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सुनीता जीसुंदर शब्दावली और प्रभावी रचना .
वाह .. ! सुनीता जी वाह .. !!बिम्बों के परिदृश्य को आत्सात करते ही काव्य में एक अलौकिक अनुभूति होती है स्नेह
सुनीता जी फ़िर आपने अपनी प्रतिभा का सही सही उपयोग किया. बहुत ही अच्छी प्रस्तुति. शुभकामनाओं समेत आलोक सिंह "साहिल"
सुंदर रचना है सुनीता जी ....
कुछ सप्ताह पहले भी आपने इसेतारह kee रचना लिकी थी |शायद ये उसी श्रेणी की हो |सुंदरबधाईअवनीश तिवारी
सुनीता जी बधाई!शिल्प और शैली दोनों मनभावन लगीं. अच्छी प्रस्तुति.
Sunitaji ...I appreciate your imagination. I believe that art forms like poetry and music are a reflection of your thoughts and I'm afraid your thoughts are negative :).
सुनिता जी,बंधक बना दिया आपके रचना पाश नेकाफी देर तक हिलने नहीं दिया..सच में बंधा रह गया..बहुत ही सुन्दर लिखा है..बहुत बहुत साधूवाद
वाह क्या कहूँ, कहाँ से चुन कर लाती हो ऐसे शब्द, लगता है की तुम्हारा सारा साहित्य पढ़ना पड़ेगा
बहुत ही गहरी...... सुन्दर रचना...
आज की कविता इन बिम्बों, उपमाओं से बहुत आगे निकल आई है। यह कविता कम मुझे सुंदर शब्दों का जाल ज्यादा लगी।
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11 कविताप्रेमियों का कहना है :
सुनीता जी
सुंदर शब्दावली और प्रभावी रचना .
वाह .. ! सुनीता जी वाह .. !!
बिम्बों के परिदृश्य को आत्सात करते ही काव्य में एक अलौकिक अनुभूति होती है स्नेह
सुनीता जी फ़िर आपने अपनी प्रतिभा का सही सही उपयोग किया.
बहुत ही अच्छी प्रस्तुति.
शुभकामनाओं समेत
आलोक सिंह "साहिल"
सुंदर रचना है सुनीता जी ....
कुछ सप्ताह पहले भी आपने इसेतारह kee रचना लिकी थी |
शायद ये उसी श्रेणी की हो |
सुंदर
बधाई
अवनीश तिवारी
सुनीता जी बधाई!
शिल्प और शैली दोनों मनभावन लगीं.
अच्छी प्रस्तुति.
Sunitaji ...I appreciate your imagination. I believe that art forms like poetry and music are a reflection of your thoughts and I'm afraid your thoughts are negative :).
सुनिता जी,
बंधक बना दिया आपके रचना पाश ने
काफी देर तक हिलने नहीं दिया..
सच में बंधा रह गया..
बहुत ही सुन्दर लिखा है..
बहुत बहुत साधूवाद
वाह क्या कहूँ, कहाँ से चुन कर लाती हो ऐसे शब्द, लगता है की तुम्हारा सारा साहित्य पढ़ना पड़ेगा
बहुत ही गहरी...... सुन्दर रचना...
आज की कविता इन बिम्बों, उपमाओं से बहुत आगे निकल आई है। यह कविता कम मुझे सुंदर शब्दों का जाल ज्यादा लगी।
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