नहीं चाहिए मुझको
तेरे जीवन भर का प्यार
नहीं चाहिए मुझको
तेरे यौवन का श्रृंगार
बस॰॰॰॰॰॰॰॰॰
मुझे चाहिए एक प्रेरणा
एक तरन्नुम
जो दे,
जीवन भर लड़ने की भूख,
गहरे दरिया में गिरकर
ऊपर उठने का ऐहसास,
आसमान में उड़कर
उड़ते रहने का आग़ाज,
आलम के सपने को
सच करने का ऐहसास।
बस॰॰॰॰॰॰॰॰
मुझे चाहिए तेरी वो
मीठी सी मुस्कान!
मीठी सी मुस्कान!!
अनिल वत्स (२० अगस्त २००५)
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कविताप्रेमी का कहना है :
अनिल जी अपनी इस कविता में आपने मोहित कर लिया.
बहुत ही अच्छी प्रस्तुति.
आप तारीफ के काबिल हैं,
आलोक सिंह "साहिल"
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