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Monday, January 14, 2008

हिन्द-युग्म अन्तर्राष्ट्रीय काव्य-गोष्ठी संपन्न



[मुम्बई से प्रकाशित हिन्दी दैनिक "यशोभूमि' के १७ जनवरी २००८ के अंक के तृतीय पृष्ठ पर इस काव्य गोष्ठी की चर्चा हुई]


अत्यन्त हर्ष का विषय है कि 12 जनवरी 2008 दिन शनिवार, को मुम्बई मे हिन्द-युग्म के सहयोग से आयोजित एक अन्तर्राष्ट्रीय कवि गोष्ठी का आयोजन कुलवंत सिंह, अवनीश तिवारी और आर. पी. हंस के संयुक्त प्रयासों से अणुशक्तिनगर में स्कूल 1 के प्रांगण में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ |



इस संपन्न हुए समारोह के साथ आइये एक सुहावना सफर करते है ...

समय सुबह - 10.45 बजे
कवि कुलवंत सिंह द्वारा रचित 'माँ शारदा की वंदना' को गौरी और सिमरन ने गाया। दीप प्रज्वलन तथा 'माँ शारदा' को माल्यार्पण किया गया।

समय सुबह - 10.50 बजे

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट महानुभावों का सम्मान ।
प्रसिद्ध ग़ज़लकार एवं कवयित्री "देवी नांगरानी" जी, जो कि न्य़ू जर्सी, अमेरिका से हैं, ने काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता के कार्यभार के लिए अपनी अनुमति सहर्ष प्रदान की ।
कवि कुलवंत ने मंच संचालन की डोर थामी | इस कार्यक्रम में अनेक प्रसिद्ध हस्तियों ने हिस्सा लिया एवं कार्यक्रम का मान बढ़ाया । कार्यक्रम में आने वाले प्रमुख कवि थे -

मरियम गजाला
समीरलाल - कनाडा से
डा. हरिहर झा - आस्ट्रेलिया से
राजीव सारस्वत
अरविंद राही
भरत शब्द वर्मा
हरनाम सिंह यादव
प्रमिला शर्मा
ऋषि कुमार मिश्र
रवि दत्त गौड़
शकुंतला शर्मा
मधुपेश मुंतजिर इंदौरी
डा. वफा
त्रिलोचन अरोड़ा
शीतल नागपुरी
मंजू गुप्ता
नंदलाल थापर
शैली
शारदा गोस्वामी
शुभकीर्ति माहेश्वरी
रमेश श्री वास्तव
विजय कुमार भटनागर
सुरिंदर रत्ती
नीरज गोस्वामी
वी डी तिवारी
रवि यादव



समय सुबह - 11 बजे
कवि और कवयित्रियों का सम्मान, परिचय और उनके द्वारा रचना पाठन |
कुछ यादगार लम्हें ...
शैली ने कार्यक्रम की शुरुआत में ही सबको अपनी रचना से मत्रमुग्ध कर दिया। श्रीमती गोस्वामी ने अपनी ग़ज़ल "तमाम रातें" से सबकी वाह वाही लूटी | आस्ट्रेलिया से आए हरिहर झा ने अपनी रचना से सबके मन को भिगो दिया |


[नीरज गोस्वामी ग़ज़ल सुनाते हुए]


मरियम आपा ने अपने मूल्यवान अशआर से सबको सम्मोहित कर दिया |
नीरज गोस्वामी ने दिल को छूने वाले शेर और ग़ज़ल सुनाई |
राजीव सारस्वत एवं अरविंद राही के गीतों ने तो समां ही बांध दिया ।
कार्यक्रम के अन्य मुख्य आकर्षण थे -त्रिलोचन अरोड़ा, डा. वफा, शुभकीर्ति माहेश्वरी, रमेश श्रीवास्तव, शिप्रा वर्मा, विजय भटनागर, इंदौरी, प्रमिला। जिनकी रचनाओं पर खूब तालियां मिलीं । रवि दत्त गौड़ जी की रचना इंसान की यात्रा के रहस्यवाद से लिपटी हुई थी ।


