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Wednesday, December 06, 2006

'मेरे कवि मित्र' से 'सृजनगाथा' तक


ब्लॉगरो,

'मेरे कवि मित्र' के रचनाकारों की आवाज़ अब दूर-दूर तक सुनायी दे रही है। वेबज़ीन 'सृजनगाथा' के ताज़ा विशेषांक में इस ब्ल।ग के दस रचनाकरों में से कुछ रचनाकारों की रचनाएँ वहाँ भी प्रकाशित हुयी हैं। इनलोगों की तारीफ़ में, मुझे कुछ कहने की आवश्यकता नहीं है। आप स्वयं पढ़ें और मूल्यांकन करें-


६ कविताएँ- अनिल वत्स

२ गीत- अनिल कुमार त्रिवेदी

५ गज़लें- पंकज तिवारी

अस्मनियाँ- मनीष वॅदेमातरम्

वेश्या- गिरिराज जोशी

समय निकालकर 'सृजनगाथा' पर आवें।

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3 कविताप्रेमियों का कहना है :

Anonymous का कहना है कि -

सभी बन्‍धुओं को बधाई एवं शुभकामनाऐ

Anonymous का कहना है कि -

जैसी बकवास तुम्हारी है वैसी ही तुम्हारे मित्रों की होगी. पहले सीखो कविता क्या है फिर अपने को कवि समझना. इधर उधर के शब्द जोड़ लेना क्विता नहीं होता मियां फ़न्ने खां

Anonymous का कहना है कि -

आप अभी को बधाई और भविष्य के लिये शुभकामनायें।

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