फटाफट (25 नई पोस्ट):

Sunday, January 14, 2007

कोशिश करके तो देख


रोक सकता है तू लहरों को, कोशिश करके तो देख
लौटा सकता है तू तूफ़ां को, कोशिश करके तो देख

यह दुनिया जो कोसती है रात-दिन तुझे,
सीने से लगायेगी एक दिन, कोशिश करके तो देख

क्यूँ फंसता है संभव-असंभव के फेर में,
कर सकता है सबकुछ, कोशिश करके तो देख

मुसीबतें खड़ी है जो सीना ताने तेरे सामने,
सर झुकायेगी एक दिन, कोशिश करके तो देख

अपनों की दूरियाँ क्यों कचौटती हैं तुमको,
दुश्मन भी हाथ मिलायेंगे, कोशिश करके तो देख

ग़म के अंधियारे तो खुद डरते हैं तुझसे,
उजाले की बस एक किरण, तू लाकर तो देख

कर सकता है सबकुछ, कोशिश करके तो देख

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)

17 कविताप्रेमियों का कहना है :

Anonymous का कहना है कि -

तुफां- तूफ़ां
दूनियाँ-दुनिया
एक दो "टाइपिंग मिस्टेक", जो मुझे दिखें। निराला जी ने लिखा है "हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती ।"
और किसी ने ये भी लिखा है- "कौन कहता है आसमां में सूराख हो नहीं सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों " । इंसान की क्षमता असीम है , और गिरिराज जी ने भी इसी बात को बखूबी लिखा है……
"उजाले की बस एक किरण, तू लाकर तो देख" ये पंक्ति बाकी कविता की तुकबंदी से भिन्न है, पर अवश्य कविराज ने किसी विशेष प्रयोजन से ये लिखा होगा। आज तो मैं विश्वदीपक की कविता का भी इन्तजार कर रहा था, पर कविराज ने पहले ही दिल खुश कर दिया।

Anonymous का कहना है कि -

फंसता-फँसता, अच्छी लगी। वर्तनी की अशुद्धियों का ध्यान रखें।

Anonymous का कहना है कि -

achchhi kavita hai. kuch sikhane layak.

शैलेश भारतवासी का कहना है कि -

मुझे बहुत खुशी हो रही है कि एक पाठक की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद 'हिन्द-युग्म' के कई लेखक आशावादी कविताएँ लिखने लगे हैं। पहले यह कार्य केवल तुषार जी करते थे मगर अब राजीव और गिरि भी आ गये हैं मैदान में।

एक अच्छी कविता के लिए गिरि जी को बधाईयाँ।

Anonymous का कहना है कि -

अपने आस-पास ऐसे लोग मिल जाते हैं जो कठिन को असंभव का पर्यायवाची मान बैठते हैं।किसी कठिन काम की चर्चा होने पर तुरन्त 'किन्तु' ,'परन्तु','मगर' लगाने लगते हैं।कविराज ऐसे लोगों से अलग जमात से मुखातिब हैं।
बधाई ।

विश्व दीपक का कहना है कि -

कोशिश करने से इंसान क्या नहीं कर सकता ।

कहा हीं गया है कि
"इंसान जब जोर लगाता है ,पत्थर पानी बन जाता है।"
आपने इसी भावना को अपने शब्दों में व्यक्त किया है।
सच में एक अच्छी कोशिश है।

राजीव रंजन प्रसाद का कहना है कि -

एक सुन्दर, आशावादी रचना| "एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों" का भावार्थ प्रत्येक शेर में निहित है"

Anonymous का कहना है कि -

आप सभी का बहुत-बहुत शुक्रिया।
भविष्य में भी इसी प्रकार उत्साहवर्धन व मार्गदर्शन करते रहें।

