tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post116540940499239165..comments2024-03-23T18:32:18.216+05:30Comments on हिन्द-युग्म Hindi Kavita: 'मेरे कवि मित्र' से 'सृजनगाथा' तकशैलेश भारतवासीhttp://www.blogger.com/profile/02370360639584336023noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-1165556853900497142006-12-08T11:17:00.000+05:302006-12-08T11:17:00.000+05:30आप अभी को बधाई और भविष्य के लिये शुभकामनायें।आप अभी को बधाई और भविष्य के लिये शुभकामनायें।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-1165522127127065992006-12-08T01:38:00.000+05:302006-12-08T01:38:00.000+05:30जैसी बकवास तुम्हारी है वैसी ही तुम्हारे मित्रों की...जैसी बकवास तुम्हारी है वैसी ही तुम्हारे मित्रों की होगी. पहले सीखो कविता क्या है फिर अपने को कवि समझना. इधर उधर के शब्द जोड़ लेना क्विता नहीं होता मियां फ़न्ने खांAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30371899.post-1165452232018992862006-12-07T06:13:00.000+05:302006-12-07T06:13:00.000+05:30सभी बन्धुओं को बधाई एवं शुभकामनाऐसभी बन्धुओं को बधाई एवं शुभकामनाऐAnonymousnoreply@blogger.com