सुंदर-सुंदर नेपाली कविताओं से नवाज़ा है। इस माह वे मनु मञ्जिल की कविता 'वह कविता जीवन के रंग से लिखती है' लेकर आये हैं। आखिर इस कविता को हिन्द-युग्म पर लाने की प्रेरणा उन्हें कहाँ से मिली? इसके जवाब में कुमुद कहते हैं-

"2 अप्रैल को हिन्द-युग्म में डा. नंदन की एक कविता आई थी- पत्नी के लिए। इस कविता को पढ़कर ऐसा लगा युग्म के पाठक पत्नी के लिए लिखी गई नेपाली कविता शायद पसंद करेंगे। इसलिए कवि मनु मन्जिल की कविता 'वह कविता जीवन के रंग से लिखती है' भेज रहा हूँ।"

अब तो पाठक बतायेंगे कि उन्हें यह कविता कैसी लगी।

वह कविता जीवन के रंग से लिखती है
 मनु मन्जिल

वह अक्षर नहीं जानती
लेकिन सुन्दर कविताएँ लिखती है।
सवेरे ही अंधेरे को घरसे खदेड़ देती है
सूरज की किरणों से घर-आँगन पोतती है
चूल्हे में ग़रमाहट उड़ेलती है
तड़के ही घर पूरे घर में सवेरा प्रवेश करता है
पूजाघर की अगरबत्ती
आशीर्वाद की महक लेकर कमरा दर कमरा पहुँच चुकी होती है
मेरे जागने से पहले वह पूरे घर में जीवन लिख चुकी होती है।

छोटी बच्चियों के चेहरे का गुलाब उसी ने लिखा है
कोमल होंठों की तुतलाती बोली उसी ने लिखी है
घर का उजाला उसी ने लिखा है
ये भरे पूरे सूप, डलिया, टोकरियाँ और गोठ
उसी के बिंब हैं
सब्ज़ी-खेत का सब्ज़ गीत उसी का है
गैरी खेत में धान के बालों से निकल
हवा के संग उड़ता हुआ संगीत भी उसी का है।

एक मधुर लय हरदम उसी के साथ चलता है
उसी के संग जागकर सरगम घर-आँगन में फैलता है
वह टूटकर गिरे हुए बटन, फटे हुए कपड़े प्रेम के धागे से सीती है
फुरसत होने पर आँखों में फूल जैसे सुहावने सपनें बुनती है
मन जैसे उड़ते कबूतरों को चारा देकर आँगन में बुलाती है
वही है जो मेरे चाहतों को आशीर्वाद पिलाकर पालती है।

वही है जिसने मेरा यह छोटा सा संसार लिखा है
वही है जो जीवन के रंग से कविताएँ लिखती है
मेरा यह ओज, मेरे चेहरे की आभा उसी के लिखे श्लोक हैं
और बिन भूले हर दिन एक हर्फ़ मेरे जिंदा होने का सबूत
गुराँश से मांग में लिखनेवाली भी वही है।


मूल नेपाली से अनुवादः कुमुद अधिकारीश्रीधर शर्मा

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)

12 कविताप्रेमियों का कहना है :

rakhshanda का कहना है कि -

एक मधुर लय हरदम उसी के साथ चलता है
उसी के संग जागकर सरगम घर-आँगन में फैलता है
वह टूटकर गिरे हुए बटन, फटे हुए कपड़े प्रेम के धागे से सीती है
फुरसत होने पर आँखों में फूल जैसे सुहावने सपनें बुनती है
मन जैसे उड़ते कबूतरों को चारा देकर आँगन में बुलाती है
वही है जो मेरे चाहतों को आशीर्वाद पिलाकर पालती है।

बहुत सुंदर

Harihar का कहना है कि -

बहुत सुन्दर! समझ में नहीं आता धन्यवाद
मूल कवि को दूं या अनुवादक को :
शायद दोनो को

अवनीश एस तिवारी का कहना है कि -

दो देशों और साहित्यों का मेल !!!

बहुत सुंदर | सभी को बधाई |

-- अवनीश तिवारी

anuradha srivastav का कहना है कि -

बहुत सुन्दर......

seema sachdeva का कहना है कि -

पत्नी ऐसी ही होती है |बधाई

Kavi Kulwant का कहना है कि -

बहुत अच्छा लगा

Anonymous का कहना है कि -

बहुत ही सुंदर भावों से ओत प्रोत , पत्नी के लिये लिखी गयी कविता, कवि के पत्नी प्रेम और आभार को प्रकट करती है , अनुवादक को और हिंद युग्म को धन्यवाद .

मनु मंजिल जी को बहुत बहुत बधाई

^^पूजा अनिल

mehek का कहना है कि -

बहुत सुंदर

Sajeev का कहना है कि -

वाह क्या बात है.... सहेज कर रखने लायक कविता, अनुवाद में भी बहुत रस है, यह कुमुद जी कि तारीफ है, मूल कवि को ढेरों बधाई सुंदर सी कविता के लिए

भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav का कहना है कि -

वाह क्या शब्द है..
मन मोह लिया कविता ने..

मनु जी कुमुद जी व श्रीधर जी सभी बहुत बहुत बधाई के पात्र है..
सचमुच सहेजकर रखने वाली कविता..

पति पत्नी के हेज की
कविता मिली सहेज की..

Anonymous का कहना है कि -

बहुत सुंदर ,मूल कवि और अनुवादक दोनों को ही मेरी शुभकामनाएं.
आलोक सिंह "साहिल'

देवेन्द्र पाण्डेय का कहना है कि -

आदरणीय कुमुद अधिकारीजी-कविता बहुत सुंदर है। मैने पिछली बार अनुरोध किया था-फिर कर रहा हूँ कि नेपाली कविता का हिन्दी अनुवाद प्रकाशित करते समय मूल कविता-नेपाली- में भी प्रकाशित किया जाय तो अधिक अच्छा हो। भारत-नेपाल दोनो ही देश में बहुत से लोग ऎसे हैं जिन्हे दोनो ही भाषाओं का अच्छा ग्यान है। सलाह के लिए यदि यह मंच उपयुक्त न हो तो कॄपया सही मंच तक मेरी बात पहुंचाने का कष्ट करें।--devendrambika@gmail.com

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)