चूम ले हर खुशी आपके हर कदम !
दरम्यां आपके न मोहब्बत हो कम !!
हैं बंधे सात फेरों से सातों जनम !
दरम्यां आपके ना मोहब्बत हो कम !!
आपके नूर से ही है रोशन समां !
लेके खुशबू तुम्हारी महकती फिजां !!
हो दुआ पाक दिल की खुदा की कसम !
दरम्यां आपके न मोहब्बत हो कम !!
आपसे ही चमन अपना गुलजार है !
आपके अक्स में रब का दीदार है !!
आप गुलशन हैं, गुलशन के बुलबुल हैं हम !
दरम्यां आपके न मोहब्बत हो कम !!
आज तक जिंदगी में जो गुजरे हैं दिन !
दूने उसके मिले आज का ये सुदिन !
ख्वाब में भी न आए कभी कोई गम !
दरम्यां आपके न मोहब्बत हो कम !!
चूम ले हर खुशी आपके हर कदम !
दरम्यां आपके न मोहब्बत हो कम !!
- यूनिकवि केशव कुमार 'कर्ण'
(केशव कुमार 'कर्ण' अपनी इस कविता अपने भैया रितेश और भाभी निधि की शादी की सालगिरह को समर्पित करना चाहते हैं। हिन्द-युग्म की ओर से भी बधाइयाँ)
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14 कविताप्रेमियों का कहना है :
kesahv, apki ye kavita mujhe bahooooooooot pasand aai...ap isi tarah bahooot achi achi kavitayen likha karo.....hamari aur se apke bhaiya aur bhabhi ko shadi ki salgirah ki bahot bahot badhaiyan..... aur apko bhi yunikavi banne ki bahot bahot badhaiyan.....
wish u all the very best...hope you will get your goal soon......
with lots of wishes
rachna
gurgaon,haryana
बहुत खूबसूरत कविता है बधाई
bahut bahut badhaayee | sundar rachanaa |
avaneesh tiwari
चूम ले हर खुशी आपके हर कदम !
अती सुंदर , भैया रितेश और भाभी निधि की शादी की सालगिरह पर हमारी तरफ से भी बहुत सारी शुभकामनाएं.
Regards
बहुत प्यारी कविता और वो भी इतने प्यारे रिश्ते को समर्पित.. मज़ा आ गया
निधि की निधि रितेश अरु
रितेश की निधि जब निधि
प्रेम का का प्रगाढ़ रिश्ता
होगा ना कम, कोई विधि
कोटिशः शुभ-कामनायें
पाइये इस ओर से..
पल्लवित हो, हो मधुर-रस
पायें नयी ऊँचाइयाँ..
भरपूर जीवन में मिले
सुख,सम्पदा और समृधि.
This is really a very melodious poem. There should be such devotion & love between each other.
And nothing to say about the person who has written. He is absolutely admirable.
ढेरों बधाईयाँ
हैं बंधे सात फेरों से सातों जनम !
आपके नूर से ही है रोशन समां !
दरम्यां आपके ना मोहब्बत हो कम !!
केशव जी,
ये पंक्तियाँ कविता को कमजोर बना रही हैं।मेरा मानना है कि "जनम", "कसम" जैसे शब्दों का कविता में बड़ी हीं सावधानी से प्रयोग होना चाहिये......नहीं तो किसी फिल्मी गाने का बोध होने लगता है। उम्मीद करता हूँ कि आप इस ओर ध्यान देंगे।
वैसे आपके भैया और भाभी को शादी की सालगिरह मुबारक हो।
-विश्व दीपक ’तन्हा’
शुभकामनाएं.
बधाई,
आपके लिए नहीं, आपके भैया-भाभी के लिए। केशवजी से मैं व्यक्तिगत रूप से परिचित हूँ एवं उनका लेखन निःसन्देह दिन-प्रतिदिन प्रगति की दिशा में अग्रसर है। परंतु आपकी इस रचना ने मुझे निराश किया है। पहले तो इसे कविता कहना सही नहीं होगा और दूसरी बात यह की मुझे इसमें 'तुकबन्दी' ज्यादा लगी। आपने 'उर्दू' शब्दों के साथ जो प्रयोग किया है वह प्रशंसनीय है। परंतु इसके साथ यदि शब्दों के सही समुयोजन पर ध्यान देते तो बात ही कुछ और होती।
सादर-
कुन्दन कुमार मल्लिक, बंगलोर, +91-9739004970
हिन्द-युग्म के सभी यूनिकवियों की रचनाओं से इसकी तुलना की जाय तो यह एक बहुत ही कमज़ोर रचना है। इसे शत-प्रतिशत तुकबंदी कह सकते हैं। आप यूनिकवि के रूप में बेहतर कविता लेखन के लिए जिम्मेदार हैं।
चूम ले हर खुशी आपके हर कदम !
दरम्यां आपके न मोहब्बत हो कम !!
हमारी तरफ से भी .....
बहुत सारी ....
शुभकामनाएं |
Hello Mr. Keshav,
This is a very beautiful poem.I appriciate your this creation.It includes all thoughts that a son or a daughter wants to say to his or her parents.you poured all in this poem. Thanks a lot and at last but not least.....
chum le har khushi aapke har kadam
bhool se bhi na aaye aapki zindagi me koi gam......
Shobhita Sahu
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