नवीनता के पंख होते हैं
और वर्ष पलों के पंखों से
उडता थामे आता है थरिया भर आसमान सितारों भरा
मेरी आँखों की धरती में टांक जाता है चंदा
और वर्ष पलों के पंखों से
उडता थामे आता है थरिया भर आसमान सितारों भरा
मेरी आँखों की धरती में टांक जाता है चंदा
कि धरती में खुशबू भर जायेगी अब के बरस
कि उम्मीद कठपुतली न रहेगी, नाचेगी लेकिन
कि आशा बांसुरी बजायेगी
कि मन के पास धरती होगी
और धरती के पास सोना
और मेरे स्वजन
हमारी आत्मीयता का विश्वास भी तो
फूलों से लद जायेगा
अंतरंगता की नदी का कोकिल-कलरव
तार बन और गूथ देगा हम तुम को
और मधुरता आसमान से इतनी उची हो लेगी
जितनी ऊँची होती है बुजुर्गों की दुआ.
नवीनता में पुरातनता को अलविदा कहना है
लेकिन अनुभव जीवन का गहना है
तो फिर हर नवीन खुशियों में
जीवन की अदाओं का साथ भर देंगे
अपने दिल इतने पास कर देंगे
आपको अपने मन में घर देंगे
नवीनता इस लिये मुबारक हो
कि सोच के मौसम अब कि बदलेंगे
मुझको आशा है हर गलतफहमी
अब धुवाँ न बन के फैलेगी
बन के खुशबू हमारे मन के गुल
कहते हैं साथ अपना पर्बत हो
हमारी आत्मीयता का विश्वास भी तो
फूलों से लद जायेगा
अंतरंगता की नदी का कोकिल-कलरव
तार बन और गूथ देगा हम तुम को
और मधुरता आसमान से इतनी उची हो लेगी
जितनी ऊँची होती है बुजुर्गों की दुआ.
नवीनता में पुरातनता को अलविदा कहना है
लेकिन अनुभव जीवन का गहना है
तो फिर हर नवीन खुशियों में
जीवन की अदाओं का साथ भर देंगे
अपने दिल इतने पास कर देंगे
आपको अपने मन में घर देंगे
नवीनता इस लिये मुबारक हो
कि सोच के मौसम अब कि बदलेंगे
मुझको आशा है हर गलतफहमी
अब धुवाँ न बन के फैलेगी
बन के खुशबू हमारे मन के गुल
कहते हैं साथ अपना पर्बत हो
नूतन वर्ष स्वागत हो.
नूतन वर्ष स्वागत हो..
*** राजीव रंजन प्रसाद
२७.१२.१९९५
नूतन वर्ष स्वागत हो..
*** राजीव रंजन प्रसाद
२७.१२.१९९५
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8 कविताप्रेमियों का कहना है :
नववर्ष की ढेरों शुभकामनायें, आपकी कविता ने इस शुभ अवसर में नयी उर्जा फूंक दी है
राजीव जी
नव वर्ष पर नवीव सन्देश भरी रचना के लिए बधाई । नव वर्ष की अनेकानेक शुभकामनाएँ
"har saal aata hai, Har saaljata hai, is saal aapko vo khusee mile, jo aapka dil chahta hai"
"Happy new year'
Regards
मुझको आशा है हर गलतफहमी
अब धुवाँ न बन के फैलेगी
बन के खुशबू हमारे मन के गुल
कहते हैं साथ अपना पर्बत हो
नूतन वर्ष स्वागत हो.
नूतन वर्ष स्वागत हो..
नूतन वर्ष का आपके साथ मिलकर हम सब स्वागत करते हैं। बड़ी हीं मनोरम कविता लिखी है आपने।
बधाई स्वीकारें।
-विश्व दीपक 'तन्हा'
राजीव जी नूतन वर्ष पर आपकी उर्जावान कविता मजेदार लगी.
शुभकामनाओं समेत
आलोक सिंह "साहिल"
बहुत अच्छा लिखा है आपने,
'नवीनता में पुरातनता को अलविदा कहना है
लेकिन अनुभव जीवन का गहना है
तो फिर हर नवीन खुशियों में
जीवन की अदाओं का साथ भर देंगे'
सुंदर विचार!
उम्मीदों के दिए जलाये रह कर आगे बढ़ने का हौसला देती हुई आप की कविता नए साल का पूरे जोश से स्वागत कर रही है.
बधाई !
नूतन वर्ष स्वागत हो.
नूतन वर्ष स्वागत हो..
सुंदर कविता है ..नए साल की बहुत बहुत बधाई आपको
एक उत्कृष्ट रचना...
बहुत बहुत शुभकामनायें
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