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Thursday, June 28, 2007

आस का दीप



दिन चाहे ढल गया है
पर विश्वास बाक़ी है
आस का दीप मत बुझा
अभी कुछ उम्मीद बाक़ी है

दुख की छाया जो कभी पड़े
तो वो जीवन का अंत नहीं
दिल में रहे जज़्बात बाक़ी
तो ज़िंदगी की धड़कन बाक़ी है
आस का दीप मत बुझा
अभी कुछ उम्मीद बाक़ी है

होंठ चुप हैं नयन चुप हैं
स्वर चाहे तेरा उदास है
हवा में बह रहा राग-रंग
भी कुछ सहमा-सा आज है
पर फ़िज़ा में फैली झंकार बाक़ी है
दिल को बाँध सके अभी वो राग बाक़ी है
आस का दीप मत बुझा
अभी कुछ उम्मीद बाक़ी है

बिखरे हो जीवन के रंग सारे
छाए हों राहों पर आँधियारे
पतझड़-सा चाहे यह जीवन लगे
पर अभी कुछ मधुमास बाक़ी है
उम्मीद का दामन मत छुड़ा
कि अभी आस बाक़ी है !!

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30 कविताप्रेमियों का कहना है :

मैथिली गुप्त का कहना है कि -

दुख की छाया जो कभी पड़े
तो वो जीवन का अंत नहीं
दिल में ज़ज़्बात रहे बाकी
तो जिंदगी की धड़कन बाकी है
आस का दीप मत बुझा
अभी कुछ उम्मीद बाकी है

बहुत आशापूर्ण लिखा है.

आर्य मनु का कहना है कि -

"दिल मे रहे जज़्बात बाकी, तो ज़िन्दगी की धडकन बाकी है॰॰॰"
"पतझड सा चाहे जीवन लगे,पर अभी कुछ मधुमास बाकी है॰॰॰॰"

नव चेतना का संचार करती रचना ।पंक्तियां ऐसी कि पढते पढते कुछ करने की उम्मीद जग जाये, बुझे मन मैं फिर नयी लौ लगा जाये।
समाज जागृति कह ले या मन को समझाने की कवायद, रचना की बेहतरी पर श़क की कोई गुंजाईश नहीं।
अभिवन्दन स्वीकार करें ।

आर्यमनु ।

Unknown का कहना है कि -

thanks for send me the valuable poetry......i think it's must be heal my pain.....so nice of you...."Dukh ki chayaa jo kabhi padde, to woh zeewan ka aant nahi" bilkul thik kaha aapne......but mam aapne itni jaldi bhulaye bhi to nahi jaate.....thanks for being such a wonderful friend.....

Mohinder56 का कहना है कि -

सुन्दर आशावादी कविता है रंजना जी,

अंग़्रेजी में एक कहावत है
when everything is lost... future still remains

सब कुछ पा सकता है आदमी फ़िर से
उम्मीद का चिराग अगर जलता रहे

Dreamer का कहना है कि -

as good as ever.... bahut khoob dost...


abhi ummeed baki hai ki ab tak sans chalti hai...
tu aayegi hamre dil main harpal aas palti hai...
har ek aahat pe jab tak teri aahat ka gumaan hoga....
khudaya ye gumaan hoga ki ab nargis machalti hai..

Shashi ! का कहना है कि -

U r superb.....simply terrific..!! :)

Vishal K. का कहना है कि -

dil ki aas yahi hai
anjuman me teri takdeer ho
anjali khole to barish ki boonde
aankhe khole to teri taweer ho
samanantar prem aur sath
mere dil ki yahi aas hai...

i liked this one very much, it touched my heart on the bottom....

Unknown का कहना है कि -

hello,

Very good lines, apne jo jivan ki nirasa me aasa ki deep jalane ki kosis ki hain es poem me, ati sunder hai.....such me kise ne likha hai...
LIFE IS HOPE
As say bible..God loves you so much that He did an extraordinary thing: He sent His Son to earth to show you the way to God. Jesus makes it possible for us - imperfect, not good enough us- to be with a perfect God...
अश्कों ने जो पाया है वो गीतों ने दिया है
जिसपर भी सुना है कि ज़माने को गिला है

जो तार से निकली है वो धुन सबने सुनी है
जो साज़ पे गुज़री है वो किस दिल को पता है

Apne bahut achi line likhi hain mam. God bless you...

Sanju
Lucknow

Unknown का कहना है कि -

Kya kahne hain Ranjana ji..!!Abhi tak aapki lekhni se jivan ka dukh hi nikalta tha...lekin iss baar aapne wo likha hai...jo ham jaise logon ko aage badne ki prerna deta hai..Housla deta hai..!!Shabdon ka chayan bahot sundar hai..aur sabse badi baat hai ki kavita me Aasha(Hope) ki bhavna hai...wo puri tarah se nikhar kar saamne aayee hai..!!Aapki ye kavita..Aam aadmi ke bahot kareeb hai..jo har subah uthkar aanewali subah ke sapne dekhta hai...!!Dukh se nikalkar sukh ki prerna deti hai aapki ye kavita....Beautiful!!!Thumps Up...Keep it up!!

सुनीता शानू का कहना है कि -

रन्जु दीदी बहुत सुन्दर प्रेरणा दायक रचना है...आपकी कविता दिन-प्रतिदिन बहुत खूबसूरत होती जा रही है...

