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Wednesday, October 28, 2009

क्षणिकाएं



हम तो
सो रहे बेखबर
तुम्हें सौंपकर
अपने गम
रहजनों ने
लूट लिया
कारवां तुम्हें परीशां देखकर

सहूलियतों
की चाह ने
हमें निक्कमा कर दिया
बन्धन तोड़कर
सिरफ़िरे जो चले
मंजिलें पा गये

३परिन्दे से
उडे थे हम भी
तेरा साथ पाकर
पर न देख पाया
जमाना हमारी यह सुखी
तुम्हें उड़ा दिया शाख से
और पर मेरे
काट डाले सैयाद ने

तुम और
तुम्हारी मासूमयित
मेरा सहारा है
बीते कल को
जाने दो
आज हम हैं तुम हो
आने वाला
कल भी हमारा है

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13 कविताप्रेमियों का कहना है :

सदा का कहना है कि -

बीते कल को
जाने दो
आज हम हैं तुम हो
आने वाला
कल भी हमारा है
बहुत ही बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

विनोद कुमार पांडेय का कहना है कि -

Shyam ji, behad khubsurat panktiyan..badhiya kavita..dhanywaad

वाणी गीत का कहना है कि -

तुम और
तुम्हारी मासूमयित
मेरा सहारा है
बीते कल को
जाने दो
आज हम हैं तुम हो
आने वाला
कल भी हमारा है
सुन्दर भावाभिव्यक्ति ..!!

कविता रावत का कहना है कि -

सहूलियतों
की चाह ने
हमें निक्कमा कर दिया
बन्धन तोड़कर
सिरफ़िरे जो चले
मंजिलें पा गये

bilkul sahi kaha aapne. nikamon ki aaj to phauj mil jayagi.
bahut achhi pratuti. Badhai

Anonymous का कहना है कि -

तुम्हें उड़ा दिया शाख से
और पर मेरे
काट डाले सैयाद ने
behad sunder rachana or abhivykti ke liye badhaai!

rachana का कहना है कि -

sunder chhadikayen .aap jo bhi likhte hain kamal likhte hain
हम तो
सो रहे बेखबर
तुम्हें सौंपकर
अपने गम
रहजनों ने
लूट लिया
कारवां तुम्हें परीशां देखकर
kitna sunder likha hai
saader
rachana

मनोज कुमार का कहना है कि -

सार्थक शब्दों के साथ तार्किक ढ़ंग से विषय को प्रस्तुत किया गया है।

शोभना चौरे का कहना है कि -

सहूलियतों
की चाह ने
हमें निक्कमा कर दिया
बन्धन तोड़कर
सिरफ़िरे जो चले
मंजिलें पा गये
achhi abhivykti

Harihar का कहना है कि -

रहजनों ने
लूट लिया
कारवां तुम्हें परीशां देखकर
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति!

अपूर्व का कहना है कि -

बेहतरीन क्षणिकाऎं बन गयी है सारी..खास कर दूसरी वाली तो सच को पारिभाषित सी करती है..शायद यही फ़र्क भी है..हममें और सिरफ़िरों मे!!

Pritishi का कहना है कि -

पहली तीन क्षणिकाएं बहुत अच्छी लगीं | गहरी और संवेदनशील |

प्रणाम
RC

Anonymous का कहना है कि -

पहली तीन बहुत अच्छी लगी
रिया

Akhilesh का कहना है कि -

accha kaha hai syam jee.

badhayee.

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