फटाफट (25 नई पोस्ट):

Monday, October 09, 2006

सोचता हूं वह विषय, जिस पर करूं मै कविता।


सोचता हूं वह विषय,
जिस पर करूं मै कविता।
शून्‍य मे विषय खोया,
व्‍योम मे खोई कविता।।
सोचता हूं वह विषय,
जिस पर करूं मै कविता।

समस्‍या ही समस्‍या है,
आमोद-प्रमोद का नाम नही।
आमोष का वातावरण है,
कैसे करूं मै कविता।।
सोचता हूं वह विषय,
जिस पर करूं मै कविता।

आयुद्ध से भरा संसार है,
करते है लोग झगडा।
आह! से भरी है दुनिया,
शमशान बन गई है।।
सोचता हूं वह विषय,
जिस पर करूं मै कविता।

गवाह है इतिहास अपना,
स्‍वाभिमान से गवाही दे रहा है।
दर्द के आईने में,
अतीत दहशत मे रहा है।
सोचता हूं वह विषय,
जिस पर करूं मै कविता।

पंगु न हो कर भी संसार
चलता है वैशाखी के सहारे।
भर्त्‍सना है उस समाज की,
जो पंगु बनकर खडा है।।
सोचता हूं वह विषय,
जिस पर करूं मै कविता।

भ्रम मे है यह समाज
भ्रष्‍टाचार फैल रहा है।
मानवता की हड्डी पर,
बारम्‍बार चोट कर रहा है।
सोचता हूं वह विषय,
जिस पर करूं मै कविता।।

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)

8 कविताप्रेमियों का कहना है :

Anonymous का कहना है कि -

आपने तो बिना विषय के ही पूरी एक कविता रच डाली !

Anonymous का कहना है कि -

अमां भाई मेरे तुम क्या-२ करते हो, यह कविता करनी कब से शुरू कर दी ,वैसे बढिया है.

Sagar Chand Nahar का कहना है कि -

प्रमेन्द्र जी बहुत सुन्दर कविता लिखी है।

Anonymous का कहना है कि -

बहुत अच्छा।
डॉ॰ व्योम

शैलेश भारतवासी का कहना है कि -

प्रमेन्द्र जी,
'मेरे कवि मित्र' पर आपकी एन्ट्री धमाकेदार है।
आशा है आगे भी इसी तरह से कुछ ना कुछ प्रकाशित करते रहेंगे।
मैं वर्तनी की अशुद्धियों को दूर कर दूँगा, आप चिंता न करें।

साधुवाद!!!

शैलेश भारतवासी का कहना है कि -
This comment has been removed by a blog administrator.
Pramendra Pratap Singh का कहना है कि -

संजय जी, डा0 साहब, सागर भाई, डा0 व्‍योम जी, व शैलेश जी आप सभी ने कविता को पढा पंसद किया तथा प्रशंसा किया इसके लिये धन्‍यवाद।
जल्‍द ही कुछ नया लेकर आऊगां।

शैलेश जी आपको भी विशेष आभार कि आपका निरन्‍तर सहयोग मिलता रहेगा।

Unknown का कहना है कि -

ugg outlet
oakley sunglasses
snapbacks wholesale
ugg boots
oklahoma city thunder jerseys
yeezy shoes
oakley sunglasses
fitflops
ray ban sunglasses outlet
ecco outlet

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)