फटाफट (25 नई पोस्ट):

Monday, July 30, 2007

जीतिए रु 3600 से अधिक के ईनाम (प्रतियोगिता में भाग लीजिए)


इस बार हम यूनिकवि एवम् यूनिपाठक प्रतियोगिता के आयोजन की उद्‌घोषणा दो दिन पहले ही कर रहे हैं, इस उम्मीद के साथ कि प्रविष्टयाँ और अधिक मिलें। हिन्द-युग्म यूनिकवि एवम् यूनिपाठक प्रतियोगिता के आयोजन का उद्देश्य अंतरजाल (इंटरनेट) पर विचर रहे कवियों को एकत्रित करने के अतिरिक्त यूनिकोड (हिन्दी) के प्रयोग को प्रोत्साहित करना है।

पाठकों की बढ़ रही संख्या से इस आयोजन की अविनाशता का पता लगाया जा सकता है। शुरू में हमारे यहाँ पाठकों में इतनी प्रतिस्पर्धा नहीं थी। उनके बीच बढ़ रही प्रतिस्पर्धा को देखकर हमें संतोष हो रहा है कि अभी न सही, जल्द ही यूनिकवि की तरह यूनिपाठक चुनना भी मुश्किल होगा।

यूनिकवि बनने के लिए-

१) अपनी कोई अप्रकाशित कविता १५ अगस्त २००७ की मध्यरात्रि तक hindyugm@gmail.com पर भेजें।

(महत्वपूर्ण- मुद्रित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित रचनाओं के अतिरिक्त गूगल, याहू समूहों में प्रकाशित रचनाएँ, ऑरकुट की विभिन्न कम्न्यूटियों में प्रकाशित रचनाएँ, निजी या सामूहिक ब्लॉगों पर प्रकाशित रचनाएँ भी प्रकाशित रचनाओं की श्रेणी में आती हैं।)

२) कोशिश कीजिए कि आपकी रचना यूनिकोड में टंकित हो।
यदि आप यूनिकोड-टाइपिंग में नये हैं तो आप हमारे निःशुल्क यूनिप्रशिक्षण का लाभ ले सकते हैं।

३) परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, इतना होने पर भी आप यूनिकोड-टंकण नहीं समझ पा रहे हैं तो अपनी रचना को रोमन-हिन्दी ( अंग्रेजी या इंग्लिश की लिपि या स्क्रिप्ट 'रोमन' है, और जब हिन्दी के अक्षर रोमन में लिखे जाते हैं तो उन्हें रोमन-हिन्दी की संज्ञा दी जाती है) में लिखकर या अपनी डायरी के रचना-पृष्ठों को स्कैन करके हमें भेज दें। यूनिकवि बनने पर हिन्दी-टंकण सीखाने की जिम्मेदारी हमारे टीम की।

४) एक माह में एक कवि केवल एक ही प्रविष्टि भेजे।

यूनिपाठक बनने के लिए

१) १ अगस्त २००७ से ३१ अगस्त २००७ के बीच की हिन्द-युग्म पर प्रकाशित अधिकाधिक प्रविष्टियों पर हिन्दी में टिप्पणी (कमेंट) करे।

२) टिप्पणियों से पठनियता परिलक्षित हो।

३) हमेशा कमेंट (टिप्पणी) करते वक़्त समान नाम या यूज़रनेम का प्रयोग करें।

४) हिन्द-युग्म पर टिप्पणी कैसे की जाय, इस पर सम्पूर्ण ट्यूटोरियल यहाँ उपलब्ध है।

कवियों और पाठकों को निम्न प्रकार से पुरस्कृत और सम्मानित किया जायेगा-

१) यूनिकवि को रु ६०० का नकद ईनाम, रु १०० की पुस्तकें और एक प्रशस्ति-पत्र।

२) यूनिपाठक को रु ३०० का नकद ईनाम, रु २०० की पुस्तकें और एक प्रशस्ति-पत्र।

३) क्रमशः दूसरे, तीसरे और चोथे स्थान के पाठकों को कवि कुलवंत सिंह की ओर से उनकी काव्य-पुस्तक 'निकुंज' की स्वहस्ताक्षरित प्रति।

४) क्रमशः दूसरे, तीसरे और चौथे स्थान के कवियों को वेबज़ीन सृजनगाथा की ओर से रु ३००-रु ३०० तक की पुस्तकें।

५) पाँचवें से दसवें स्थान के कवियों को कवयित्री डॉ॰ कविता वाचक्नवी की काव्य-पुस्तक 'मैं चल तो दूँ' की एक-एक स्वहस्ताक्षरित प्रति।

६) टॉप २ कवियों और टॉप २ पाठकों को डॉ॰ कुमार विश्वास की ओर से उनकी पुस्तक 'कोई दीवाना कहता है' की एक-एक स्वहस्ताक्षरित प्रति।

७) यूनिकवि और यूनिपाठक को तत्वमीमांसक (मेटाफ़िजिस्ट) डॉ॰ गरिमा तिवारी से ध्यान (मेडिटेशन) पर किसी भी एक पैकेज़ की सम्पूर्ण ऑनलाइन शिक्षा पाने का अधिकार होगा। (लक पैकेज़ को छोड़कर)

८) यूनिकवि की कविता पर हिन्द-युग्म की पेंटर स्मिता तिवारी के द्वारा बनाई गई पेंटिंग भी प्रकाशित की जा सकती है।

प्रतिभागियों से भी निवेदन है कि वो समय निकालकर यदा-कदा या सदैव हिन्द-युग्म पर आयें और सक्रिय कवियों की रचनाओं को पढ़कर उन्हें सलाह दें, रास्ता दिखायें और प्रोत्साहित करें।

प्रतियोगिता में भाग लेने से पहले सभी 'नियमों और शर्तों' को पढ़ लें।

आप भाग लेंगे तो हमारे प्रयास को बल मिलेगा, तो आइए और हमारा प्रोत्साहन कीजिए।

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)

कविताप्रेमी का कहना है :

Dr. Zakir Ali Rajnish का कहना है कि -

यूनीकोड में हिन्दी कविता लेखन को बढ़ावा देने के नज़रिये से आपका यह प्रयास सराहनीय है। बधाई स्वीकारें।

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)