बहुत सी साँसें
एक साथ लेने की चाह...
बेहिसाब ख़ुशियाँ
समेटने की कोशिश...
कई बातों के
एक साथ
मुँह से
निकलने की होड़...
कई ख़्वाबों के
टकराकर
बिख़र जाने का नाम...
ख़ुद को
सुलझाने की आस में
और उलझ जाने की
बेबसी...
हालात से
हारते रहने का ख़ौफ़...
पता नहीं
और क्या-क्या ??
पता नहीं
और किन-किन नामों से
सिसकियाँ
छिपाई जाती हैं ??
पता नहीं
और कितने लोग
इसे ख़ामख़ा पालते होगें ?
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16 कविताप्रेमियों का कहना है :
एक सरल सुंदर रचना.
अवनीश तिवारी
बेहिसाब ख़ुशियाँ
समेटने की कोशिश...
कई बातों के
एक साथ
मुँह से
निकलने की होड़...
कई ख़्वाबों के
टकराकर
बिख़र जाने का नाम...
ख़ुद को
सुलझाने की आस में
और उलझ जाने की
बेबसी...
" dil ko chune walee ek bhut achee kavita"
Regards
अभिषेक जी
वाकई, सुन्दर और गहरी रचना बहुत अच्छी लगी..
छू गयी दिल को.. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति दी है..
बधाई स्वीकारें
'कई ख़्वाबों के
टकराकर
बिख़र जाने का नाम...'
भावों के उथल पुथल की सुलझी कोशिश.
बहुत खूब!
अभिषेक जी
अच्छा लिखा है । बधाई
माफ़ी चाहूँगा अभिषेक जी, रचना मुझे कुछ खास समझ नहीं आई. आपकी कविता जीवन के जिन संघर्षों का बिम्ब खड़ा करती है, वो सभी (विशेषकर पहले दो) सिसकियों के रूप में अभिव्यक्त नहीं हो सकते, ऐसा मेरा मानना है.
अभिषेक जी,
कुछ पाने की खुशी और कुछ खो जाने के गम का दूसरा नाम जीवन है...
सुन्दर रचना है... वधाई
वाह अभिषेक भाई जबरदस्त असर छोडती है कविता बहुत बढ़िया बधाई
पाटनी जी बहुत ही सरल और प्यारी कविता है,
बधाई हो
आलोक सिंह "साहिल"
बहुत प्यारी कविता ...छोटी-सी डगर से मंजिल तक पहुँच गयी ...कितनी सहजता है !
सुनीता यादव
कविता सुन्दर है और भावुक भी करती है।
कुछ हद तक अजय जी से मैं भी सहमत हूं।
अच्छा प्रयास है.........
अभिषेक जी अभी भी मैं आपकी पिछली कविता पर की गई टिप्पणी पर कायम हूँ. आप में बात है बस आप उसे निकाल नहीं रहे हैं.
अच्छी रचना।
यह सिसकियों पर कविता थी या उसकी परिभाषा? अच्छी कोशिश
Excellent poem on emotions. Each and every line is simply great. Hats Off!
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