हर कोई पत्थरदिल नहीं, कभी आज़मा कर देखिये
शायद कुछ दिल मोम हों, नज़दीक आकर देखिये
आइनों के गाँव में, रहना कभी आसाँ न था
पत्थरों के शहर में एक घर बना कर देखिये
सामने जो है नज़र के, सच हो ये पक्का नहीं
गुलाब की डाली का कोई गुल हटा कर देखिये
चाँद में है दाग, बेशक लोग सब कहते रहें
मुस्कराते चाँद को दिल में बसा कर देखिये
इंसान से इंसान की सब दूरियाँ मिट जायेंगीं
दूसरों के ख्वाब पलकों पर सजा कर देखिये
वो दर्द से बेहाल है, तुम गीत गाते हो ‘अजय’
उसका भी हाले-दिल कहे, वो गज़ल गाकर देखिये
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9 कविताप्रेमियों का कहना है :
अजय जी
भावपूर्ण गज़ल लिखी है । बधाई
अजय जी,
एक सुन्दर भावभरी गजल
हर कोई पत्थरदिल नहीं, कभी आज़मा कर देखिये
शायद कुछ दिल मोम हों, नज़दीक आकर देखिये
सामने जो है नज़र के, सच हो ये पक्का नहीं
गुलाब की डाली का कोई गुल हटा कर देखिये
इंसान से इंसान की सब दूरियाँ मिट जायेंगीं
दूसरों के ख्वाब पलकों पर सजा कर देखिये
मुझे बेहद पसन्द आई... बधाई
अजय जी गजल पसन्द आयी । ये शेर खासतौर पर पसन्द आया -
हर कोई पत्थरदिल नहीं, कभी आज़मा कर देखिये
शायद कुछ दिल मोम हों, नज़दीक आकर देखिये
अजय भाई कुछ शब्द ऐसे है जो अपनी चमक खो चुके है. ज़्यादातर ग़ज़लों में यह समस्या ज़्यादा दिखाई देती है. इसकी वजह से कहने का नयापन जाता रहता हैं.
गजब की गजल है
शब्दों का कंवल है
भाव बे-भाव का
सृजन सबल है
-राघव
चाँद में है दाग, बेशक लोग सब कहते रहें
मुस्कराते चाँद को दिल में बसा कर देखिये
आइनों के गाँव में, रहना कभी आसाँ न था
पत्थरों के शहर में एक घर बना कर देखिये
इंसान से इंसान की सब दूरियाँ मिट जायेंगीं
दूसरों के ख्वाब पलकों पर सजा कर देखिये
अजय जी,
बहुत हीं सुंदर गज़ल है।पुख्ता शेर हैं। भाव भी भरे पड़े हैं।
बधाई स्वीकारें।
-विश्व दीपक'तन्हा'
ajay ji bahut hi badhia ghazal hai, ek ek sher tarasha hua lagta hai badhaai bahut bahut
अजय जी,
बात तो आपने पते की की है कि:
हर कोई पत्थरदिल नहीं, कभी आज़मा कर देखिये
शायद कुछ दिल मोम हों, नज़दीक आकर देखिये
कई बहुत उम्दा शेर हैं:
आइनों के गाँव में, रहना कभी आसाँ न था
पत्थरों के शहर में एक घर बना कर देखिये
चाँद में है दाग, बेशक लोग सब कहते रहें
मुस्कराते चाँद को दिल में बसा कर देखिये
इंसान से इंसान की सब दूरियाँ मिट जायेंगीं
दूसरों के ख्वाब पलकों पर सजा कर देखिये
बहुत अच्छी रचना।
*** राजीव रंजन प्रसाद
अजय जी,
कुछ नया लिखिए। कोई ख़ास बात नहीं है इसमें।
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