कुछ ग़लत ना सब सही है
इश्क़ है तुमसे यही है
बेवफा हो तुम सही है
हम जानते हैं बस यही है
मैं जो सहरा हूँ सही है
तुम समंदर हो यही है
ख्वाब में तुम हो सही है
आँखें खुली हैं बस यही है
तुम यहीं तो हो सही है
हो नहीं पर बस यही है
मैं मज़े में हूँ सही है
तुम नहीं हो बस यही है
मैँ नशे में हूँ सही है
पी नही है बस यही है
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6 कविताप्रेमियों का कहना है :
मैँ नशे में हूँ सही है
पी नही है बस यही है
बिन पीये नशा क्यों है.
सही जा रहे हो मियाँ....
:)
तुम यहीं तो हो सही है
हो नहीं पर बस यही है..
सही और यही में खूब घुमाया..उम्दा रचना ..बधाई
ख्वाब में तुम हो सही है
आँखें खुली हैं बस यही है
क्या बात है !
अच्छी रचना के लिए बहुत बहुत बधाई, धन्यवाद,
विमल कुमार हेडा
मैं जो सहरा हूँ सही है
तुम समंदर हो यही है
ख्वाब में तुम हो सही है
आँखें खुली हैं बस यही है
bahut sunder
rachana
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