फटाफट (25 नई पोस्ट):

Monday, June 04, 2007

3 जून 2007 को हुई ब्लागर मीट के चित्र


दिल्ली व एन.सी.आर. क्षेत्र की ब्लागर्स मीट ३ जून (रविवार्) २००७ को ईस्ट आफ क़ैलाश, दिल्ली मेँ समपन्न हुई. इस मीट मेँ श्री मैथिली जी (हिन्दी गियर - कैफे हिन्दी), श्री अफलातून जी (यही वह जगह है), श्री अरुण जी (पँगेबाज), श्री अविनाश जी (मौहल्ला), सुनील कुमार जालिम व हिन्द-युगम से श्रीमति रँजना भाटिया, श्रीमति सुनीता चोटिया, श्री राजीव रँजन प्रसाद, श्री देवेश वशिष्ट खबरी व श्री मोहिन्दर कुमार ने हिस्सा लिया. इस मीट मेँ ब्लागस की वर्तमान स्थिति, भविष्य, आपसी सहयोग, सामँजस्य व समय की माँग पर, हल्के फुल्के माहोल मेँ भारी भरकम नाश्ते के साथ, जिसका इन्तजाम मैथिली जी ने बडे ही प्यार व सलीके से किया हुआ था, चर्चा हुई. इस ब्लागर्स मीट के कुछ चित्र आप के अवलोकानर्थ प्रस्तुत हैँ.

श्री मैथिली जी द्वारा ब्लागर्स मीट पर लिखी विस्तृत रिपोर्ट इस लिँक पर उपलब्ध है
http://hindibloggersmeet.blogspot.com/2007/06/ncr.html

सभी चित्र बाये से दायेँ
अन्तिम दो चित्र आभार श्री मैथिली जी



श्री मोहिन्दर कुमार,श्री देवेश वशिष्ट खबरी, श्री राजीव रँजन प्रसाद,श्रीमति सुनीता चोटिया,श्रीमति रँजना भाटिया


श्रीमति रँजना भाटिया, श्री मोहिन्दर कुमार्, श्री राजीव रँजन, श्री देवेश वशिष्ट, श्रीमति सुनिता चोटिया



श्री मैथिली, श्री राजीव रँजन



श्री अरुण, श्री अफलातून


श्रीमति रँजना भाटिया, श्रीमति सुनिता चोटिया


श्री अरुण, श्री अफलातून्, श्री अविनाश्, श्री मैथिली


श्री राजीव रँजन, श्री एवँ श्रीमति सुनिता चोटिया

श्री अविनाश, श्री अरुण, श्री मैथिली

श्री अविनाश, श्री अरुण, श्री मैथिली

श्री अरुण, श्रीमति रँजना भाटिया, श्री देवेश वशिष्ट


श्री अविनाश, श्री अरुण, श्री मैथिली,

श्रीमति रँजना भाटिया, श्री देवेश वशिष्ट

श्रीमति सुनिता चोटिया,श्रीमति रँजना भाटिया,श्री मोहिन्दर कुमार


श्री मोहिन्दर कुमार, श्री सुनील कुमार जालिम, श्री देवेश वशिष्ट

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)

23 कविताप्रेमियों का कहना है :

RC Mishra का कहना है कि -

मोहिन्दर जी, आप तो से सबसे मिल लिये, हमें पहचनवा ही दीजिये, फ़ोटू के नीचे कलाकारों, मेरा मतलब ब्लागरों के नाम डालके।
धन्यवाद।

Sanjeet Tripathi का कहना है कि -

जानकारी देने के लिए आभार, फोटो अच्छी आई हैं।
आप को, रंजना जी, सुनीता जी व बन्धु पंगेबाज़ के साथ अविनाश भाई को तो पहचान लिया पर बाकी के लिये आपको कैप्शन दे देना था।
आभार

Mohinder56 का कहना है कि -

मैँ यह फोटो देर रात मेँ लोड कर पाया और कैपश्न देते समय बत्ती गुल हो गयी... इस के लिये मेँ क्षमाप्रार्थी हूँ... अब आप सब की सुविधा के लिये फोटो के साथ कैपश्न दे दिये हैँ.

मैथिली गुप्त का कहना है कि -

मोहिन्दर जी; आप तो सबसे तेज चैनल से भी अधिक तेज है. फोटो बहुत अच्छे हैं

Manish Kumar का कहना है कि -

चित्र पेश करने का शुक्रिया !

संजय बेंगाणी का कहना है कि -

अच्छे फोटो रहे. अब विवरण की प्रतिक्षा है.

