अगस्त माह की 'यूनिकवि एवम् यूनिपाठक प्रतियोगिता' के आयोजन की उद्घोषणा हमने निर्धारित तिथि (माह का प्रथम दिवस) से दो दिन पहले ही कर दी थी, इस उम्मीद के साथ कि हमें प्रविष्टियाँ अधिक मिलें और पाठक भी खूब मिलें।
सितम्बर माह की 'यूनिकवि एवम् यूनिपाठक प्रतियोगिता' के आयोजन की सूचना हम समय पर दे रहे हैं, मगर पिछली बार आईं प्रविष्टियों की संख्या को देखकर हमें विश्वास है कि इस बार भी बहुत भारी संख्या में कवि व पाठक इसमें भाग लेंगे।
हिन्द-युग्म पर सुधी पाठकों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है। नये-नये पाठकों के साथ कविताओं पर चर्चा करने का अपना ही मज़ा है।
हिन्द-युग्म यूनिकवि एवम् यूनिपाठक प्रतियोगिता के आयोजन का उद्देश्य इंटरनेट पर घूम रहे प्रतिभावान कवियों को एक जगह जमा करने, खुली चर्चा करने वाले पाठकों को एकत्रित करने के अतिरिक्त यूनिकोड (हिन्दी) के प्रयोग को प्रोत्साहित करना है।
यूनिकवि बनने के लिए-
१) अपनी कोई अप्रकाशित कविता १५ सितम्बर २००७ की मध्यरात्रि तक hindyugm@gmail.com पर भेजें।
(महत्वपूर्ण- मुद्रित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित रचनाओं के अतिरिक्त गूगल, याहू समूहों में प्रकाशित रचनाएँ, ऑरकुट की विभिन्न कम्न्यूटियों में प्रकाशित रचनाएँ, निजी या सामूहिक ब्लॉगों पर प्रकाशित रचनाएँ भी प्रकाशित रचनाओं की श्रेणी में आती हैं।)
२) कोशिश कीजिए कि आपकी रचना यूनिकोड में टंकित हो।
यदि आप यूनिकोड-टाइपिंग में नये हैं तो आप हमारे निःशुल्क यूनिप्रशिक्षण का लाभ ले सकते हैं।
३) परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, इतना होने पर भी आप यूनिकोड-टंकण नहीं समझ पा रहे हैं तो अपनी रचना को रोमन-हिन्दी ( अंग्रेजी या इंग्लिश की लिपि या स्क्रिप्ट 'रोमन' है, और जब हिन्दी के अक्षर रोमन में लिखे जाते हैं तो उन्हें रोमन-हिन्दी की संज्ञा दी जाती है) में लिखकर या अपनी डायरी के रचना-पृष्ठों को स्कैन करके हमें भेज दें। यूनिकवि बनने पर हिन्दी-टंकण सीखाने की जिम्मेदारी हमारे टीम की।
४) एक माह में एक कवि केवल एक ही प्रविष्टि भेजे।
यूनिपाठक बनने के लिए
१) १ सितम्बर २००७ से ३० सितम्बर २००७ के बीच की हिन्द-युग्म पर प्रकाशित अधिकाधिक प्रविष्टियों पर हिन्दी में टिप्पणी (कमेंट) करे।
२) टिप्पणियों से पठनियता परिलक्षित हो।
३) हमेशा कमेंट (टिप्पणी) करते वक़्त समान नाम या यूज़रनेम का प्रयोग करें।
४) हिन्द-युग्म पर टिप्पणी कैसे की जाय, इस पर सम्पूर्ण ट्यूटोरियल यहाँ उपलब्ध है।
कवियों और पाठकों को निम्न प्रकार से पुरस्कृत और सम्मानित किया जायेगा-
१) यूनिकवि को रु ६०० का नकद ईनाम, रु १०० की पुस्तकें और एक प्रशस्ति-पत्र।
२) यूनिपाठक को रु ३०० का नकद ईनाम, रु २०० की पुस्तकें और एक प्रशस्ति-पत्र।
३) क्रमशः दूसरे, तीसरे और चोथे स्थान के पाठकों को कवि कुलवंत सिंह की ओर से उनकी काव्य-पुस्तक 'निकुंज' की स्वहस्ताक्षरित प्रति।
४) क्रमशः दूसरे, तीसरे और चौथे स्थान के कवियों को वेबज़ीन सृजनगाथा की ओर से रु ३००-रु ३०० तक की पुस्तकें।
५) पाँचवें से दसवें स्थान के कवियों को प्रो॰ अरविन्द चतुर्वेदी की काव्य-पुस्तक 'नक़ाबों के शहर में' की एक-एक स्वहस्ताक्षरित प्रति।
६) टॉप २ कवियों और टॉप २ पाठकों को डॉ॰ कुमार विश्वास की ओर से उनकी पुस्तक 'कोई दीवाना कहता है' की एक-एक स्वहस्ताक्षरित प्रति।
७) यूनिकवि और यूनिपाठक को तत्वमीमांसक (मेटाफ़िजिस्ट) डॉ॰ गरिमा तिवारी से ध्यान (मेडिटेशन) पर किसी भी एक पैकेज़ की सम्पूर्ण ऑनलाइन शिक्षा पाने का अधिकार होगा। (लक पैकेज़ को छोड़कर)
८) यूनिकवि की कविता पर हिन्द-युग्म की पेंटर स्मिता तिवारी के द्वारा बनाई गई पेंटिंग भी प्रकाशित की जा सकती है।
प्रतिभागियों से भी निवेदन है कि वो समय निकालकर यदा-कदा या सदैव हिन्द-युग्म पर आयें और सक्रिय कवियों की रचनाओं को पढ़कर उन्हें सलाह दें, रास्ता दिखायें और प्रोत्साहित करें।
प्रतियोगिता में भाग लेने से पहले सभी 'नियमों और शर्तों' को पढ़ लें।
आप भाग लेंगे तो हमारे प्रयास को बल मिलेगा, तो आइए और हमारा प्रोत्साहन कीजिए।
नोट- पिछले १-२ महीनों के अंदर हिन्द-युग्म ने कहानी-कलश और बाल-उद्यान नाम से दो नये प्रयास शुरू किये हैं, जिसमें तमाम सक्रिय यूनिसेवकों को जोड़ा गया है जो कि हिन्द-युग्म के प्रमाणित सदस्य हैं, इसलिए वे इस प्रतियोगिता में भाग नहीं ले पायेंगे।
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