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Saturday, April 03, 2010

सही है


कुछ ग़लत ना सब सही है
इश्क़ है तुमसे यही है

बेवफा हो तुम सही है
हम जानते हैं बस यही है

मैं जो सहरा हूँ सही है
तुम समंदर हो यही है

ख्वाब में तुम हो सही है
आँखें खुली हैं बस यही है

तुम यहीं तो हो सही है
हो नहीं पर बस यही है

मैं मज़े में हूँ सही है
तुम नहीं हो बस यही है

मैँ नशे में हूँ सही है
पी नही है बस यही है


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6 कविताप्रेमियों का कहना है :

M VERMA का कहना है कि -

मैँ नशे में हूँ सही है
पी नही है बस यही है

बिन पीये नशा क्यों है.

manu का कहना है कि -

सही जा रहे हो मियाँ....

:)

विनोद कुमार पांडेय का कहना है कि -

तुम यहीं तो हो सही है
हो नहीं पर बस यही है..

सही और यही में खूब घुमाया..उम्दा रचना ..बधाई

Harihar का कहना है कि -

ख्वाब में तुम हो सही है
आँखें खुली हैं बस यही है
क्या बात है !

Unknown का कहना है कि -

अच्छी रचना के लिए बहुत बहुत बधाई, धन्यवाद,
विमल कुमार हेडा

rachana का कहना है कि -

मैं जो सहरा हूँ सही है
तुम समंदर हो यही है

ख्वाब में तुम हो सही है
आँखें खुली हैं बस यही है
bahut sunder
rachana

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