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Monday, February 11, 2008

विश्व पुस्तक मेला बाइट्स (दैनिक भास्कर में 'पहला सुर' की चर्चा)


२-१० फरवरी २००८ का समय हिन्द-युग्म के लिए कई तरह के अनुभव जुटाने का समय रहा। विश्व पुस्तक मेला हिन्द-युग्म को यह समझा गया कि हिन्दी के लिए काम करने वाले स्वयंसेवकों की कभी कमी नहीं होगी, बस मन से सही दिशा में प्रयास होता रहे।

हम आपके सामने विश्व पुस्तक मेले की छोटे-छोटे 'बाइट' लेकर आते रहेंगे। शुरूआत हम ११ फरवरी २००८ के दैनिक भास्कर के राष्ट्रीय संस्करण में प्रकाशित 'हिन्द-युग्म' के अल्बम 'पहला सुर' के उल्लेख से करना चाह रहे हैं। इस माध्यम से भी बहुतों को हिन्द-युग्म के 'पहला सुर' की कहानी पता चलेगी।



(दिल्ली से प्रकाशित 'दैनिक भास्कर' का दूसरा पृष्ठ देखें)

अन्य अखबारों की नज़र में हिन्द-युग्म

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5 कविताप्रेमियों का कहना है :

seema gupta का कहना है कि -

११ फरवरी २००८ के दैनिक भाष्कर के राष्ट्रीय संस्करण में प्रकाशित 'हिन्द-युग्म' के अल्बम 'पहला सुर' का उल्लेख पढ़ कर मन गौरव से भर गया. हिन्द-युग्म के 'पहला सुर' की सफलता एक बहुत बडी उपलब्धी है, सभी को बहुत बहुत बधाई और आगे के लिए शुभकामनाएं "
"Regards"

तपन शर्मा Tapan Sharma का कहना है कि -

हिंद युग्म को जिस तरह का प्रोत्साहन पुस्तक मेले में मिला वो देखते ही बनता था। मैं खुद उन पलों का साक्षी रहा। रोज़ कोई न कोई मीडिया से आये रहते थे। लोग आते, कोई पहला सुर के बारे में जानकर अचरज करता। उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था कि इंटेरनट के जरिये भी ऐसा सम्भव है। इसका श्रेय सजीव जी को जाता है। कोई हिंदी में लिखना सीखना चाहता था। वे समझ ही नहीं पा रहे थे कि मुफ्त में कोई उन्हें हिंदी लिखना सिखायेगा। काफी लोग कविता, कहानी व गज़ल के शौकीन थे। वे प्रतियोगिता में भाग लेने के इच्छुक थे। सैकड़ों हजारों की संख्या में लोग आये। हर कोई उत्साहित दिख रहा था। कुछ लोग तो घंटों हिंद युग्म के स्टैंड पर बिता कर गये तो कुछ युग्म के प्रयास से इतने प्रभावित थे कि उन्होंने स्वयं आगे बढ़ कर अपनी सेवा देने का वादा किया। हिंद युग्म के लिये ये पुस्तक मेला एक "टर्निन्ग पाइंट" साबित होगा। बस ध्यान लक्ष्य से हटने न पाये।

Sajeev का कहना है कि -

सचमुच तपन भाई पुस्तक मेले का अनुभव शानदार रहा, जाने कितने लोग युग्म के इस आन्दोलन में जुडे पूरे दिल से, इतना प्रेम बरसाया लोगों ने कि युग्म के पूरी टीम को, उसके १८ महीनों के अथक तप और परिश्रम को, एक नयी उर्जा मिल गयी, आप चिंता न करें अब दुगने जोश के साथ काम होगा, हम अपने मकसद में अवश्य कमियाब होंगे

Alpana Verma का कहना है कि -

हिन्दयुग्म ऐसे ही यश और अपने मकसद में नित नयी सफलताएं पाता रहे ऐसी ईश्वर से प्रार्थना है.इस कार्य में जुटे हुए सभी कार्यकर्ताओं को बधाई और शुभकामनाएं.
पुस्तकमेले में हिन्दयुग्म के साथ जो उन पलों के साक्षी रहे वे खुशनसीब हैं.उन्हेंभी बधाई

ऐसे बाईट्स [सूचनाओं] का आगे भी इंतज़ार रहेगा.

गीता पंडित का कहना है कि -

ईश्वर से प्रार्थना है......हिन्दयुग्म ऐसे ही सफलताएं पाता रहे........

सभी कार्यकर्ताओं को ...
बधाई

शुभकामनाएं |

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