Anonymous का कहना है कि -

Giriraj bhai, Apse kya is hindi-yugm par hi kabhi koi saral si seedhi bhasha ki koi kavit amilti hai to man hota hai puchun ,"mijaaj to theek hain miyan". MAtlab ye ki koi kavita itni jald bina kisi sandarbh prasng ke samajh me aa jaye to ajeeb sa lag raha hai.
Par is baar saralta ghisi piti bhi ho gayi, matlab ye katayi nahi ki koshish karke to dekh shirshak ki kavita me main kuch naya expect karne ki galati kar sakta hun par ye ki saralta kab ghisi piti nahi hoti ?
Haan do antim koshishon se vaicharik matbhed dikh rahe hain...
1)
अपनों की दूरियाँ क्यों कचौटती हैं तुमको,
दुश्मन भी हाथ मिलायेंगे, कोशिश करके तो देख
... is baar to hamare kaviraj ne jhatka diya, karaara jhatka. Koshish karne se apne kab paas aate hain(jo nahi ilkha, shayad vo behad obvious laga ho), haan dushman hi haath mila sakte hain, koshish karne se.
2)
ग़म के अंधियारे तो खुद डरते हैं तुझसे,
उजाले की बस एक किरण, तू लाकर तो देख
...arth nikalne baithunga to lagega ki, kavyagat saundarya hetu aisi baten likhi hi jati hain, par andhere ko bhagaane ke liye lathth(dande) aur talvaar chalaane ki jarurat nahi, bas deepak chalana hai. IS baat ko, "khud darte hain tujhse", shayad dho nahi paa raha.

Matbhed vaicharik hain,jo na hon to galat, rahne hi chahiye, mera manana hai.

Anonymous का कहना है कि -

रविन्द्र भाई,

सादर नमस्कार!!!

आप हिन्द-युग्म पर आये और आपने हमारी कविताएँ पढ़कर प्रतिक्रिया दी इसके लिए आपको हार्दिक धन्यवाद।


Giriraj bhai, Apse kya is hindi-yugm par hi kabhi koi saral si seedhi bhasha ki koi kavit amilti hai to man hota hai puchun ,"mijaaj to theek hain miyan". MAtlab ye ki koi kavita itni jald bina kisi sandarbh prasng ke samajh me aa jaye to ajeeb sa lag raha hai.
Par is baar saralta ghisi piti bhi ho gayi, matlab ye katayi nahi ki koshish karke to dekh shirshak ki kavita me main kuch naya expect karne ki galati kar sakta hun par ye ki saralta kab ghisi piti nahi hoti ?


रविन्द्रजी, एक पाठक के तौर पर आप जो पढ़ना चाहते हैं, वो आप तक पहुंचाने का प्रयत्न किया जायेगा। मगर जहाँ तक मैं जानता हूँ आप भी कविताएँ लिखते हैं सो आपसे यह पूछना चाहूँगा कि क्या सरल शब्दों में लिखी पंक्तियाँ कविताएँ नहीं होती?


Haan do antim koshishon se vaicharik matbhed dikh rahe hain...
1)
अपनों की दूरियाँ क्यों कचौटती हैं तुमको,
दुश्मन भी हाथ मिलायेंगे, कोशिश करके तो देख
... is baar to hamare kaviraj ne jhatka diya, karaara jhatka. Koshish karne se apne kab paas aate hain(jo nahi ilkha, shayad vo behad obvious laga ho), haan dushman hi haath mila sakte hain, koshish karne se.


रविन्द्रजी कोशिश करने से अपने कब पास आते हैं और कब दूर जाते है? इन प्रश्नों का उत्तर नहीं दे पाया मगर मैं इन पंक्तियों के माध्यम से जो कहना चाह रहा था, शायद आप समझ नहीं पाये और इसे भी मैं अपनी कमजोरी ही मानता हूँ। यदि कोई पाठक मेरी कविता को उस रूप में ना समझ पाये, जैसा सोचकर मैने लिखा है तो निश्चय ही मुझे मेरे लेखन पर मनन करने की आवश्यकता है। वैसे मैं इन पंक्तियों में (और पूरी कविता में भी) "कोशिश" के महत्व को उजागर करने का प्रयास कर रहा था। कोशिश करने से तो दुश्मन भी हाथ मिलाते हैं तो फिर जो आपसे रूठे हैं वो तो आपके अपने हैं।


2)
ग़म के अंधियारे तो खुद डरते हैं तुझसे,
उजाले की बस एक किरण, तू लाकर तो देख
...arth nikalne baithunga to lagega ki, kavyagat saundarya hetu aisi baten likhi hi jati hain, par andhere ko bhagaane ke liye lathth(dande) aur talvaar chalaane ki jarurat nahi, bas deepak chalana hai. IS baat ko, "khud darte hain tujhse", shayad dho nahi paa raha.