[अवनीश एस॰तिवारी काव्य-पाठ करते हुए]


इस कार्यक्रम का एक और मुख्य हिस्सा थे, पहली बार कविता पाठ के लिए आने वाले नई पीढ़ी के नए तेवरो के साथ - शैली, शिप्रा वर्मा, अवनीश तिवारी, दिव्य प्रकाश दुबे, महिमा बोकड़िया और साकेत चौधरी | कोई नही कह सकता था कि यह मंच पर पहली बार कविता पाठ कर रहे हैं। बिल्कुल मंजे हुए खिलाड़ियों की तरह अपनी- अपनी बात कह रहे थे । एक और दिल को छू लेने वाली बात यह थी कि शिप्रा वर्मा और महिमा तो इंटरनेट से कार्यक्रम के बारे में जान कर सीधे ही कार्यक्रम में पहुंची थीं । वाह क्या बात है.. ।


[मंच-संचालक के रूप में समीर लाल जी और कवि कुलवंत सिंह जी]


कनाडा से आए समीर लाल जी हालांकि थोड़ा विलंब से पहुंचे लेकिन अपनी बातों और रचनाओं से उन्होने सबका दिल जीता | समीर जी मंच संचालन मे भी सक्रिय रहे |

कुलवंत सिंह ने अपनी देश भक्ति की रचना से सबका मन मोह लिया । हंस जी की गज़ल ने सबके दिलों को छुआ। अंत मे देवी नांगरानी ने अपनी मनमोहक ग़ज़लों को गाकर मंच की सफलता को पूर्णता प्रदान की | ४० से अधिक हिन्दी प्रेमियों ने इसमें भाग लेकर इसे सफल बनाया।

इस कार्यक्रम की एक विशेष बात यह भी रही कि बहुत से कवियों ने देश के विभिन्न हिस्सों से ही नहीं, अपितु विदेशों से भी कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं ही नही भेजीं अपितु गोष्ठी से जुड़ने के प्रयास भी किए - अपने संदेश भेजकर, रचनाएं भेजकर, और कार्यक्रम के दौरान फोन कर अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर । बहुत ही दिल छू लेने वाले अंदाज में । इनमें प्रमुख थे - अमेरिका से प्रसिद्ध गीतकार एवं कवि द्वय श्री राकेश खंडेलवाल एवं अभिनव शुक्ल, दुबई से पूर्णिमा वर्मन (अभिव्यक्ति) ,कोयंबतूर से राजश्री, आंध्र प्रदेश से रमा द्विवेदी, औरंगाबाद से सुनीता यादव, मध्य प्रदेश से गिरीश बिलौरी, पाकिस्तान से गुल देहलवी
कार्यक्रम का समापन लगभग पौने तीन बजे राष्ट्रगान के साथ हुआ। तत्पश्चात भोजन एवं स्नेहपूर्ण विदाई |

इस तरह से यह सफर तय हुया |



अन्य झलकियाँ


[मरियम ग़ज़ाला]



[नंदलाल थापर]



[मंजू गुप्ता]



[हरिहर झा]



[अरविन्द राही]



[देवी नांगरानी]



[सुरेंदर रत्ती]


प्रस्तुति- कवि कुलवंत सिंह अवनीश एस॰ तिवारी

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19 कविताप्रेमियों का कहना है :

seema gupta का कहना है कि -

Heartiest congratulation to Hind Yugm team and organisors for their great effort done, a good achievement. Congrates to all the winners and participants.

With Regards

Nikhil का कहना है कि -

बहुत-बहुत बधाई....ये तो बहुत बेहतरीन आयोजन लगा....हिन्दयुग्म नई उड़ान भर रहा है.....अभी पूरा आसमान बाकी है...

