स्वागत है
नव वर्ष तुम्हारा
ज्योति पुंज
बनकर आओ
मेरे अन्तर में
छाया जो
सघन तमस
तुम हर जाओ
आँखों को दो
नूतन सपने
उर -उम्मीद
जगा जाओ
गत अतीत की
असफलता का
पीड़ा दर्द
बहा जाओ
देखूँ फिर मैं
स्वर्णिम सपने
मानवता स्थापन के
नए वर्ष में
नईशक्ति से
दो सबको
नूतन सपने
रोक लगादो
दानव पर
मानव को
विजयी बनाओ तुम
स्व से हट कर
पर की सोचें
सबको सुखी
बनाओ तुम
दैन्य -दरिद्रता
दूर भगा दो
विकसित राष्ट्र
बनाऊँ मैं
भूल हृदय की
वैर-विषमता
स्नेह-सुधा
सरसाऊँ मैं
करो प्रेम की
शीतल वर्षा
सबको सुखी
बनाऊँ मैं
जन-जन को
हर्षाऊँ मैं
नव वर्ष तुम्हारा
ज्योति पुंज
बनकर आओ
मेरे अन्तर में
छाया जो
सघन तमस
तुम हर जाओ
आँखों को दो
नूतन सपने
उर -उम्मीद
जगा जाओ
गत अतीत की
असफलता का
पीड़ा दर्द
बहा जाओ
देखूँ फिर मैं
स्वर्णिम सपने
मानवता स्थापन के
नए वर्ष में
नईशक्ति से
दो सबको
नूतन सपने
रोक लगादो
दानव पर
मानव को
विजयी बनाओ तुम
स्व से हट कर
पर की सोचें
सबको सुखी
बनाओ तुम
दैन्य -दरिद्रता
दूर भगा दो
विकसित राष्ट्र
बनाऊँ मैं
भूल हृदय की
वैर-विषमता
स्नेह-सुधा
सरसाऊँ मैं
करो प्रेम की
शीतल वर्षा
सबको सुखी
बनाऊँ मैं
जन-जन को
हर्षाऊँ मैं
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13 कविताप्रेमियों का कहना है :
शोभा जी
शीतल सुखद रस की फुहारे बरसाती कविता के लिये बहुत बहुत बधाई
सुषमा गर्ग
शोभाजी आपकी इस कविता ने मन को
हर्षित,उल्हासित कर दिया,बधाई,
बेहद खूबसूरत भाव है.
दानव पर
मानव को
विजयी बनाओ तुम
स्व से हट कर
पर की सोचें
सबको सुखी
बनाओ तुम
दैन्य -दरिद्रता
दूर भगा दो
शोभाजी सरस कविता के लिये बधाई
"beautifully composed poem" nice one
Regards
तुम हर जाओ
आँखों को दो
नूतन सपने
उर -उम्मीद
जगा जाओ
गत अतीत की
असफलता का
पीड़ा दर्द
बहा जाओ
देखूँ फिर मैं
स्वर्णिम सपने
बहुत खूब शोभा जी ...आपकी इस रचना ने दिल को छू लिया .!!
देखूँ फिर मैं
स्वर्णिम सपने
मानवता स्थापन के
.......
सुन्दर पन्क्तियां ..... धन्यवाद शोभा जी एक अच्छी रचना के लिये
शोभा जी, बहुत ही शीतल कविता.
भूल हृदय की
वैर-विषमता
स्नेह-सुधा
सरसाऊँ मैं
बधाई हो
आलोक सिंह "साहिल"
मेरे अन्तर में
छाया जो
सघन तमस
तुम हर जाओ
आँखों को दो
नूतन सपने
उर -उम्मीद
जगा जाओ
गत अतीत की
असफलता का
पीड़ा दर्द
बहा जाओ
देखूँ फिर मैं
स्वर्णिम सपने
मानवता स्थापन के
नए वर्ष में
नईशक्ति से
दो सबको
नूतन सपने
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...
'स्नेह-सुधा
सरसाऊँ मैं
करो प्रेम की
शीतल वर्षा
सबको सुखी
बनाऊँ मैं'
बहुत सुंदर कामना की है.
सरल ,सरस अच्छी रचना.
सुंदर कामना
बहुत सुन्दर सरल कविता...शोभा जी बहुत अच्छे विचारों से बुनी गई कविता है....
शोभा जी,
सकारात्मक भावभीनी सोच समेटे रचना के लिये बधाई.
बढ़िया लिखा है। आपको नव वर्ष की शुभकामनाएँ
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