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Thursday, January 03, 2008

रंजना सिंह का नया साल


नया साल
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एक और वर्ष बीत रहा
बीत रहे लम्हों संग
हम भी तो बीत रहे
उम्र की जो पूँजी थी
वह भी तो रीत रहा.
यह वर्ष भी बीत रहा.

जश्न हम मनाएं क्या
गीत नया गायें क्या
संचित अभिलाषा की
कथा अब सुनाएँ क्या
हौसलों की बुलंदी का
संगी भयभीत खड़ा.
यह वर्ष भी बीत रहा.

स्मृति की अट्टालिका मे
पल छिन जो ठहरे हैं
अगणित रंगों मे घुले
रंग बड़े गहरे हैं
उसमें गम-सुम से मेरे
सपने सुनहरे हैं
पाँव मेरे ठिठके पर
समय प्रवाह जीत रहा.
यह वर्ष भी बीत रहा.

पर पास खड़ा नया साल
मुझको समझाता है
मद्धिम सी छेड़ तान
मुझको बहलाता है
प्राणों मे फिर से वही
आस फिर जगाता है
बीता जो लम्हा वह
बीत गया बात गई
आगे का हर पल तो
तेरा बस तेरा है
जाने दे उस पल को
जो बीत रहा बीत रहा

---रंजना सिंह

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11 कविताप्रेमियों का कहना है :

Shiv Kumar Mishra का कहना है कि -

समय और जीवन का प्रवाह ऐसा ही है. जो बीत गया, उससे जो मिला उसे संभालें. आनेवाले साल से जो कुछ मिलेगा उसके लिए तैयार रहें.

बहुत अच्छी कविता.

अवनीश एस तिवारी का कहना है कि -

पर पास खड़ा नया साल
मुझको समझाता है
मद्धिम सी छेड़ तान
मुझको बहलाता है
प्राणों मे फिर से वही
आस फिर जगाता है
---

सुंदर पंक्तियाँ
नव वर्ष की शुभ्कमानायों के साथ -
अवनीश तिवारी

annapurna का कहना है कि -

बहुत सुन्दर कविता !

नए साल की शुभकामना कि ये साल आपको रीता न लगे।

Alpana Verma का कहना है कि -

पुराने बीते लम्हों से कुछ सीखते हुए नए साल का आगाज़ करें.
आस बनाये रखिये-
'उसमें गम-सुम से मेरे
सपने सुनहरे हैं'
कामना करते हैं कि इस वर्ष आप के सपनो को जुबान मिल जाए.
और ''संचित अभिलाषा '' को भी पंख मिल जाएं.
एक अच्छी कविता.
शुभकामनाओं के साथ.

Anonymous का कहना है कि -

शब्दों की अभिव्यक्ति बेहद खूबसूरत है ,
जो बीत रहा बीत रहा ,जाने दे उस पल को ,सही कहा है
नववर्षाभिनंदन .

भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav का कहना है कि -

रंज करो ना रंजना बीत गया जो साल
नये साल के संग हो नया गीत सुर ताल
नया गीत सुर ताल लेकर नव-आशायें
नये साल में आओ मिलकर कदम बढ़ायें
नये साल पर ढ़ेरों दिल की शुभकामनायें
नये साल पर ढ़ेरों दिल की शुभकामनायें
-राघव

नीरज गोस्वामी का कहना है कि -

रंजना जी
आगे का हर पल तो
तेरा बस तेरा है
जाने दे उस पल को
जो बीत रहा बीत रहा
बहुत सुंदर रचना. निराशा को चीर कर आशा की किरण दिखाती है आप की पंक्तियाँ. शब्द और भाव का अनूठा संगम है रचना में. बहुत बहुत बहुत बधाई....ऐसे ही लिखती रहें.
नीरज

Anonymous का कहना है कि -

रंजना जी नए साल के स्वागत का ये अंदाज भी भाया
इन पंक्तियों ने तो गजब भी धा दिया
प्राणों मे फिर से वही
आस फिर जगाता है
बीता जो लम्हा वह
बीत गया बात गई
आगे का हर पल तो
तेरा बस तेरा है

नव वर्ष मंगलमय हो
आलोक सिंह "साहिल"

tn ramprasad का कहना है कि -

simply marvellous...the poet has put her heart and soul in this message for new year !

hope to read her poems throughout the year !!

tn ramprasad

Anonymous का कहना है कि -

asha aur abhilasha hi to jindagi ki nau aur patwar hai.naye saal main nayi umang , nayi tarang hi to jindagi ki tasveer hai. aapki her kamna, manokamna ki purti ho yehi hamari nav versh main bhagwan se umeed hai. uma

रंजू भाटिया का कहना है कि -

स्मृति की अट्टालिका मे
पल छिन जो ठहरे हैं
अगणित रंगों मे घुले
रंग बड़े गहरे हैं
उसमें गम-सुम से मेरे
सपने सुनहरे हैं

सुन्दर कविता ...शुभकामनाओं के साथ.

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