मेरे दिल के गलियारे की सूनी राहों को आबाद कर,
पदचाप दे,आलाप दे, नई राग का ईजाद कर,
महफ़िल में तन्हाई बसे तो भीड़ का क्या फायदा,
पाजेब में जो है खो चुकी ,उस सुर को तो आजाद कर।
मेरे आँखों की गहराईयों में देख तो कुछ रोता है,
उन आँसुओं की कतरनों से माँग का श्रृंगार कर,
मेरे साँसों की गर्मियों से पूछ ,है क्या जल रहा,
तपती हुई इस रेत पर भागीरथी आ विहार कर,
मेरे दिल के गलियारे की सूनी राहों को आबाद कर,
हवा से ठोकरें मिली, आकर इसे निर्वात कर,
तुझे दर्द का अहसास है तो बेदर्द है क्यों बन रही,
हर पल मुझे तड़पाती हैं ,तेरी यादें यूँ आघात कर।
मेरे लब पर छाई चुप्पियों के तार को जरा छेड़ दे,
खंडहर बनी है हर दास्तां, इसे जान दे पुकार कर,
मेरे पग हैं चलना भूल कर जड़ता की हद को छू गए,
इन जकड़नों को तोड़ दे,अपलक यूँ ही निहार कर।
मेरे दिल के गलियारे की सूनी राहों को आबाद कर,
दिलशाद बनकर झांक ले, ना प्रेम को नाशाद कर,
हर चोट धड़कनों की मेरे दिल पर मौत सी लगे,
कई जन्म मैं लेता सनम, हर पल तुझी को याद कर।
कवि- विश्व दीपक 'तन्हा'
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)
8 कविताप्रेमियों का कहना है :
दीपक भाई,
आपके इन पंक्तियों मैं आपका कायल हो गया-
मेरे आँखों की गहराईयों में देख तो कुछ रोता है,
उन आँसुओं की कतरनों से माँग का श्रृंगार कर
बहुत खूब!!!!
शुभान अल्ला!!!
धन्यवाद
This is a really nice kavita,aap ki bhavanaye kaaphi gahari hai,"aise hi kayi panktiyo ko blog par nauchaabar kar".its dam good.
bhut badhiya hai bhaiya !!
bdhaai !!!!!!!!
reetesh gupta
विश्व(दीपक) कवि जी, आपका ‘हिन्द युग्म’ पर स्वागत है, वास्तविकता मे आपने अपनी पहली बार मे सही अर्थो मे कविता प्रेषित की है, सही मे आप नाम के ह नही काम के भी विष्व कवि है।
मै रविवार के दिन गिरिराज जी का इन्तजार कर रहा था, किन्तु उन्ही के जैसा नया कवि देख कर मन प्रसन्न हो गया।
आपको ढेरो बधाई और शुभकामनाऐ
वास्तविकता को वास्तव मे कर दिजिये
धन्यवाद
मेरे आँखों की गहराईयों में देख तो कुछ रोता है,
उन आँसुओं की कतरनों से माँग का श्रृंगार कर,
मेरे साँसों की गर्मियों से पूछ ,है क्या जल रहा,
तपती हुई इस रेत पर भागीरथी आ विहार कर,
बहुत खूब तन्हा जी, शब्दों पर आपकी पकड़ उम्दा है.
आपका ‘हिन्द युग्म’ पर हार्दिक स्वागत है।
wnderful poem! mujhe to har pankti me ek ajeeb sa dard jhaankta hua nazar aaya!
शब्दों का चयन एवं प्रयोग दोनों ही सराहनीय हैं|
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)