Alpana Verma का कहना है कि -

इस सफल आयोजन के लिए बहुत बहुत बधाईयाँ !
पूरा विवरण पढ़ा.भविष्य के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं

Anonymous का कहना है कि -

इस सफल आयोजन के लिए सभी साथियों को बहुत बहुत साधुवाद .
आलोक सिंह "साहिल"

Anonymous का कहना है कि -

heartiest congrats for this

शोभा का कहना है कि -

बहुत बढ़िया कार्यक्रम रहा आफका । कुलवन्त जी, अवनीश जी तथा सभी कवियों को हार्दिक बधाई ।

Mohinder56 का कहना है कि -

आयोजक मित्रों को इस सफ़ल आयोजन के लिये बहुत बहुत बधाई हो.. इस तरह के आयोजन करना वो भी इस सफ़लता पूर्वक अपने आप में आयोजकों की कार्यकुशलता का प्रतीक है...

Anonymous का कहना है कि -

HIND YUGM KI KAVYA GOSHTHI SAFAL RAHI

Rama का कहना है कि -

डा. रमा द्विवेदीsaid...

काव्य- गोष्ठी की सफलता पर सभी मित्रों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं...विशेषकर अवनीश तिवारी को जिसने इस शुभ सूचना से अवगत करवाया ....सभी फोटो और समाचार अच्छे लगे...हिन्द युग्म के एक नए प्रयास के लिए मुबारकबाद.....

रंजू भाटिया का कहना है कि -

सफल आयोजन और सुंदर कविता पाठ ..बधाई यूं ही आगे बढ़ते रहे और सफलता मिलती रहे यह दुआ है !!

Unknown का कहना है कि -

अभिनव एवं सफल प्रयास के लिए शत-शत शुभकामनाएँ।
-राजीव सारस्वत

भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav का कहना है कि -

विवरण पढ़्कर ही इतना मज़ा आ गया तो वास्तव में कितना रसपूर्ण रहा होगा कल्पना कर रहा हूँ..
आयोजकों एवं सरीक हुई हस्तियों को बहुत बहुत बधाई..

Sajeev का कहना है कि -

safal ayojan ke liye bahut bahut badhaaiyan,jab shuruvaat itni dhamake daar ho to kya kahne..... kulvant ji aur unki poori team ko ek baar fir badhaai, aur dheron shubhkaamnayen

Dr. sunita yadav का कहना है कि -

kash wahan hum bhi hote....badhaaii sabhi ko

sunita

Unknown का कहना है कि -

बधाईयाँ

शैलेश भारतवासी का कहना है कि -

इन कवियों में से कइयों के बारे में सुना था, बात की थी। इसी बहाने देख भी पाया। यह आयोजन बहुत ही सफल आयोजन रहा। कवि कुलवंत जी और अवनीश एस॰ तिवारी बधाई के पात्र हैं।

विश्व दीपक का कहना है कि -

आयोजन की सफलता के लिए ढेरों बधाईयाँ।

-विश्व दीपक 'तन्हा'

Alpana Verma का कहना है कि -

मुम्बई से प्रकाशित हिन्दी दैनिक "यशोभूमि' के १७ जनवरी २००८ के अंक के तृतीय पृष्ठ पर इस आयोजन की ख़बर छपने से हम सब को हर्ष हुआ और हिन्दयुग्म की टीम को भी प्रोत्साहन जरुर मिला होगा. साथ ही अपेक्षित प्रचार और प्रसार भी.
उम्मीद है मीडिया आप के हर क़दम पर सहयोग दे कर आप को उत्साहित करते रहे.बहुत बधाईयाँ.

madhu का कहना है कि -

Hind Yugm dvaara mumbai mein ayojit kavi sammelan ki safalata ke liye badhai. isee tarah aap sabhee apne aayojanoN ko safalatapoorvak aayojit karte rahein.
shubh kamana.

madhu.

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