यहाँ भी मेरा मतलब यही था कि सामाजिक बुराईयों से डरने के बजाय, सत्य का उजाला करने की कोशिश की जाए तो सबकुछ बदल सकता है। आपने मेरी इस कविता का मात्र शाब्दिक भावार्थ निकाला और इसमें छुपे भावों को समझने की चेष्ठा नहीं की। जब आपने एक कवि होते हुए भी ऐसा नहीं किया तो फिर मैं आम पाठक से क्या अपेक्षा रखूँ।


Matbhed vaicharik hain,jo na hon to galat, rahne hi chahiye, mera manana hai.


जी सही हैं। और मतभेद हमेशा ही वैचारिक ही होने चाहिए, ऐसा मेरा मानना है।

आगे से भी आप इसी प्रकार हिन्द-युग्म पर कविताएँ पढ़ते रहेंगे और हम सभी का उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करते रहेंगे, ऐसी अपेक्षा है।

आदर सहित,

- गिरिराज जोशी "कविराज"

Anonymous का कहना है कि -

मैं कविराज़ से सहमत हूँ, रवीन्द्र जी , कवि को यह अधिकार होता है कि वह अपनी बात दूसरे पात्रों की मदद से कहलवाये।जब सीधे शाब्दिक अर्थ कविता की मजबूरी बन जायें तो फ़िर गद्य काहे को बने हैं। इस तर्क के अनुसार तो श्री हरिबंश राय बच्चन जी की मधुशाला तो सिर्फ़ मदिरा और मदिरालय के बारे में ही है, जबकि उसमें सारे विश्व का सार भरा पड़ा है। दिनकर जी की इन पंक्तियों को ही लें- " मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है" अब जिस प्रकार "khud darte hain tujhse" आपके लिये असहनीय प्रतीत हुआ, उसी तरह पत्थर को पानी बनाने की बात भी हजम नहीं हो पाये शायद , लेकिन यही तो इन पंक्तियों का सौन्दर्य है। उसी प्रकार यहाँ "अँधेरे" बहुत कुछ हो सकता है जैसे हताशा, अग्यान, बाधा… और बहुत कुछ्। आशा है आप कविराज़ का आशय समझ रहे होंगें।

valentinepharpsteras का कहना है कि -

To Sign up a Musical.ly sitew.in Account, you will most Official Website definitely have to Musically Login Download on your Android, PC & iPhone Devices download and install the app Musically Online first due to the fact that there is no on the internet musicallylogin recommendation site to develop a make up.

valentinepharpsteras का कहना है कि -

Here's ways to download and greatwebsitebuilder.com/ sideload or install Kodi IPA on Visit here your iphone powered apple Install Kodi for iPhone, iPad, iOS Free iphone or iPad the easy means. Kodi No jailbreak is required Kodi App Download for this to function.

adidas nmd का कहना है कि -

ralph lauren outlet
snapbacks wholesale
prada outlet
cheap jordan shoes
nike huarache
jets jersey
true religion outlet
michael kors handbags
jordan shoes
michael kors outlet

Jitender Singh VO का कहना है कि -

बहतरीन

Unknown का कहना है कि -

nike air force 1 low
birkin bag
golden goose
chrome hearts
nike huarache
yeezy boost 350
dior sunglasses
longchamp
asics sneakers
adidas pure boost

Unknown का कहना है कि -

zzzzz2018.7.22
golden goose
ralph lauren outlet
canada goose jackets
christian louboutin shoes
dsquared2
ray ban eyeglasses
nike factory
vibram five fingers
pandora charms outlet
moncler jackets

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)