देखूं जो तुमको भांग पीके
अबीर गुलाल लगें सब फ़ीके
मोतियाबिन्दी नयनो में काजल
्नित करता मुझको है पागल
अदन्त मुंह और हंसी तुम्हारी
इसमे दिखता ब्रह्माण्ड है प्यारी
तेरा मेरी प्यार है जारी
जलती हमसे दुनिया सारी
क्या समझें ये दुध-मुहें बच्चे
कैसे होते प्रेमी सच्चे
दिखे न आंख को कान सुने ना
हाथ उठे ना पांव चले ना
पर मन तुझ तक दौड़ा जाए
ईलू-इलू का राग सुनाए
हंसते क्यों हैं पोता-पोती
क्या बुढापे में न मुहब्ब्त होती
सुनलो तुम भी मेरे प्यारे
कहते थे इक चच्चा हमारे
कौन कहता है बुढापे में मुहब्ब्त का सिलसिला नहीं होता
आम भी तब तक मीठा नहीं होता जब तक पिलपिला नहीं होता
होली में तो गजल-हज्ल सब चलती है
जलने दो गर दुनिया जलती है
यही तो होली की मस्ती है
अबीर गुलाल लगें सब फ़ीके
मोतियाबिन्दी नयनो में काजल
्नित करता मुझको है पागल
अदन्त मुंह और हंसी तुम्हारी
इसमे दिखता ब्रह्माण्ड है प्यारी
तेरा मेरी प्यार है जारी
जलती हमसे दुनिया सारी
क्या समझें ये दुध-मुहें बच्चे
कैसे होते प्रेमी सच्चे
दिखे न आंख को कान सुने ना
हाथ उठे ना पांव चले ना
पर मन तुझ तक दौड़ा जाए
ईलू-इलू का राग सुनाए
हंसते क्यों हैं पोता-पोती
क्या बुढापे में न मुहब्ब्त होती
सुनलो तुम भी मेरे प्यारे
कहते थे इक चच्चा हमारे
कौन कहता है बुढापे में मुहब्ब्त का सिलसिला नहीं होता
आम भी तब तक मीठा नहीं होता जब तक पिलपिला नहीं होता
होली में तो गजल-हज्ल सब चलती है
जलने दो गर दुनिया जलती है
यही तो होली की मस्ती है
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5 कविताप्रेमियों का कहना है :
सभी के होली की शुभकामनायें..
sabko holi ki rang birangi subhkamnayen
होली की शुभकामनाएँ।
wah....sunder...
uprokt sabhi prastutiyan behtareen hain,meri aur se der hee sahi lekin holi kii badhai.
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