Jitendra Chaudhary का कहना है कि -

अच्छे फोटोग्राफ़ है, एक सफ़ल चिट्ठाकार भेंटवार्ता के लिए बहुत बहुत बधाई।

काकेश का कहना है कि -

सचमुच आपका चैनल तो बहुत तेज है भाई. पिछ्ली ब्लौगर मीट के स्तंभ तो गायब ही दिखे इस मीट में.. अमित जी , जगदीश भाटिया जी,सृजन शिल्पी जी.. सबसे सुखद रहा अविनाश जी और अरुण जी का हाथ मिलाना..इतनी अच्छी मीट के लिये मैथिली जी को बधाई..

mamta का कहना है कि -

हमने मिस कर दिया। फोटो अच्छे लगे।

मैथिली गुप्त का कहना है कि -

जी काकेश जी; चित्र पर आपकी प्रतिक्रिया पर मेरी दो लाइनें. (हिन्द युग्म पर हूं ना)

एक सी बू, एक से रंग, ये भी कोई बाग है?
गुलिस्तां मे हर तरह के फूल खिलने चाहिये

नहीं मैं सहमत तुम्हारी बात से या सोच से;
सोच चाहे ना मिले; पर दिल तो मिलने चाहिये

राजीव रंजन प्रसाद का कहना है कि -

मोहिन्दर जी सचमुच तस्वीरें अच्छी आयी हैं किंतु विवरण का अभाव आपकी और मैथिली जी दोनो ही की पोस्ट पर है। चर्चायें तो बहुत हुई उनका एक स्तंभ उपस्थित ब्लॉगर्स में से कोई भी प्रकाशित करे तो सार्गर्भित होगा।

***राजीव रंजन प्रसाद

रंजू भाटिया का कहना है कि -

मोहिंदेर जी धन्यवाद तस्वीरो के लिए ..

Anupama का कहना है कि -

Tasweeren bahut aachi hain.....meeting kaisi rahi jaanna chahenge.

ePandit का कहना है कि -

बहुत अच्छे सभी से मिलवा दिया आपने, लेकिन जरा मीट का विवरण भी दिया जाना चाहिए।

मैथिली गुप्त का कहना है कि -

देरी के लिये माफी
विस्तृत रपट यहां पेश है

http://hindibloggersmeet.blogspot.com/2007/06/ncr.html

मैथिली

Unknown का कहना है कि -

जैसी कि अपेक्षा थी मई अंक में नवीन एवं हृदय स्पर्शी कवितायें मिलीं.प्रथम स्थान प्राप्त रचना के कवि परिचय एवं आयु से लगा कि अंतरजाल के युग में प्रवेश कर चुकी हिन्दी कविता का भविष्य नई पीढी क़े हाथों सहज सुरक्षित होने के साथ साथ उज्ज्वल भी है.भौतिकवाद की अन्धी आपाधापी के इस युग में हिन्द युग्म संवेदनाओं का मर्मस्पर्शी झोंका है. अंतरजाल प्रकाशन का कार्य वह भी निय्मितता के साथ कम्प्यूटर विधा से जुडे होने के नाते कितना कठिन है मुझे स्वयं पता है. आप सब मित्रों को साधुवाद. रचनाधर्मिता के सहज दायित्व का पालन हिन्द युग्म ऐसे ही करता रहेगा मेरा विश्वास है.

Anonymous का कहना है कि -

हिन्द युग्म के मई अंक में मुझ जैसी नवरचनाकार की रचना का प्रथम दस प्रतियोगियों में सम्मिलित होना मेरे लिये स्वयं में पुरस्कार है. निर्णायक मंडल के सभी सदस्यों का आभार. प्रथम द्वितीय तथा तृतीय स्थान पर आयी कविताओं के रचनाकारों का हार्दिक अभिनन्दन बधाई

Tushar Joshi का कहना है कि -

मेरी बधाईयाँ स्वीकारें। पढकर बहोत खुशी हुई।

सुनीता शानू का कहना है कि -
This comment has been removed by the author.
सुनीता शानू का कहना है कि -

हिन्द-युग्म के सभी कविओ को मेरा नमस्कार,..
मेरे लिये ये सौभाग्य की बात है कि आज मै भी इस परिवार में शामिल हूँ...इसे आगे बढ़ाने कई भरसक कौशिश करूँगी...बस जिन लोगो से मिल नही पाई उसी का बेहद अफ़सोस है...

सुनीता(शानू)

उन्मुक्त का कहना है कि -

वाह अच्छे चित्र हैं

Anonymous का कहना है कि -

सुन्दर चित्र!

Tushar Joshi का कहना है कि -

सबको देख कर अच्छा लगा। हम तो दूर नागपुर में बैठे है इसलिये आ नहीं पाये मगर मन से वही थे जी।

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)