तुम अब ठान लोगे
ज़िंदगी की हर उलझन को
नया समाधान दोगे
तुम अब ठान लोगे
अपयश मिला मगर
सब खत्म नहीं हुआ है
सफलता ने अभी भी
ना नहीं कहा है
आँधी तुफाँ आये फिर भी
तुम भीड जाओगे
परिस्थिती को निडर होकर
शह दे पाओगे
तुम अब ठान लोगे
ज़िंदगी की हर उलझन को
नया समाधान दोगे
तुम अब ठान लोगे
तुम्हारा साथ निभाने
विवेक शक्ति साथ होगी
सब खतम हुआ लगेगा
मगर फिर शुरुआत होगी
अंधेरा घना हो फिर भी
तुम जलते जाओगे
दृढता से आत्मविश्वास
अटल रख पाओगे
तुम अब ठान लोगे
ज़िंदगी की हर उलझन को
नया समाधान दोगे
तुम अब ठान लोगे
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4 कविताप्रेमियों का कहना है :
तुषार जी,
अभी कुछ दिन पहले इस ब्लॉग पर एक पाठक आये थे जिनका नाम था रवीन्द्र। वे एक आशावादी कविता की तलाश में थे। मैं सोचता हूँ, अब उनकी तलाश पूरी हुयी होगी।
आप धन्यवाद के पात्र हैं।
A good one Tusharji..
Impressive & influencive
Rajeev Ranjan
बहुत ही अच्छा लिख है।
तुम अब ठान लोगे
ज़िंदगी की हर उलझन को
नया समाधान दोगे
ये पक्तिंयां वास्तव मे प्रेरित करती है।
एक pyari और aashawadi कविता.
alok singh "sahil"
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