फटाफट (25 नई पोस्ट):

Thursday, September 20, 2007

एक नयी शुरूआत




आओ करें एक नयी शुरूआत
इस बिखरी हुई ज़िंदगी की
एक नये अंदाज़ से इसको संवारें
दिल की दीवारों को रंगें
अब नये रंग से
और पुराने ज़ख़्मों की छत पर
एक खपरैल नया डालें,

फेंक दें बाहर,
पुरानी यादों का कूड़ा
कुछ उम्मीद के नये पर्दे सजा लें
मिटा के दिल से दर्द का अंधेरा
प्यार की जूही, चंपा महका लें,

सजाएँ आँगन को अब
खिलखिलाती चाँदनी से
और तारो से अपना अंबर सजा लें

रहने न पाए अब कोई भी दरार
देखो, अब यह प्यार का घर है
आओ इसको मंदिर सा सजा लें!!

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)

23 कविताप्रेमियों का कहना है :

राजीव रंजन प्रसाद का कहना है कि -

रंजना जी,

कम्पयूटर खोलते ही इतनी सुन्दर, आशावादी और मनोनुकूल रचना पढकर आनंद आ गया।

अब नये रंग से
और पुराने ज़ख़्मो की छत पर
एक खपरैल नया डाले

सजाए आँगन को अब
खिलखिलाती चाँदनी से
और तारो से अपना अंबर सज़ा ले

सार्थक रचना।

*** राजीव रंजन प्रसाद

Mohinder56 का कहना है कि -

आ हा स्वाद आ गया.....एक सतरंगी आशावादी कविता पढ कर.... सचमुच कभी कभी आदमी बीते हुये कडवे पलों को न भुला कर आने वाले सुनहरे पलो को भी निराशा से भर देता है.....
आशाओं से बन्धन बांध, निराशा के बन्धन तोड कर ही सही रूप से इस जीवन को जीया जा सकता है...

एक गजल याद आ गई....

हर तरफ़ फ़ूल ही फ़ूल, जलबे ही जलबे..
सिर्फ़ अहसास की जरूरत है..

बधाई

Unknown का कहना है कि -

Toooooooooooooooooooooooo good didi,
amezing,

Neeraj lohan -"pyasaa..." का कहना है कि -

nice....... i will say great
biti baat ko chhor kr एक नयी शुरूआत krne ko aap ne jis andaaj me prerit kiyaa hai wo kabile taarif hai

"सजाए आँगन को अब
खिलखिलाती चाँदनी से
और तारो से अपना अंबर सज़ा लेे"


toooooooooooooooo gud

very very .... very बधाई
:)

Sajeev का कहना है कि -

फेंक दें बाहर,
पुरानी यादों का कूड़ा
काश ये इतना आसान होता रंजना जी

Unknown का कहना है कि -

wah g wah kya likha hai aapne mam ......... badi achhi terhain se man ke bhab kagaj per utare hain vry nice........

Sanjeet Tripathi का कहना है कि -

सुंदर!!
आपकी इस रचना में आशावाद झलक रहा है अर्थात आपने अपनी शब्द संयोजन कला में बदलाव किया है!
अच्छा है यह!!

rohit का कहना है कि -

kavita bahut acchi hai sahayad is liye ki aap ne apne dil se likhi hai................agar nayee shuruaat ho sakti hai to mai bhi shamil honga aap ke sath dene ke liye dhanywad..............

RAVI KANT का कहना है कि -

रंजना जी,
बेहद सशक्त कृति! बहुत-बहुत पसंद आई।

फेंक दें बाहर,
पुरानी यादों का कूड़ा


रहने न पाए अब कोई भी दरार
देखो, अब यह प्यार का घर है
आओ इसको मंदिर सा सजा लें!!

मन भाव-विभोर हो गया इतनी प्यारी रचना पढ़कर। बधाई।

भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav का कहना है कि -

शब्दों में नयी सी बात है, सच
उपमाओं का प्रचुर प्रयोग
सच में सुन्दर है शब्द-योग
आशाओं के दीपक जलते...
कह देता हूँ चलते चलते...
सच में "एक नयी शुरुआत" है, सच
शब्दों में नयी सी बात है, सच..

