'हिन्दी में लिखो और जीतो' की यह पाँचवी कड़ी है। हम जनवरी २००७ से 'हिन्द-युग्म यूनिकवि एवम् यूनिपाठक प्रतियोगिता' का आयोजन करते हुए अंतरजाल (इंटरनेट) पर देवनागरी ( हिन्दी भाषा की लिपि, स्क्रिप्ट जैसे अंग्रेजी भाषा की स्क्रिप्ट 'रोमन' है) प्रयोक्ताओं को प्रोत्साहित कर रहे हैं। हमने रु ९००/- तक के पुरस्कारों से शुरू किया था; आज रु २१००/- से अधिक के पुरस्कारों पर आ गए हैं। यह हमारी सफलता है। मतलब कवि और पाठक हमें गंभीरता से ले रहे हैं।
यद्यपि पिछली बार ही हमने रु २१०० से अधिक का पुरस्कार दिया था लेकिन इस बार इनकी उद्घोषणा भी कर रहे हैं। यह बताते हुए हमें बहुत खुशी हो रही है कि इस माह रु २१०० से भी अधिक के पुरस्कार हो सकते हैं क्योंकि सृजनगाथा की तरह एक और साहित्यिक पत्रिका 'हमारा भारत' भी इस नेक काम में हमारा हाथ बँटाने वाली है। (उल्लेखनीय है कि सृजनगाथा ने पिछले माह से यूनिकवि के अलावा तीन और कवियों को रु ३००/- रु ३००/- या इससे अधिक की पुस्तकें देने का जिम्मा लिया है)
हमारे पास कवियों की भागीदारी बढ़ रही है- पहली बार ६, दूसरी बार ७, तीसरी बार १३ और चौथी बार कुल १७ कवियों ने प्रतियोगिता में भाग लिया। अतः अब हम परिणाम के दिन (जो कि प्रत्येक माह का प्रथम सोमवार होता है) तो मात्र चार कविताएँ ( १ यूनिकवि की, ३ अंतिम दौर में पहुँचे कवियों की) प्रकाशित करेंगे , मगर हम ४-६ कविताएँ जो अंतिम ८-१० में बनाई रहेंगी, उन्हें भी माह के प्रत्येक शुक्रवार को एक-एक करके प्रकाशित करेंगे, ताकि हम अपनी पारदर्शिता सुनिश्चित कर सकें। कई बार हमारे नियमित कवि भी किन्हीं कारणों से अपनी कविताएँ नियमित तिथि को प्रकाशित नहीं कर पाते हैं, उस दिन भी प्रतियोगिता में आईं कविताएँ प्रकाशित की जा सकती हैं।
इसके अतिरिक्त, हम आपको एक सुनहरा मौका और दे रहे हैं- जैसाकि सभी को पता है कि हिन्द-युग्म को स्मिता तिवारी के रूप में एक रंगसाज़ (पेंटर) मिली हैं, यदि आप यूनिकवि होते हैं तो आपकी कविता के साथ-साथ आपकी कविता पर स्मिता तिवारी की पेंटिंग भी प्रकाशित की जायेगी जिसे आप किसी फोटोसाज़ से मढ़वाकर अपने घर की दीवार को सज़ा पायेंगे।
तो देर किस बात की? बस अपनी कोई अप्रकाशित कविता हमें १५ मई २००७ तक hindyugm@gmail.com पर भेज दीजिए। (स्मरण रहे- मुद्रित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित रचनाओं के अतिरिक्त गूगल, याहू समूहों में प्रकाशित रचनाएँ, ऑरकुट की विभिन्न कम्न्यूटियों में प्रकाशित रचनाएँ, निजी या सामूहिक ब्लॉगों पर प्रकाशित रचनाएँ भी प्रकाशित रचनाओं की श्रेणी में आती हैं। अपनी कविता को जून महीने के अंत तक प्रकाशनार्थ कहीं न भेजें । ) प्रतियोगिता में भाग लेने से पूर्व सभी नियमों को यहाँ पढ़ लें।
पाठकों से हमें बहुत निराशा हो रही है। बहुत कम ही पाठक हमारी कविताओं को नियमित पढ़ रहे हैं और कमेंट कर रहे हैं। क्या आपको देवनागरी में लिखने में परेशानी आ रही है? सारा ट्यूटोरियल यहाँ है, फ़िर भी दिक्कत आ रही है तो हमारे एक्सपर्ट गिरिराज जोशी को मेल ( grjoshee@gmail.com ) कर सकते हैं। आपकी भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। आप पढ़ते हैं, प्रोत्साहित करते हैं, कविताओं की समालोचना करते हैं तो हम सफल हैं नहीं तो युवा कवियों को एक मंच पर लाने का हमारा प्रयास असफल है।