बधाई

शानू

Unknown का कहना है कि -

सुन्दर आशावादी कविता है रंजना ji.
aap baot hi achi kavita likti hai
jayda ter aap kavita dok dad ki hi likta hai kyu ki aapna dad ko dil sa mahsos kiya hai aaj kal ka log dad nahi samjta hai aapna os dad ko samna laya hai aap ki aas ka deep baot hi achi lagi ye onladko ladkiyu ka liya hai jo koch banana chata hai..... main god dua karoga aap or bhi achi achi kavita likha or insanao ko prana da...

Anonymous का कहना है कि -

Gi ranjna Appney bahut ashey treeky sey biyan kiya hai ummedon ka falsfa....

Par mai kehti hoon..........
kisi key hai mery shabda nahi.

sadiyan ho gaye mujey hartey hoye
ab mera bhi jeetney ko man karta hai........

Admin का कहना है कि -

आस के दीपक की लौ जरूर मन्दम हॊती है परन्तु कालरात्री से नई भॊर की ऒर ले जाने के लिए एकमात्र साथी भी हॊती है। रचना ने आनन्दित कर दिया।

Probhat का कहना है कि -

Beautifully described

SahityaShilpi का कहना है कि -

आस का दीप मत बुझा
अभी कुछ उम्मीद बाक़ी है

बहुत खूब, रंजना जी!

Divine India का कहना है कि -

आशापूर्ण विश्वासयुक्त कविताएं हमेशा से मुझे कुछ याद दिलाते हैं…बहुत सुंदर रचना है और भावना जब पवित्र हो तो अहसास भी जुदा अंदाज का हो जाता है…।

Unknown का कहना है कि -

पतझड़-सा चाहे यह जीवन लगे
पर अभी कुछ मधुमास बाक़ी है
उम्मीद का दामन मत छुड़ा
कि अभी आस बाक़ी है !!

रंजूजी आशावाद बहुत अच्छा लगा । बधाई ।

विश्व दीपक का कहना है कि -
This comment has been removed by the author.
विश्व दीपक का कहना है कि -

रंजू जी पहली बार आप प्रेम से हटी हैं :)बेहद हीं आशापूर्ण रचना है। मोहिन्दर जी ने सही हीं कहा है कि व्यक्ति सब कुछ हारने के पश्चात भी जीवित रह सकता है, यदि उसके पास उम्मीद बची हो। थोड़ी शिल्पगत कमी मुझे लग रही है-
विश्वास बाक़ी है
उम्मीद बाक़ी है

तुक नहीं बैठ रहा है। उम्मीद करता हूँ कि आप इसे अन्यथा नहीं लेंगी।

Sajeev का कहना है कि -

sundar rachan hai ranju ji...badhai

36solutions का कहना है कि -

सुंदर कविता

ख्वाब है अफसाने हक़ीक़त के का कहना है कि -

sach mein, iss kavita ke maadhyam se aapne aas ka deepak jalaa diya. bahut sundar rachna.

Tapashwani Kumar Anand का कहना है कि -

is dil me thodi si kashak aaj bhi baki hai,
khula hai muh magar aawaj aaj bhi baki hai..
tu to ek khwab hai kuchh bol bhi nahi sakti,
isi wajah se tere inkar ki kashak aaj bhi baki hai.
tu meri jan ban dil me dhadkti hai har pal,
isi wajah se rubaroo didar tera aaj bhi baki hai.
is dil me thodi si kashak aaj bhi baki hai,.......


baut hi man mohak rachana hai aap ki.. bahut bahut badhai is sundar aur man mohak rachana k liye

TAPASHWANI

Sanjeet Tripathi का कहना है कि -

दिखाई दिया अब कि प्रेम रंग के अलावा ज़िंदगी मे और भी कई रंग होते हैं,

"दिन चाहे ढल गया है
पर विश्वास बाक़ी है
आस का दीप मत बुझा
अभी कुछ उम्मीद बाक़ी है"

संदेश देती हुई एक अच्छी रचना!!

Manish Thakkar का कहना है कि -

Bahut hi umda lika hain aapne.
Hum aapke likhawat ke diwane hain.
Jo bhi likhte ho, bus dil ko chu jata hain.

apke khayal bhejne ke liye
sukriya

appka likhak mitr
Manish

Anupama का कहना है कि -

दिन चाहे ढल गया है
पर विश्वास बाक़ी है
आस का दीप मत बुझा
अभी कुछ उम्मीद बाक़ी है

Base line hi baari hai ki puri kavita ko manmohak bana deti hai :)

राजीव रंजन प्रसाद का कहना है कि -

दिल में रहे जज़्बात बाक़ी
तो ज़िंदगी की धड़कन बाक़ी है

पर फ़िज़ा में फैली झंकार बाक़ी है
दिल को बाँध सके अभी वो राग बाक़ी है

पतझड़-सा चाहे यह जीवन लगे
पर अभी कुछ मधुमास बाक़ी है

सरल सहज शब्दों में लिखी गयी सुन्दर आशावादी रचना।

*** राजीव रंजन प्रसाद

शैलेश भारतवासी का कहना है कि -

यह कविता तुषार जी की उम्मीदों वाली कविताओं की तरह मन में आस का दीप जलाती है। शिल्पगत प्रौढ़ता भी आपके अंदर आ रही है। यह हिन्द-युग्म के लिए खुशी की बात है। बधाइयाँ!!!

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