शोभा का कहना है कि -

रंजना जी
बहुत ही आशावादी और सही सोच को लिए है ये कविता । विशेष रूप से मुझे निम्न पंक्तियाँ अच्छी लगीं -
फेंक दें बाहर,
पुरानी यादों का कूड़ा
कुछ उम्मीद के नये पर्दे सजा लें
मिटा के दिल से दर्द का अंधेरा
प्यार की जूही, चंपा महका लें,
एक सही दिशा देने के लिए बहुत-बहुत बधाई । सस्नेह

गीता पंडित का कहना है कि -

रंजना जी,

सुन्दर,
आशावादी रचना....

अब नये रंग से
और पुराने ज़ख़्मो की छत पर
एक खपरैल नया डाले

सजाए आँगन को अब
खिलखिलाती चाँदनी से

और तारो से अपना अंबर सज़ा ले


काश ! आसान होता ......

बधाई ।

सस्नेह

Love is Life का कहना है कि -
This comment has been removed by the author.
विश्व दीपक का कहना है कि -

वाह रंजना जी,
आपने सभी की शिकायत एक बार में हीं खत्म कर डालीं । मज़ा आ गया। कुछ पंक्तियों जो बहुत पसंद आईं-
दिल की दीवारों को रंगें
अब नये रंग से
और पुराने ज़ख़्मों की छत पर
एक खपरैल नया डालें,

फेंक दें बाहर,
पुरानी यादों का कूड़ा

प्यार की जूही, चंपा महका लें,

आओ इसको मंदिर सा सजा लें!!

एक आशावादी रचना के लिए बधाई स्वीकारें।

डाॅ रामजी गिरि का कहना है कि -

"दिल की दीवारों को रंगें
अब नये रंग से
और पुराने ज़ख़्मों की छत पर
एक खपरैल नया डालें,"

नई शुरूआत की नसीहत देती आपकी ये पंक्तियां प्रेरक हैं.

masoomshayer का कहना है कि -

is baar phir bahut hee gaharee soch aur bahut sundar shabd bhee

Anil

गौरव सोलंकी का कहना है कि -

आपकी अलग अन्दाज़ की कविता है रंजना जी। पढ़कर सुखद अनुभूति हुई।
दिल की दीवारों को रंगें
अब नये रंग से
और पुराने ज़ख़्मों की छत पर
एक खपरैल नया डालें

सजाएँ आँगन को अब
खिलखिलाती चाँदनी से

अच्छी कविता।

Unknown का कहना है कि -

mam..... बहुत ही खूबसूरत रचना हे. जिंदगी हमेशा अपनी गति से आगे badti रहती हे. जिंदगी की khoobsurati को देखने के लिए ज़रूरी हे, की आप भी उसके साथ हो लो. आपकी रचना उस khoobsurati का ahsaas dilati हे.

शैलेश भारतवासी का कहना है कि -

'सजा लें' की पुनरावृत्ति इसके प्रभाव को कम करती है, नहीं तो बहुत बढ़िया कविता बन पड़ी है। रंजना जी खुशी इस बात की है कि आप हर तरह की कविताएँ लिखने का प्रयास कर रही हैं।

Mukesh Garg का कहना है कि -

bahut khob , bahut hi aachi rachna hai

arvind kumar का कहना है कि -

रंजना जी
आप की रचनाये दिल में उत्तर जाती है, मन में बस जाती है, कोटी कोटी शुभकामनाये

Unknown का कहना है कि -

zzzzz2018.6.2
nike factory store
moncler online
pandora charms outlet
moncler jackets
converse shoes
air huarache
kate spade outlet online
michael kors handbags
true religion outlet
true religion outlet

Obat Sakit Tenggorokan का कहना है कि -

This article is very interesting and very understandable to read. sorry beforehand, please let me share this article

Obat Kelenjar Getah Bening Di Leher
Cara Mengobati Luka Bernanah Pada Penderita Diabetes
Bahaya Benjolan Di Leher Dan Cara Menghilangkannya
Manfaat Qnc Jelly Gamat Untuk Kesehatan Tubuh
Cara Menghilangkan Gatal Dan Benjolan Bernanah Pada Kulit Anak-anak Dan Orang Dewasa
Cara Mudah Mengobati Prurigo

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)