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Sunday, May 03, 2009

स्वागत करो...


मन के उन कमरों को खोलो
जिन्हें बरसों से
तुमने बंद कर रखा है।
उन सपनों को निकालो वहाँ से
जो तुम्हारी साँसें बन सकते हैं
तुम्हारे वजूद को
एक सशक्त आकृति दे सकते हैं।
बरसों से बंद दरवाजों की आवाजें
बहुत होंगी.....
पर उससे घबड़ाना मत
सीलन तो ख़त्म होगी
और
नई साज-सज्जा मिलेगी.......
हो सके
तो कोई धुन बजाना.....
संगीत का जादू
बड़ा गहरा होता है
हर निर्णय को-
नई ऊर्जा
नया विश्वास देता है।
तो चलो
आज एक नई शुरूआत करो...
नई ज़िन्दगी
मन के मुखर सपनों का
स्वागत करो...............

-रश्मि प्रभा


कवयित्री रश्मि प्रभा आज से हिन्द-युग्म से स्थाई तौर पर जुड़ रही हैं। ये अपनी कविताएँ रविवार को प्रकाशित किया करेंगी।

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19 कविताप्रेमियों का कहना है :

Yogesh Verma Swapn का कहना है कि -

dhanyawaad , aapke swagat ka.

Himanshu Pandey का कहना है कि -

हो सके
तो कोई धुन बजाना.....
संगीत का जादू
बड़ा गहरा होता है"

निश्चय ही । इस जादू का प्रभाव आत्यंतिक होता है ।
धन्यवाद

मुकेश कुमार तिवारी का कहना है कि -

रश्मिप्रभा जी,

आपको हिन्द-युग्म से जुड़ने पर ढेरों बधाईयाँ अब आपका प्रशंसक वर्ग और व्यापत होगा और रचनाओं को विस्तृत तौर पर पढा जा स्केगा।

मुझे तो आपकी टिप्पणी जो मेरी पहली ब्लॉग पोष्ट पर की थी मुझे आज भी प्रेरित / प्रोत्साहित करती रहती है, और मेरी साहित्य रचना निरंतरता में सहायक होती है।

प्रस्तुत कविता में जीवन में छिपी असीम संभावनाओं को जिस खूबसूरती से बाहर निकाला है वह किसी भी अवसाद के रोगी को जीवन की मुख्यधारा में लौटाने में सहायक होगी।

सादर,

मुकेश कुमार तिवारी

शोभा का कहना है कि -

waag rashmi ji, bahut achha likha hai. badhayi sweekaren

श्यामल सुमन का कहना है कि -

रश्मि प्रभा जी,
बहुत खूब। भावपूर्ण रचना।

आओ मिलकर एक नई शुरूआत करें।
भूलें कल को और आज की बात करें।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com

समय चक्र का कहना है कि -

हिन्द-युग्म से जुड़ने पर ढेरों बधाईयाँ...भावपूर्ण रचना.

ρяєєтii का कहना है कि -

U r Our Proud ...Ilu

संत शर्मा का कहना है कि -

Ek sakaratmak aur khubsurat kavita

Divya Narmada का कहना है कि -

रश्मि प्रभा का आगमन, लाया नवल उजास.
काव्यकामिनी दे रही, मन को अधिक हुलास.

डाॅ रामजी गिरि का कहना है कि -

इस खूबसूरत साहित्यिक यात्रा के लिए शुभकामनाएँ..

rachana का कहना है कि -

आइये आप का स्वागत है
कविता अच्छी बन पड़ी है
बधाई
रचना

manu का कहना है कि -

हमेशा कीतरह सुंदर रचना,,,,,,,,
युग्म का नया वाहक बन्ने पर बहुत बहुत बधाइयां,,,

vandana gupta का कहना है कि -

bahut sundar rachna........dil ko chuti huyi.

Shanno Aggarwal का कहना है कि -

रश्मि जी,

बहुत ही अच्छी लगी रचना मुझे.

अवनीश एस तिवारी का कहना है कि -

रचना सच में सुन्दर है |

बधाई
अवनीश तिवारी

Anonymous का कहना है कि -

रश्मि जी, नमस्कार

आपकी कविता की इब्तिदाई लाइनों में को पढ़कर मुझे अपने बचपन के कभी याद न करने योग्य लम्हे बेसबब ही याद आ गए. जिनके मुताबिक मैं आज भी बंद कमरों से बहार नहीं निकल सका हूँ, बस लोग जिसे घर कहते हैं उस कैदखाने के दरवाजों की दरारों से झांक रहा हूँ तो कभी खिड़की से पर्दा उठाकर कांच के उस तरफ नीचे हमउम्र बच्चों को खेलते देख रहा हूँ और देख रहा हूँ दूसरी मंजिल के कमरे में क़ैद अपने पैरों में पड़ी जंजीरें.
मेरे कैदखाने के दरवाज़े आज तक नहीं खुले हैं इसलिए जियादा तो क्या थोडी-बहुत आवाजों का भी सवाल नहीं उठता. दरवाज़े खुले नहीं इसलिए सीलन भी बराबर बनी हुई है लेकिन इस सीलन को देखने के लिए आपको देखना होगा मेरी आँखों में या और अन्दर उतरना होगा, जहाँ सिर्फ सीलन नहीं समंदर है.....खारे पानी का समंदर.

रश्मि जी, आपकी कविता ने मुझे अपना बचपन याद दिला दिया. अरे भाई मतलब आपकी कविता अच्छी है.

दिनेश "दर्द", उज्जैन (म.प्र.)

anita agarwal का कहना है कि -

बरसों से बंद दरवाजों की आवाजें
बहुत होंगी.....
पर उससे घबड़ाना मत
सीलन तो ख़त्म होगी
bahut sunder...ye sach hai..shuruwaat to karo phir seelan bhi jayegi aur roshni bhi ayegi

નીતા કોટેચા का कहना है कि -

हा ये बात सही है की संगीत में जादू होता है..कितना भी गम हों ह्रदय में, मन कू प्रफुलीत कर देता है...

खोरेन्द्र का कहना है कि -

तो चलो
आज एक नई शुरूआत करो...
नई ज़िन्दगी
मन के मुखर सपनों का
स्वागत करो...............

sundar kavita

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