आपको करना कुछ नहीं है, बस्स, माह की पहली तिथि से अंतिम तिथि तक (1st day of month to 31st day of month) की अधिकाधिक कविताओं पर यूनिकोड में टिप्पणी करना है। टिप्पणी में क्या लिखना है- कुछ नहीं, कविता के बारे में।
यदि आप यूनिपाठक का पुरस्कार पाते हैं तो आपको रु ३००/- का नकद इनाम, रु २००/- तक की पुस्तकें और एक प्रशस्ति-पत्र दिये जायेंगे।
प्रतियोगिता में हिस्सा लेने से पूर्व प्रतियोगिता के नियमों और शर्तों को यहाँ अवश्य पढ़ लें।
तो बस हम शुरू हो गये हैं, आप भी शुरू हो जाइए।
पुरस्कार व सम्मान-सारांश
यूनिकवि- रु ३०० का नकद इनाम (प्रथम सोमवार के लिए), रु ३००/- का
नकद इनाम (रु १०० प्रति सोमवार अन्य तीन सोमवारों के लिए), रु १००/- तक की
पुस्तकें, एक प्रशस्ति-पत्र
तीन और कवियों को सृजनगाथा की ओर से सांत्वना
पुरस्कार ( रु ३००-रु ३००/- या इससे अधिक की पुस्तकें)
यूनिपाठक- रु ३०० का
नकद इनाम, रु २०० तक की पुस्तकें और प्रशस्ति-पत्र
नोट- प्रायोजक मिलने पर यूनिकवि एवम् यूनिपाठक को कुछ अन्य उपहार भी भेंट किये जा सकते हैं।
सूचना- अप्रैल माह की प्रतियोगिता के परिणाम ७ मई २००७ को प्रकाशित किए जायेंगे।
संबंधित लिंक- 'हिन्दी में लिखो और जीतो, मार्च माह के परिणाम
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6 कविताप्रेमियों का कहना है :
bahut hI AcCa
Sune huye Char Shabd Zindgi Bana Dete Hain.
Lekin Bole huye do Shabd Zindgi Bigad Dete Hain.
Dinesh Dhirawani
Zindgi Zeena aasan hai lekin pakadna mushkil.
Jisne pakad liya vo zee gaya...
Jo na pakad saka vo.....?
Dinesh Dhirawani
Ye mat socho ki hum zindagi jeete hain.
Ye Socho Ki Kaise Jeete hain.
Dinesh Dhirawani
I AM VERY HAPPY TO SEE YOUR SITE
ARVIND KUMAR MUKUL JOURNALIST
LF27,SKPURI,PATNA 800001 MOBILE09334601789 09234441172 09931918578
I AM A POET AND A WRITER
सर्वप्रथम अपनी अनियमितता हेतु हिन्द-युग्म से क्षमाप्रार्थी हूँ. मैं चाहता हूँ कि एक टिप्पणीकार के रूप में हिन्दयुग्म से सबंध घनिष्ठ रखुँ लेकिन कतिपय अन्य कारण इसमें बाधक बन जाते हैं.
अस्तु, दिली ख्वाहिश है कि अन्तर्जाल पर देवनागरी की उपस्थिति प्रचुरता के साथ हो जिससे हिन्दी से अन्य भाषाओं के मशीनी अनुवाद में सहायता मिले. और हमारी भाषा सूचना-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रेसर रहे. अतः सबसे आग्रह है कि अन्तर्जाल पर देवनागरी-लेखन को प्रोत्साहित करें, इसके लिए हिन्द-युग्म का मंच सर्वोत्तम है. देवनागरी एवं अन्य द्रविण भाषाओं में टंकन हेतु आप "बरह" सॉफ्टवेयर का भी प्रयोग कर सकते हैं, इसे आप www.baraha.com से निःशुल्क डाऊनलोड कर सकते हैं.
धन्यवाद...
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